Saturday, May 9, 2009

आज है मदर दिवस, क्या हम अपनी मां को कुछ दे सकते है ?

बच्चे के साथ ही एक मां का भी जन्म होता है। वह मां, जो अपनी पूरी जिंदगी बच्चे के लिए खुशियां और सहूलियतें जुटाने में लगा देती है। दुखद यह है कि बड़े होते ही हम और आप अपनी जिंदगी में इतने मसरूफ हो जाते हैं कि मां के बारे में सोचने की फुरसत ही नहीं मिलती, जबकि जिंदगी के इस मोड़ पर उसे हमारे प्यार और वक्त की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। आज मदर्स डे है। इसके बहाने आप अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। हम आपको बताते हैं चंद ऐसे आइडिया, जिनके जरिये आप मां के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकते हैं : मेडिकल चेकअप : हमारे देश में महिलाएं परिवार का ख्याल रखने में अपनी सेहत को पूरी तरह नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। आज या अगले हफ्ते में किसी दिन आप मां को मेडिकल चेकअप के लिए नजदीक के किसी अच्छे अस्पताल में ले जाएं। फोर्टिस में डिपार्टमेंट ऑफ डायबीटीज एंड मेटाबॉलिज्म के हेड डॉ. अनूप मिश्रा के मुताबिक 45 साल और उससे बड़ी उम्र की महिलाओं को दिल की बीमारियों के अलावा डायबीटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दिक्कत और मीनोपॉज से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में साल में एक बार फिजिकल चेकअप जरूर कराएं। इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, कॉलेस्ट्रॉल, ईसीजी, गायनी, बोन डेंसिटी, मेमोग्रफी और पेप स्मीयर टेस्ट कराए जाने चाहिए। घुमाने ले जाएं : स्कूलों में अब गर्मियों की छुट्टियां या तो हो गई हैं या होनेवाली हैं। आप हर साल बच्चों को घूमाने ले जाते हैं। इस बार पैरंट्स को भी ले जाएं। हिल स्टेशन या हरिद्वार, ऋषिकेश आदि तीर्थस्थान पर। आजकल चार धाम यात्रा भी चल रही है। दिल्ली में या दिल्ली के आसपास किसी हरी-भरी और शांत जगह भी घुमाने ले जा सकते हैं। सिर्फ घर की 'चौकीदारी' का जिम्मा सौंपने के बजाय उसकी जिंदगी में कुछ खुशियां भरें। कुछ वक्त भी निकालें : भागदौड़ भरी इस जिंदगी में किसी के पास वक्त नहीं है। बुजुर्ग पैरंट्स के लिए तो बिल्कुल नहीं! इससे वे खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। सीनियर सायकायट्रिस्ट डॉ. समीर मल्होत्रा कहते हैं कि इंसान के लिए पॉजिटिव संपर्क बेहद जरूरी है। मां तो बच्चों के लिए हमेशा करती है। बच्चे भी पैरंट्स को यह अहसास कराएं कि हम आपके लिए मौजूद हैं। बातचीत इसका अच्छा जरिया है। इससे हम अगली पीढ़ी में भी बड़ों का सम्मान और उनका ख्याल रखने के संस्कार रोप पाएंगे। तो फिर रोज कुछ देर मां के साथ तमाम अच्छे बुरे अनुभव और कुछ खट्टी-मीठी यादें शेयर करें। छुट्टी होने की वजह से आज दूसरे कामों का बहाना भी नहीं चलेगा। उनके दोस्तों-रिश्तेदारों को दें इज्जत : अगर उनके दोस्तों या जान-पहचान वालों को इज्जत न बख्शें तो बड़े-बुजुर्ग को बहुत बुरा लगता है। ऐसे लोग जब भी उनसे मिलने आएं तो बिना पूछे चाय-कॉफी आदि से उनका सत्कार करें। आज अपनी मां की सहेलियों को खाने पर बुलाएं। उनकी अच्छी तरह आवभगत करें। आपकी मां को बेहद गर्व और सुकून महसूस होगा। प्यारा-सा एक गिफ्ट : आमतौर पर बड़े-बुजुर्ग अपने ऊपर पैसा खर्च कराने से बचते हैं। सो, आज आप अपनी मां की जरूरत या पसंद की कोई भी चीज मसलन - ड्रेस, चश्मा, किताबें आदि गिफ्ट करें। उन्हें महसूस होगा कि कोई है, जो उनका ख्याल रखता है और यह बहुत अच्छा अहसास होगा।

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