नई यूपीए सरकार ने साफ कर दिया है कि संसद हमला मामले के अपराधी अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी। मौत की सजा पाए अपराधियों के राष्ट्रपति से माफी की अपील के जितने भी मामले हैं उन सब पर क्रम से विचार होगा। गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बताया कि मौत की सजा पाए 28 कैदियों के मामले हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने गृह सचिव से इन मामलों पर सूची में क्रमानुसार विचार करने को कहा है जिससे याचिकाओं को स्वीकार करने या अस्वीकार करने का फैसला किया जा सके'। बकौल चिदंबरम, 'गृह सचिव पहला मामला देखेंगे। फिर हम सूची में क्रम से बाद के कैदियों के मामले देखेंगे। अधिकारी मुझे एक-एक करके हर मामले के बारे में जानकारी देंगे।' जब उनसे पूछा गया कि आखिर अफजल गुरु की दया याचिका पर कब विचार किया जाएगा तो चिदंबरम ने कहा, 'अफजल की याचिका सूची में 22वें नंबर पर है। यह कई बार कहा जा चुका है और मैं चाहता हूं कि आप ये दो नंबर याद रखें - 28 में से 22वां।
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