कोयला घोटाले पर
सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है प्रधानमंत्री
ऑफिस करीब आते जा रहा है। मंगलवार को एक तरफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में जांच
रिपोर्ट सौंपी रही थी तो दूसरी तरफ पीएमओ को अहम चिट्ठी भी भेजने में व्यस्त थी।
सीबीआई ने प्रधानमंत्री ऑफिस को एक नोट भेजकर 2005 में हिंडाल्को को ओडिशा के कोल
ब्लॉक आवंटित किए जाने संबंधी सारे दस्तावेज मांगे हैं। हिंडाल्को देश के
जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी है। बिड़ला पर पहले ही सीबीआई
एफआईआर दर्ज कर चुकी है। वहीं प्रधानमंत्री ऑफिस बिड़ला के स्वामित्व वाली कंपनी
हिंडाल्कों को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के फैसले को बिल्कुल सही बता रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कोयला मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमिटी की उन दोनों मीटिंग की डिटेल देने को कहा है, जिनमें पहले तो हिंडाल्को की अर्जी खारिज कर दी गई थी और बाद में इसी कंपनी को कोल ब्लॉक अलॉट कर दिया गया था। सीबीआई ने पीएमओ से इन दोनों बैठकों का ब्यौरा देने के लिए भी लिखा है। इस लेटर पर पीएमओ में राज्यमंत्री वी़. नारायणस्वामी ने कहा है कि सीबीआई को जरूरी दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं। बिड़ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया समेत उद्योग जगत की ओर से विरोध के स्वर उठे हैं।पीएमओ ने बिड़ला पर एफआईआर के बाद कहा था कि प्रधानमंत्री ने ही बिड़ला को कोल ब्लॉक देने का अंतिम निर्णय मेरिट के आधार पर लिया था। साथ में पीएमओ का यह भी कहना था कि स्क्रीनिंग कमिटी की सिफारिशें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कहने पर बदली गई थीं। सीबीआई पीएम का डायरेक्ट नाम नहीं ले रही है लेकिन बिड़ला और पूर्व कोल सचिव पी. सी. पारेख पर दर्ज एफआईआर में 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' की बात कही गई है। बाद में पीएमओ ने कहा था कि 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' प्रधानमंत्री ही थे।जब सीबीआई के एक सीनियर ऑफिशल से पूछा गया कि क्या इस मामले में प्रधानमंत्री भी जांच के दायरे में हैं या उनसे भी पूछताछ होगी? ऑफिशल ने बताया कि फिलहाल हमलोग पीएमओ से 2005 में हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलों का इंतजार कर रहे हैं। फाइल आने के बाद इस फर फैसला लिया जाएगा कि पीएम से पूछताछ करनी है या नहीं। इस बीच कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा है कि सीबीआई जांच में प्रधानमंत्री पूरा सहयोग करेंगे।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कोयला मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमिटी की उन दोनों मीटिंग की डिटेल देने को कहा है, जिनमें पहले तो हिंडाल्को की अर्जी खारिज कर दी गई थी और बाद में इसी कंपनी को कोल ब्लॉक अलॉट कर दिया गया था। सीबीआई ने पीएमओ से इन दोनों बैठकों का ब्यौरा देने के लिए भी लिखा है। इस लेटर पर पीएमओ में राज्यमंत्री वी़. नारायणस्वामी ने कहा है कि सीबीआई को जरूरी दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं। बिड़ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया समेत उद्योग जगत की ओर से विरोध के स्वर उठे हैं।पीएमओ ने बिड़ला पर एफआईआर के बाद कहा था कि प्रधानमंत्री ने ही बिड़ला को कोल ब्लॉक देने का अंतिम निर्णय मेरिट के आधार पर लिया था। साथ में पीएमओ का यह भी कहना था कि स्क्रीनिंग कमिटी की सिफारिशें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कहने पर बदली गई थीं। सीबीआई पीएम का डायरेक्ट नाम नहीं ले रही है लेकिन बिड़ला और पूर्व कोल सचिव पी. सी. पारेख पर दर्ज एफआईआर में 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' की बात कही गई है। बाद में पीएमओ ने कहा था कि 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' प्रधानमंत्री ही थे।जब सीबीआई के एक सीनियर ऑफिशल से पूछा गया कि क्या इस मामले में प्रधानमंत्री भी जांच के दायरे में हैं या उनसे भी पूछताछ होगी? ऑफिशल ने बताया कि फिलहाल हमलोग पीएमओ से 2005 में हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलों का इंतजार कर रहे हैं। फाइल आने के बाद इस फर फैसला लिया जाएगा कि पीएम से पूछताछ करनी है या नहीं। इस बीच कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा है कि सीबीआई जांच में प्रधानमंत्री पूरा सहयोग करेंगे।
एफआईआर के बाद बिड़ला और पूर्व कोल सचिव पी. सी. पारेख ने कहा था कि
हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। पारेख ने तो यहां तक कहा कि यदि सीबीआई समझती है कि
बिड़ला को मदद करने के लिए मैंने साजिश रची है तब इसमें प्रधानमंत्री को अभियुक्त
नंबर वन बनाया जाना चाहिए। इस केस में बिड़ला के आने के बाद विपक्ष प्रधानमंत्री
से इस्तीफा मांग रहा है। विपक्ष का कहना है कि अयोग्य कंपनियों को मार्केट रेट से
कम पैसे पर कोल ब्लॉक का आवंटन एक बड़ा घोटाला है। इसमें प्रधानमंत्री सीधे तौर पर
जिम्मेदार हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। कैग ने कोल ब्लॉक आवंटन मामले में
अनियमितता से 1.86 करोड़ रुपए नुकसान की बात कही थी।
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