बुजुर्गों के खिलाफ अपराध के मामले में राष्ट्रीय राजधानी एक लिस्ट में टॉप पर है। इसने मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों को काफी पीछे छोड़ दिया है। पुलिस के आंकड़ों के हवाले से एक एनजीओ ने बताया है कि दिल्ली में बुजुर्गों के खिलाफ होने वाले अपराध मुंबई के मुकाबले चार गुना ज्यादा हैं, जबकि बेंगलुरु के मुकाबले दो गुना ज्यादा। हेल्पेज इंडिया की एक स्टडी में यह बात सामने आई है। यह एनजीओ बुजुर्गों के कल्याण के लिए काम करता है। बताया गया है कि दिल्ली में 10 लाख बुजुर्ग हैं। पिछले साल दिल्ली में बुजुर्गों के खिलाफ जितने भी अपराध हुए, उनमें उन्हें चोट पहुंचाने की सबसे ज्यादा घटनाएं (42.2 पर्सेंट) हुईं। इसके बाद हत्या (35.5 पर्सेंट) और डकैती (13.3 पर्सेंट) के मामले आते हैं। एक और खास बात यह है कि बुजुर्गों के लिए मुसीबत खुद अपने बच्चे और रिश्तेदार पैदा करते हैं। लेकिन परिवार की लाज बचाने और निर्भरता के कारण वे जुबान नहीं खोलते। 52 पर्सेंट बुजुर्गों को प्रॉपर्टी के लिए उनके बच्चे या रिश्तेदार प्रताड़ित करते हैं। बुजुर्गों के खिलाफ अपराध करने वालों में 50 पर्सेंट बेटे और बहू हैं। इसके बाद पड़ोसियों का नंबर आता है। फिर दूसरे लोग बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं। प्रॉपर्टी के लिए बुजुर्गों को प्रताड़ित किए जाने के सबसे ज्यादा मामले साउथ दिल्ली में दर्ज किए गए हैं। यह इलाका पॉश कॉलोनियों का है। सेंट्रल दिल्ली में ऐसे मामलों का हिस्सा 20.8 पर्सेंट है। बुजुर्गों की प्रताड़ना शारीरिक, मानसिक या आर्थिक किसी भी प्रकार की हो सकती है।
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