Thursday, October 31, 2013

सरदार वल्लभ भाई पटेल के दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का शिलान्यास

गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी भारत को एक सूत्र में बांधने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति का शिलान्यास करने के साथ ही कांग्रेस पर करारा हमला किया और कहा कि बड़े नेताओं की विरासत देश की होती है, किसी पार्टी की नहीं। उन्होंने कहा कि दल से देश बड़ा होता है। इस मौके पर मोदी ने सेक्युलरिज्म को लेकर अपने ऊपर हो रहे हमलों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पटेल भी सेक्युलर थे लेकिन उनका सेक्युलरिज्म सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के रास्ते में नहीं आया। मोदी ने कहा कि हमें पटेल वाला सेक्युलरिज्म चाहिए न कि वोट बैंक वाला सेक्युलरिज्म।
मोदी नर्मदा जिले के केवड़िया में दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति बनवा रहे हैं। 2074 करोड़ की लागत से बनने वाली पटेल की इस मूर्ति को स्टैचू ऑफ यूनिटी का नाम दिया गया है। जाहिर है मोदी इस प्रॉजेक्ट से पटेल को सम्मान देने के साथ-साथ अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी गांधी-नेहरू सियासी वंश परंपरा को चुनौती देना चाहते हैं और उनके समानांतर एक राष्ट्र नायक खड़ा करना चाहते हैं।
इस मौके पर बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि जब देसी रियासतों के राजा मोहम्मद अली जिन्ना से तोल-मोल कर रहे थे तब पटेल ने साहसिक कदम उठाते हुए देश को एक किया। 565 रजवाड़ों को एक करना छोटी बात नहीं थी और यह जिम्मेदारी सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बखूबी निभाई। लालकृष्ण आडवाणी ने इस पहल के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की। इस मौके पर नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल को लेकर मेरे मन में यह आकांक्षा कब से दबी हुआ थी। मोदी ने कहा कि यह लोगों की भी आकांक्षा है जो कि अब जमीन पर उतरने जा रही है

Tuesday, October 29, 2013

इनामी आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू का नीतीश की पार्टी से कनेक्शन

नरेंद्र मोदी की पटना हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट पर अब सिसायत शुरू हो गई है। बीजेपी ने नरेंद्र मोदी के कट्टर प्रतिद्वंद्वी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। बीजेपी ने कहा है कि पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड और 10 लाख रुपये का इनामी आतंकी तहसीन अख्तर उर्फ मोनू का नीतीश की पार्टी से कनेक्शन है। बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव रामेश्वर चौरसिया और बिहार बीजेपी के सीनियर नेता गिरिराज सिंह ने यह आरोप लगाया है।
चौरसिया के मुताबिक, तहसीन अख्तर के चाचा समस्‍तीपुर में जेडीयू के बड़े नेता हैं। तहसीन के चाचा तकी अख्तर जेडीयू के समस्तीपुर जिले के महासचिव हैं। उन्होंने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है। हालांकि जेडीयू ने बीजेपी के दावे को खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि पटना में नरेंद्र मोदी की 'हुंकार रैली' के दिन रविवार को हुए 7 बम धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) के आतंकवादी तहसीन अख्‍तर और वकास का नाम सामने आ रहा है। समस्‍तीपुर का रहने वाला 23 साल का तहसीन आईएम के टॉप आतंकवादियों में से एक है। तहसीन को ही पटना ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। कहा जा रहा है कि तहसीन अब भी पटना में ही मौजूद है।

Monday, October 28, 2013

हिंदू और मुसलमानों को आपस में लड़ने के बजाए गरीबी से लड़ना चाहिए

पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में हुए बम धमाकों के बीच नरेन्द्र मोदी ने बिलकुल अलग अंदाज में खुद को सेक्युलर रूप में पेश किया। मोदी ने कहा कि हिंदू और मुसलमानों को आपस में लड़ने के बजाए गरीबी से लड़ना चाहिए।
मोदी ने बिहार को आगे बढ़ाने के लिए लोगों को तोड़ने के बजाए जोड़ने का मंत्र दिया। रैली में उनके निशाने पर नीतीश कुमार भी रहे, जिन्हें मोदी ने अवसरवादी करार दिया। मोदी ने यह भी कहा कि अब तोड़ने का नहीं, बल्कि जोड़ने का काम करेंगे, तभी बिहार आगे बढ़ेगा। चाणक्य के वक्त को इसलिए स्वर्णकाल कहा जाता है, क्योंकि उस वक्त सभी को जोड़ने की बात कही गई थी। मोदी के मुताबिक, कई नेता जातिवाद और धर्म के नाम पर समाज बांटने की कोशिश कर रहे हैं, जिनसे बचना होगा।
मोदी ने कहा कि कथित सेक्युलरवादी धर्म के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। उन्होंने वादा किया कि अगर उनकी सरकार बनी तो उसका एक ही मजहब होगा और वह होगा 'नेशन फर्स्ट'। नीतीश कुमार का नाम लिए बिना ही मोदी ने कहा कि बिहार में उनके सीएम मित्र हैं, जिनके बारे में पूछा जाता है कि उन्होंने बीजेपी को क्यों छोड़ दिया। मैं उन्हें जवाब देता हूं कि जब वे जेपी को छोड़ सकते हैं तो बीजेपी को क्यों नहीं। मोदी ने कहा कि उन्होंने (नीतीश) राममनोहर लोहिया की पीठ में खंजर घोंपा है। उनके चेले नीतीश को माफ करें या नहीं, लेकिन जेपी और राममनोहर लोहिया की आत्मा जहां भी होगी, वह माफ नहीं करेंगी। मोदी ने ताना मारा कि जेडीयू से ज्यादा विधायक होने के बावजूद बीजेपी ने इसलिए नीतीश को सीएम बनाना मंजूर किया, क्योंकि बीजेपी नहीं चाहती थी कि बिहार में फिर से जंगल राज लौटकर आए।
मोदी ने कहा कि पार्टी की राज्य इकाई उन्हें बिहार बुलाना चाहती थी, लेकिन वे इसलिए नहीं आए, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि जेडीयू और बीजेपी का गठबंधन टूटे। इसलिए उन्होंने अपमान का घूंट भी पिया। मोदी के मुताबिक, नीतीश को उनके चेलों ने समझाया कि कांग्रेस से जुड़ जाओ तो पीएम बन जाओगे। बस उसी के बाद वह पीएम बनने के सपने देखने लगे और इसी वजह से उन्होंने बीजेपी के साथ विश्वासघात कर डाला। मोदी ने बिहार के लोगों से अपील की कि वे विश्वासघात करने वालों को माफ न करें और सजा दें। मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने चंपारण से देश को अंग्रेजमुक्त करने का आह्वान किया था। अब बिहार के पटना से कांग्रेस मुक्त भारत का सपना साकार होना चाहिए

Wednesday, October 23, 2013

सीबीआई जांच - प्रधानमंत्री ऑफिस करीब

कोयला घोटाले पर सीबीआई जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है प्रधानमंत्री ऑफिस करीब आते जा रहा है। मंगलवार को एक तरफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में जांच रिपोर्ट सौंपी रही थी तो दूसरी तरफ पीएमओ को अहम चिट्ठी भी भेजने में व्यस्त थी। सीबीआई ने प्रधानमंत्री ऑफिस को एक नोट भेजकर 2005 में हिंडाल्को को ओडिशा के कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने संबंधी सारे दस्तावेज मांगे हैं। हिंडाल्को देश के जाने-माने उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी है। बिड़ला पर पहले ही सीबीआई एफआईआर दर्ज कर चुकी है। वहीं प्रधानमंत्री ऑफिस बिड़ला के स्वामित्व वाली कंपनी हिंडाल्कों को कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने के फैसले को बिल्कुल सही बता रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने कोयला मंत्रालय की स्क्रीनिंग कमिटी की उन दोनों मीटिंग की डिटेल देने को कहा है, जिनमें पहले तो हिंडाल्को की अर्जी खारिज कर दी गई थी और बाद में इसी कंपनी को कोल ब्लॉक अलॉट कर दिया गया था। सीबीआई ने पीएमओ से इन दोनों बैठकों का ब्यौरा देने के लिए भी लिखा है। इस लेटर पर पीएमओ में राज्यमंत्री वी़. नारायणस्वामी ने कहा है कि सीबीआई को जरूरी दस्तावेज पहले ही दिए जा चुके हैं। बिड़ला के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा, कॉरपोरेट मामलों के मंत्री सचिन पायलट, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहलूवालिया समेत उद्योग जगत की ओर से विरोध के स्वर उठे हैं।पीएमओ ने बिड़ला पर एफआईआर के बाद कहा था कि प्रधानमंत्री ने ही बिड़ला को कोल ब्लॉक देने का अंतिम निर्णय मेरिट के आधार पर लिया था। साथ में पीएमओ का यह भी कहना था कि स्क्रीनिंग कमिटी की सिफारिशें ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के कहने पर बदली गई थीं। सीबीआई पीएम का डायरेक्ट नाम नहीं ले रही है लेकिन बिड़ला और पूर्व कोल सचिव पी. सी. पारेख पर दर्ज एफआईआर में 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' की बात कही गई है। बाद में पीएमओ ने कहा था कि 'कॉम्पिटेंट अथॉरिटी' प्रधानमंत्री ही थे।
जब सीबीआई के एक सीनियर ऑफिशल से पूछा गया कि क्या इस मामले में प्रधानमंत्री भी जांच के दायरे में हैं या उनसे भी पूछताछ होगी? ऑफिशल ने बताया कि फिलहाल हमलोग पीएमओ से 2005 में हिंडाल्को को कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ी फाइलों का इंतजार कर रहे हैं। फाइल आने के बाद इस फर फैसला लिया जाएगा कि पीएम से पूछताछ करनी है या नहीं। इस बीच कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा है कि सीबीआई जांच में प्रधानमंत्री पूरा सहयोग करेंगे।
एफआईआर के बाद बिड़ला और पूर्व कोल सचिव पी. सी. पारेख ने कहा था कि हमने कुछ भी गलत नहीं किया है। पारेख ने तो यहां तक कहा कि यदि सीबीआई समझती है कि बिड़ला को मदद करने के लिए मैंने साजिश रची है तब इसमें प्रधानमंत्री को अभियुक्त नंबर वन बनाया जाना चाहिए। इस केस में बिड़ला के आने के बाद विपक्ष प्रधानमंत्री से इस्तीफा मांग रहा है। विपक्ष का कहना है कि अयोग्य कंपनियों को मार्केट रेट से कम पैसे पर कोल ब्लॉक का आवंटन एक बड़ा घोटाला है। इसमें प्रधानमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए। कैग ने कोल ब्लॉक आवंटन मामले में अनियमितता से 1.86 करोड़ रुपए नुकसान की बात कही थी।

Friday, October 18, 2013

पीएम का नाम शामिल करने की याचिका

सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही कोयला घोटाले की सीबीआई जांच के लपेटे में क्या प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी आ सकते हैं? इस सवाल को तब और बल मिला जब कोयला घोटाले में आदित्य बिड़ला ग्रुप (2,50,000 करोड़) के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला और पूर्व कोयला सचिव पी.सी. पारेख के खिलाफ दायर एफआईआर में एक सक्षम अधिकारी (कॉम्पिटेंट अथॉरिटी) का जिक्र सामने आया।
सवाल गर्म है कि सीबीआई जिस शख्स को सारे महत्वपूर्ण फैसलों के पीछे बता रही है आखिर वह सक्षम अधिकारी है कौन? न्यूज चैनल एनडीटीवी ने बिड़ला और पारेख पर दर्ज एफआईआर की कॉपी के हवाले से बताया है कि कोल ब्लॉक आवंटन में एक सक्षम अधिकारी अहम फैसलों को बदलता था। गौरतलब है कि तब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पास ही कोयला मंत्रालय की जिम्मेदारी थी। सीबीआई इस पर फिलहाल कुछ भी कहने से बच रही है। दूसरी तरफ प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि इस मामले में कुछ भी छुपाया नहीं जा रहा है।
पूर्व कोयला सचिव पी. सी. पारेख ने कहा कि हिंडाल्को को तालाबीरा−2 कोल ब्लॉक देने में कोई गड़बडी नहीं हुई है। अगर गड़बड़ी है तो प्रधानमंत्री भी जिम्मेदार हैं। पारेख ने एफआईआर के बाद कहा था कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है। तब प्रधानमंत्री के हिस्से में ही कोयला मंत्रालय था और अंतिम फैसला वही लेते थे। ऐसे में दिलचस्प मामला यह है कि सीबीआई की एफआईआर मेंप्रधानमंत्री या उनके दफ्तर का नाम नहीं है।

सीबीआई का कहना है कि पीसी पारेख ने फैसला बदला दूसरी तरफ एफआईआर में एक सक्षम अधिकारी का जिक्र है, जिसने फैसला बदलने को मंज़ूरी दी। एफआईआर के मुताबिक महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड और नेवेलि लिग्नाइट कार्पोरेशन को तालाबीरा−2 और तालाबीरा−3 कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने की सिफारिश और कुछ दिशा निर्देशों में संशोधन प्रस्तावों को सक्षम अधिकारी के सामने रखा गया। इसने दिशा निर्देशों में प्रस्तावित बदलावों को मंजूरी दी और निर्देश दिया कि संशोधित दिशा निर्देशों के तहत 25वीं स्क्रीनिंग कमिटी के मिनट देखें और कोयला सचिव के स्तर पर मंजूर किए जाएं। इसी के मुताबिक तत्कालीन कोयला सचिव पीसी पारेख ने 16 जून 2005 के अपने नोट के जरिये 15 जुलाई 2005 तक आवंटन पत्र जारी करने का निर्देश दिया।
सीबीआई की एफआईआर में सक्षम अधिकारी का जिक्र आगे भी आता है। सीबीआई जांच से पता चला है कि जब सक्षम अधिकारी द्वारा स्क्रीनिंग कमिटी की सिफारिशों को मंजूरी दी जा रही थी, तभी उसे हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड के कुमार मंगलम बिड़ला की ओर से 7 मई 2005 और 17 जून 2005 को लिखी गईं चिट्ठियां मिलीं। इनमें तालाबीरा−2 कोल ब्लॉक आवंटित किए जाने का अनुरोध किया गया था इसे कोयला मंत्रालय को भेज दिया गया। एफआईआर के इस हिस्से दो बातें पूरी तरह से साफ हो जाती हैं कि न कोयला सचिव सक्षम अधिकारी हैं और न ही कोयला मंत्रालय। तब सवाल उठता है कि यह सक्षम अधिकारी कौन है। सीबीआई इस सवाल का जवाब नहीं देती। बस इतना कहती है कि प्रधानमंत्री कार्यालय को भी क्लीन चिट नहीं दी गई है।

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी राज्य के तालाबीरा-2 कोल ब्लॉक का आवंटन उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी हिंडाल्को को किए जाने की सिफारिश की थी। उन्होंने यह ब्लॉक सरकारी क्षेत्र की नेवेली लिग्नाइट को अलॉट किए जाने के बाद कोयला मंत्री को खत लिखा था, जिसमें हिंडाल्को को अलॉटमेंट न होने पर आपत्ति जताते हुए फिर से अलॉटमेंट की बात कही गई थी। सीबीआई को मामले की जांच के दौरान यह खत बरामद हुआ है। सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान नवीन से भी पूछताछ की जा सकती है। गौरतलब है कि यह कोल ब्लॉक हिंडाल्को को दिए जाने के बाद सीबीआई ने तत्कालीन कोयला सचिव पी.सी. पारेख और बिड़ला के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पीएम का नाम शामिल करने की याचिका 
कोल ब्लॉक अलॉटमेंट मामले में सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके कहा गया है कि सीबीआई ने इस मामले में जो 14 वीं एफआईआर दर्ज की है, उसमें तत्कालीन कोल मिनिस्टर यानी पीएम मनमोहन सिंह का नाम नहीं है और ऐसे में एफआईआर में उनका भी नाम होना चाहिए। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही कोल ब्लॉक अलॉटमेंट को कैंसल करने की अर्जी दाखिल की जा चुकी है, जिस पर सुनवाई चल रही है। याचिकाकर्ता एडवोकेट एम. एल. शर्मा के मुताबिक, याचिका में कहा गया है कि मनमोहन सिंह 2005 में कोयला मंत्री थे और उसी वक्त कोल ब्लॉक अलॉटमेंट का फैसला लिया गया था। याचिका के मुताबिक, 15 अक्टूबर, 2013 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज किया, जिसमें तत्कालीन कोल सेक्रेटरी प्रकाश चंद्र पारेख और अन्य को आरोपी बनाया है। आवेदन में पारेख के बयान का जिक्र किया गया है, जिसमें पारेख ने 16 अक्टूबर को बयान दिया है कि अलॉटमेंट का फैसला गलत नहीं है और अगर सीबीआई कहती है कि यह साजिश के तहत किया गया है तो तत्कालीन कोल मिनिस्टर यानी पीएम को भी जिम्मेदार बनाया जाए।

Tuesday, October 15, 2013

भुखमरी के शिकार- एक चौथाई लोग सिर्फ भारत में

 खुद को उभरती हुई आर्थिक शक्ति मानकर गर्व करने वाले भारत के लिए यह खबर शर्मनाक है। दुनिया में भुखमरी के शिकार जितने लोग हैं, उनमें से एक चौथाई लोग सिर्फ भारत रहते हैं। भुखमरी के मामले में हमारे हालात पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे मुल्कों से भी कहीं ज्यादा खराब हैं। भुखमरी मापने वाले सूचकांक ग्लोबल हंगर इंडेक्स (GHI) ने 2011-2013 की अपनी रिपोर्ट में भारत को इस मामले में 63वें स्थान पर रखा है। जबकि, श्रीलंका 43वें, पाकिस्तान 57वें, बांग्लादेश 58वें नंबर पर है। बता दें कि इस सूची में चीन छठे नंबर पर है।
भारत को इंडेक्स ने 'अलार्मिंग कैटिगरी' में रखा है। आपको बता दें कि इस सूची में भयानक गरीबी झेलने वाले इथोपिया, सूडान, कांगो, नाइजर, चाड और दूसरे अफ्रीकी देश शामिल हैं। हैरतअंगेज तथ्य यह है कि देश में 5 साल से कम उम्र के 40 प्रतिशत बच्चे अब भी कुपोषित हैं।
सोमवार को जारी की गई GHI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2011-13 में दुनिया में भूख से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 84 करोड़ 20 लाख है। इनमें से 21 करोड़ लोग यानी यानी एक चौथाई के लगभग लोग अकेले भारत में हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की हालत पहले से भले ही बेहतर हुई हो लेकिन कई पड़ोसी मुल्कों से बदतर है। विकसित देशों की बात जाने भी दें तो पाकिस्तान और बांग्लादेश से ज्यादा भुखमरी हमारे देश में है।

Friday, October 11, 2013

राजा भैया को अखिलेश सरकार में फिर से जगह दी गई

उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव सरकार का तीसरा मंत्रिमंडल विस्तार शुक्रवार हुआ। राजभवन में हुए इस मंत्रिमंडल विस्तार में यूपी की सियासत में दबंग नेता माने जाने वाले रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की एक बार फिर अखिलेश सरकार में वापसी हो गई है। राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी के पीछे आगामी लोकसभा चुनाव को माना जा रहा है। यूपी के सियासी पंडितों का कहना है कि यूपी में राजपूत वोट हासिल करने के मकसद से राजा भैया को अखिलेश सरकार में फिर से जगह दी गई है।
15 मार्च, 2012 को सरकार बनने के बाद यह पहला मंत्रिमंडल विस्तार 9 फरवरी को हुआ था। इसमें 10 मंत्रियों को जगह दी गई थी। इसके बाद बीती 18 जुलाई को भी मंत्रिमंडल विस्तार हुआ। इसमें 3 मंत्री बनाए गए। एक को प्रमोशन भी दिया गया। अब यह चौथा मंत्रिमंडल विस्तार हुआ है। इस विस्तार में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की अखिलेश सरकार में वापसी हुई है।
पिछले मंत्रिमंडल विस्तार की तरह इस विस्तार का आधार भी लोकसभा चुनाव ही रहा है। लगातार उपेक्षा की वजह से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि रघुराज प्रताप सिंह बीजेपी के करीब जा सकते हैं। इसी डर की वजह से मंत्रिमंडल में उनकी वापसी हुई है। साथ ही कहा जा रहा है कि यूपी में आज की तारीख में राजपूत नेताओं में सबसे बड़ा चेहरा राजा भैया का ही है। अगले लोकसभा चुनावों में राजपूत वोटों को हासिल करने के लिए भी राजा भैया की मंत्रिमंडल में वापसी तय थी।

Tuesday, October 8, 2013

सीमांध्र में बिजली कर्मियों ने हड़ताल के तहत थर्मल प्लांट बंद

 आंध्र प्रदेश के विभाजन के खिलाफ सीमांध्र और रायलसीमा में चल रहे आंदोलन की तपिश में अब देश के दूसरे राज्य भी झुलसने लगे हैं। सीमांध्र में बिजली कर्मियों ने हड़ताल के तहत थर्मल प्लांट बंद कर दिए गए हैं, इससे दक्षिणी पावर ग्रिड से बिजली की सप्लाई चरमरा गई। आंध्र प्रदेश के अलावा तमिलनाडु और कर्नाटक के कई हिस्से अंधेरे में डूब गए हैं। इससे ट्रेनों के आवागमन और कारखानों के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। सीमांध्र में प्रदर्शनकारियों ने हाईवे बंद कर दिया है। इसकी वजह से ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में पूर्वी-दक्षिणी कॉरिडोर के जरिए होने वाली समानों की ढुलाई प्रभावित हुई है।
राज्य के प्रस्तावित विभाजन के खिलाफ वाईएसआर कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस जगनमोहन रेड्डी का अनिश्चितकालीन अनशन आज चौथे दिन में प्रवेश कर गया। तटीय आंध्र और रायलसीमा क्षेत्रों में चल रहे धरने, विरोध-प्रदर्शन की एक कड़ी सोमवार को देश की राजधानी तक आ पहुंची। बंटवारे के विरोध में तेलुगुदेशम पार्टी के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू ने यहां अनिश्चितकालीन अनशन शुरू किया। आंध्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की संभावनाओं पर कांग्रेस प्रवक्ता भक्त चरण दास ने कहा कि समय आने पर इस पर विचार किया जा सकता है।
नायडू ने आंध्र के हालात बयां करने के लिए इतालवी शब्द 'इमोबिलिज्मो' का इस्तेमाल किया, जिसका अर्थ है गतिरोध। उनका कहना था कि दिल्ली की सरकार और कांग्रेस केवल इसी भाषा को समझेंगे। हालांकि, तेलंगाना का समर्थन या विरोध करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनके लिए सभी तीनों क्षेत्र बराबर हैं। नायडू के अनशन शुरू करने के कुछ देर बाद कांग्रेस महासचिव और आंध्र प्रदेश के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने कहा कि तेलंगाना पर सर्वदलीय बैठक में सीपीएम के अलावा सभी दलों ने आंध्र के विभाजन का समर्थन किया था। उनके पास तेलंगाना के समर्थन में नायडू का लिखा पत्र भी है।

Thursday, October 3, 2013

हर गांव में लाखों रुपये के देवालय तो हैं, लेकिन शौचालय नहीं

 बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी बुधवार को दिल्ली अलग अंदाज में नजर आए। त्यागराज स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम 'मंथन' में युवाओं संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि देवालय से पहले शौचालय होना चाहिए।
मोदी ने युवाओं को लुभाने का कोई मौका नहीं छोड़ा। भाषण के दौरान मोदी ने कहा कि 21वीं सदी में भी हमारी महिलाओं को खुले में शौच के लिए जाना पडता है। देश के लिए इससे शर्मनाक और क्या बात होगी। मेरी पहचान तो हिंदूत्ववादी की है लेकिन मैं अपनी असली सोच बताता हूं। मैं अपने राज्य में कहता हूं, पहले शौचालय फिर देवालय। हर गांव में लाखों रुपये के देवालय तो हैं, लेकिन शौचालय नहीं।
मोदी ने कहा कि दिल्ली के इतने बड़े ग्रुप ने कभी नॉर्थ ईस्ट के लोगों के विषय में सोचा ही नहीं होगा। ये उनकी प्रायॉरिटी लिस्ट में आया ही नहीं होगा। मैंने दो साल पहले नॉर्थ ईस्ट के सभी सीएम को लेटर लिख कर हर स्टेट से 200 महिला पुलिसकर्मी को गुजरात भेजने की गुजारिश की थी। मेरी सोच थी कि नॉर्थ ईस्ट की इंग्लिश स्पीकिंग पुलिस गुजरात में टूरिजम पुलिसिंग को डिवेलप करती।
मोदी ने कहा कि गुजराती सबसे अच्छे टूरिस्ट होते हैं। आप कहीं भी जाइए आपको केम छो... मिल जाएगा। फाइवस्टार होटल में बैठकर लोग घर का डिब्बा खोलकर थेपला और ढोकला खाते मिल जाएंगे। उन्होंने कहा - टेररिज्म डिवाइड्स ऐंड टूरिजम यूनाइट्स।
मोदी ने कहा कि कोई भी पॉलिसी बनाने में पब्लिक पार्टिसिपेशन होना चाहिए। विकास के लिए आउट ले से बढ़कर आउटकम पर जाना होगा और सोशल ऑडिट करना होगा। टेक्नॉलॉजी पर जोर देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में जहां से ऑप्टिकल फाइबर गुजरेगा वहीं पर बस्तियां बसेंगी।
मोदी ने कहा कि एक बार मुझे पीएम ने महंगाई कंट्रोल करने के लिए एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए कहा। मैंने रिपोर्ट दी पर दो साल हो गए उसमें कुछ हुआ नहीं। फिर कहा कि एक बार मेरी पीएम से बात हुई... मैंने कहा कि जेएनयूआरएम को नेक्स्ट जनरेशन के लिए सोचना चाहिए। कई आइडिया भी दिए। उन्होंने कहा रिपोर्ट बना कर दो, मैंने दी, कहा कि प्लानिंग कमिशन को बताओं मैंने बताया, कहा कि सैम पित्रोदा को बताओ मैंने बताया...मैं बताते बताते थक गया पर कुछ हुआ नहीं।
मोदी ने कहा कि एक पत्रकार ने मुझसे पूछा कि क्या चुनाव जल्दी आएंगे? मैंने कहा चुनाव जल्दी आएंगे या नहीं, उसका निर्णय तो करना पड़ता है ना, जो सरकार निर्णय ना करने के लिए मशहूर हो वहां वे ये निर्णय करेंगे ये सोचना ही बेकार है। उन्होंने कहा कि कोई भी क्रिमिनल नेता नहीं चाहता। दिल्ली में बैठी सरकार को जनता की नब्ज की पहचान नहीं है वरना ऐसा ऑर्डिनेंस लाने की गलती नहीं करते। पीएम की पगड़ी उछाल दी वह अलग। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार तब जाएगा जब एक बार तय कर लें कि इस पाप में पड़ना ही नहीं है, यह ऊपर से तय करना होगा।
मोदी पहले भी यूथ वोटर्स पर जोर देते रहे हैं। उन्होंने कहा कि 18 साल का होना और वोटर बनना भी सेलिब्रेट होना चाहिए। इलेक्शन कमिशन से चिट्ठी जानी चाहिए। ऐसा माहौल बनाना चाहिए। मोदी ने बात बात में बताया कि मैं वर्कहॉलिक हूं। मैं सोशल मीडिया में बहुत ऐक्टिव हूं


अध्यादेश पर मचे बवाल के बीच सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला किया

सजायाफ्ता सांसदों और विधायकों की सदस्यता बचाने के लिए लाए गए अध्यादेश पर मचे बवाल के बीच सरकार ने इसे वापस लेने का फैसला किया। बुधववार शाम को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया।
इससे पहले सुबह में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की और इसके बाद पार्टी कोर ग्रुप में इस पर चर्चा हुई। हमारे कांग्रेस कोर ग्रुप ने सरकार से कहा कि अध्यादेश को वापस लिया जाना चाहिए। इसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति प्रवण मुखर्जी से मुलाकात की।

कोर ग्रुप की बैठक में आम राय बनी कि जनभावना अध्यादेश के खिलाफ है और राष्ट्रपति ने इसे लौटा दिया तो सरकार की और किरकिरी हो जाएगी। सूत्रों की मानें तो पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी प्रधानमंत्री को अध्यादेश वापस लेने का सुझाव दिया। कोर ग्रुप ने प्रधानमंत्री से कहा कि वह शाम 6 बजे होने वाली कैबिनेट बैठक में सहयोगी दलों को विश्वास में लेकर अध्यादेश वापसी की तैयारी करें। इस बैठक में प्रधानमंत्री और सोनिया गांधी के अलावा गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और अहमद पटेल शामिल थे। वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी शहर से बाहर होने के कारण इस बैठक में शामिल नहीं हो सके।
साफ है कि अध्यादेश वापस लेने का फैसला कोर ग्रुप में ही हो चुका था, लेकिन इसके ऐलान से पहले शाम को कैबिनेट की मीटिंग में सहयोगी पार्टियों के मंत्रियों को विश्वास में लेना था। दरअसल, राहुल ने जिस शैली में अध्यादेश को बकवास बताते हुए फाड़कर फेंकने की बात कही थी इससे सहयोगी दल काफी खुश नहीं थे। इसलिए कांग्रेस इस मसले पर सहयोगियों को साथ लेकर आगे बढ़ना चाहती थी।

Tuesday, October 1, 2013

जेल में घुसते हुए लालू प्रसाद यादव ने एक पुलिस ऑफिसर से खैनी बनवाई

 चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद लालू प्रसाद यादव को मधु कोड़ा वाली 'वीआईपी' कोठरी में रखा गया है। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल की इसी कोठरी में रखा गया था। इसके अलावा कई और मंत्री भी यहां बंद रह चुके हैं।
उधर, जेल में लालू का फक्कड़ देसी अंदाज देखने को मिल रहा है। कोर्ट के फैसले के बाद जेल में घुसते हुए उन्होंने एक पुलिस ऑफिसर से खैनी बनवाई और पसंद न आने पर थोड़ा डपट भी दिया। दरअसल लालू ने गेट पर खड़े एक डीएसपी को खैनी बनाने को कहा। डीएसपी की बनाई खैनी का स्वाद लालू को कुछ जमा नहीं और फिर उसकी ओर देखते हुए वह कहने लगे, 'का मरदे, खैनियो बनाने का ढंग नहीं है।'

चारा घोटाले में दोषी ठहराए गए पूर्व विधायक आरके राणा व जहानाबाद के सांसद जगदीश शर्मा को लालू के पास वाली कोठरी में रखा गया है। लालू की तरह बाकी कैदियों को जरूरत की सभी चीजें मुहैया कराई गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, जेल मैनुअल के मुताबिक लालू को वीआईपी भोजन दिया गया। जेल पहुंचते ही उन्हें सबसे पहले चाय मिली। रात में उन्हें रोटी, दाल व सब्जी दी गई। उन्होंने इसके बाद टीवी देखा और फिर रात करीब साढ़े 10 बजे वह सो गए।
जेल सूत्रों के मुताबिक लालू कोठरी में सफाई से खासे खुश नजर आए। दरअसल जेल प्रशासन ने कोर्ट के फैसले के मद्देनजर जेल के कमरों की सफाई रविवार की सुबह से ही शुरू कर दी थी।