Monday, October 28, 2013

हिंदू और मुसलमानों को आपस में लड़ने के बजाए गरीबी से लड़ना चाहिए

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए बम धमाकों के बीच नरेन्द्र मोदी ने बिलकुल अलग अंदाज में खुद को सेक्युलर रूप में पेश किया। मोदी ने कहा कि हिंदू और मुसलमानों को आपस में लड़ने के बजाए गरीबी से लड़ना चाहिए।
मोदी ने बिहार को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को तोड़ने के बजाए जोड़ने का मंत्र दिया। रैली में उनके निशाने पर नीतीश कुमार भी रहे, जिन्हें मोदी ने अवसरवादी करार दिया। मोदी ने यह भी कहा कि अब तोड़ने का नहीं, बल्कि जोड़ने का काम करेंगे, तभी बिहार आगे बढ़ेगा। चाणक्य के वक्त को इसलिए स्वर्णकाल कहा जाता है, क्योंकि उस वक्त सभी को जोड़ने की बात कही गई थी। मोदी के मुताबिक, कई नेता जातिवाद और धर्म के नाम पर समाज बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे बचना होगा।
मोदी ने कहा कि कथित सेक्युलरवादी धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो उसका एक ही मजहब होगा और वह होगा 'नेशन फर्स्ट'। नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ही मोदी ने कहा कि बिहार में उनके सीएम मित्र हैं, जिनके बारे में पूछा जाता है कि उन्होंने बीजेपी को क्यों छोड़ दिया। मैं उन्हें जवाब देता हूं कि जब वे जेपी को छोड़ सकते हैं तो बीजेपी को क्यों नहीं। मोदी ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) राममनोहर लोहिया की पीठ में खंजर घोंपा है। उनके चेले नीतीश को माफ करें या नहीं, लेकिन जेपी और राममनोहर लोहिया की आत्मा जहां भी होगी, वह माफ नहीं करेंगी। मोदी ने ताना मारा कि जेडीयू से ज्यादा विधायक होने के बावजूद बीजेपी ने इसलिए नीतीश को सीएम बनाना मंजूर किया, क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती थी कि बिहार में फिर से जंगल राज लौटकर आए।
मोदी ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई उन्हें बिहार बुलाना चाहती थी, लेकिन वे इसलिए नहीं आए, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूटे। इसलिए उन्होंने अपमान का घूंट भी पिया। मोदी के मुताबिक, नीतीश को उनके चेलों ने समझाया कि कांग्रेस से जुड़ जाओ तो पीएम बन जाओगे। बस उसी के बाद वह पीएम बनने के सपने देखने लगे और इसी वजह से उन्होंने बीजेपी के साथ विश्वासघात कर डाला। मोदी ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे विश्वासघात करने वालों को माफ न करें और सजा दें। मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने चंपारण से देश को अंग्रेजमुक्त करने का आह्वान किया था। अब बिहार के पटना से कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होना चाहिए

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