Saturday, May 23, 2009

प्रणव दा वित्त मंत्री

प्रणव दा वित्त मंत्री
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, इनकम टैक्स छूट सीमा को लेकर इस वक्त दो ऑप्शन हैं। सीमा छूट को 1.50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.75 लाख रुपये या फिर दो लाख रुपये तक बढ़ाने की गुंजाइश है। अगर सीमा छूट 1.75 लाख रुपये तक बढ़ाया गया, तो सीधे तौर पर 5 हजार करोड़ रुपये का घाटा सरकार को सहना होगा। अगर इनकम टैक्स छूट सीमा 2 लाख रुपये कर दी जाती है तो सरकारी खजाने पर 10 हजार करोड़ रुपये का भार पड़ेगा। साल 2008-09 में डाइरेक्ट टैक्स कलेक्शन, जिसमें इनकम टैक्स भी शामिल है, लक्ष्य से कम रहा है। लक्ष्य 3.45 लाख करोड़ रुपये का था, मगर कुल कलेक्शन 3.38 लाख करोड़ रुपये का रहा। साल 2009-10 में वित्तीय घाटा 3.35 लाख करोड़ रुपये होने की आशंका है। ऐसे में इसकी भरपाई के लिए सरकार को कुल टैक्स कलेक्शन में 20 से 30 फीसदी की बढ़ोतरी करनी पड़ेगी। इधर राजस्व सचिव पी. वी. शिंदे का कहना है कि जो परिस्थितियां हैं, उसमें टैक्स कटौती को लेकर ज्यादा उदार रवैया नहीं रखा जा सकता है। आखिर देश को चलाने के लिए सरकारी खजाने में धन की आवश्यकता तो होगी।

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