Saturday, May 30, 2009
अमिताभ बच्चन ने ऑस्ट्रेलिया से डॉक्टरेट की मानद उपाधि लेने से इनकार कर दिया
Wednesday, May 27, 2009
पहले विस्तार में गुरुवार को कुल 59 मंत्रियों को शामिल किया जाएगा
। इन मंत्रियों के शपथ लेने के बाद मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी, जिसमें 33 कैबिनेट मंत्री होंगे। गुरुवार को 14 कैबिनेट मंत्रियों, 7 स्वतंत्र प्रभार वाले राज्यमंत्रियों और 38 राज्यमंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगा। शिवराज पाटिल और हंसराज भारद्वाज जैसे दिग्गजों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। इससे पहले 22 मई को मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के मौके पर 19 कैबिनेट मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली थी। इनमें से केवल छह के मंत्रालय घोषित किए गए हैं। प्रणव मुखर्जी को वित्त मंत्रालय, शरद पवार को कृषि, खाद्यान्न एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय, ए. के. एंटनी को रक्षा मंत्रालय, पी. चिदंबरम को गृह मंत्रालय, ममता बनर्जी को रेल मंत्रालय और एस. एम. कृष्णा को विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को जो सूची सौंपी है, वह इस प्रकार है - कैबिनेट मंत्री - वीरभद्र सिंह, विलासराव देशमुख, फारूक अब्दुल्ला, दयानिधि मारन, ए. राजा, मल्लिकार्जुन खड़गे, कुमारी शैलजा, सुबोधकांत सहाय, एम. एस. गिल, जी. के. वासन, पवन कुमार बंसल, मुकुल वासनिक, कांतिलाल भूरिया और एम. के. अझागिरी।
स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्यमंत्री - प्रफुल्ल पटेल, पृथ्वीराज चव्हाण, श्रीप्रकाश जायसवाल, सलमान खुर्शीद, दिनाशा पटेल, जयराम रमेश और कृष्णा तीरथ। राज्यमंत्री- ई. अहमद, वी. नारायणसामी, श्रीकांत जेना, मुनापल्ली रामचन्द्रन, श्रीमती डी. पुरन्देश्वरी, श्रीमती पानाबाका लक्ष्मी, अजय माकन, के. एच. मुनिअप्पा, नमो नारायण मीणा, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद, ए. साई प्रताप, गुरुदास कामत, एम. एम. पल्लम राजू, महादेव खंडेला, हरीश रावत, प्रोफेसर के. वी. थामस, सौगत राय, दिनेश त्रिवेदी, शिशिर अधिकारी, सुलतान अहमद, मुकुल राय, मोहन जटुआ, एस. एस. पलानीमणिक्कम, डी. नेपोलियन, एस. जगतरक्षकन, एस. गांधीसेल्वन, प्रणीत कौर, सचिन पायलट, शशि थरूर, भरत सिंह सोलंकी, तुषार भाई चौधरी, अरुण यादव, प्रतीक प्रकाशबापू पाटिल, आर. पी. एन. सिंह, विंसेंट पाला, प्रदीप जैन और सुश्री अगाथा संगमा।
Monday, May 25, 2009
अफजल गुरु को फांसी देने के मामले में कोई जल्दबाजी नहीं की जाएगी।
Saturday, May 23, 2009
प्रणव दा का तोहफा, टेक्स में दे सकते हैं छूट
प्रणव दा वित्त मंत्री
Thursday, May 21, 2009
मनीष पांडे की धमाकेदार सेंचुरी की बदौलत
Monday, May 18, 2009
चौधरी चरण सिंह की औलाद यही करेगी
Tuesday, May 12, 2009
सरकारी तंत्र का फंक्शन, उसके फंक्शनरी और फंड। अभी तक इन तीनों पर सिर्फ नेताओं और सरकारी कर्मचारियों का ही कब्जा रहा
Saturday, May 9, 2009
आज है मदर दिवस, क्या हम अपनी मां को कुछ दे सकते है ?
बच्चे के साथ ही एक मां का भी जन्म होता है। वह मां, जो अपनी पूरी जिंदगी बच्चे के लिए खुशियां और सहूलियतें जुटाने में लगा देती है। दुखद यह है कि बड़े होते ही हम और आप अपनी जिंदगी में इतने मसरूफ हो जाते हैं कि मां के बारे में सोचने की फुरसत ही नहीं मिलती, जबकि जिंदगी के इस मोड़ पर उसे हमारे प्यार और वक्त की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। आज मदर्स डे है। इसके बहाने आप अपनी मां के चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं। हम आपको बताते हैं चंद ऐसे आइडिया, जिनके जरिये आप मां के प्रति अपनी भावनाओं का इजहार कर सकते हैं : मेडिकल चेकअप : हमारे देश में महिलाएं परिवार का ख्याल रखने में अपनी सेहत को पूरी तरह नजरअंदाज कर देती हैं। ऐसे में उन्हें कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं। आज या अगले हफ्ते में किसी दिन आप मां को मेडिकल चेकअप के लिए नजदीक के किसी अच्छे अस्पताल में ले जाएं। फोर्टिस में डिपार्टमेंट ऑफ डायबीटीज एंड मेटाबॉलिज्म के हेड डॉ. अनूप मिश्रा के मुताबिक 45 साल और उससे बड़ी उम्र की महिलाओं को दिल की बीमारियों के अलावा डायबीटीज, ब्लड प्रेशर, जोड़ों में दिक्कत और मीनोपॉज से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में साल में एक बार फिजिकल चेकअप जरूर कराएं। इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, कॉलेस्ट्रॉल, ईसीजी, गायनी, बोन डेंसिटी, मेमोग्रफी और पेप स्मीयर टेस्ट कराए जाने चाहिए। घुमाने ले जाएं : स्कूलों में अब गर्मियों की छुट्टियां या तो हो गई हैं या होनेवाली हैं। आप हर साल बच्चों को घूमाने ले जाते हैं। इस बार पैरंट्स को भी ले जाएं। हिल स्टेशन या हरिद्वार, ऋषिकेश आदि तीर्थस्थान पर। आजकल चार धाम यात्रा भी चल रही है। दिल्ली में या दिल्ली के आसपास किसी हरी-भरी और शांत जगह भी घुमाने ले जा सकते हैं। सिर्फ घर की 'चौकीदारी' का जिम्मा सौंपने के बजाय उसकी जिंदगी में कुछ खुशियां भरें। कुछ वक्त भी निकालें : भागदौड़ भरी इस जिंदगी में किसी के पास वक्त नहीं है। बुजुर्ग पैरंट्स के लिए तो बिल्कुल नहीं! इससे वे खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। सीनियर सायकायट्रिस्ट डॉ. समीर मल्होत्रा कहते हैं कि इंसान के लिए पॉजिटिव संपर्क बेहद जरूरी है। मां तो बच्चों के लिए हमेशा करती है। बच्चे भी पैरंट्स को यह अहसास कराएं कि हम आपके लिए मौजूद हैं। बातचीत इसका अच्छा जरिया है। इससे हम अगली पीढ़ी में भी बड़ों का सम्मान और उनका ख्याल रखने के संस्कार रोप पाएंगे। तो फिर रोज कुछ देर मां के साथ तमाम अच्छे बुरे अनुभव और कुछ खट्टी-मीठी यादें शेयर करें। छुट्टी होने की वजह से आज दूसरे कामों का बहाना भी नहीं चलेगा। उनके दोस्तों-रिश्तेदारों को दें इज्जत : अगर उनके दोस्तों या जान-पहचान वालों को इज्जत न बख्शें तो बड़े-बुजुर्ग को बहुत बुरा लगता है। ऐसे लोग जब भी उनसे मिलने आएं तो बिना पूछे चाय-कॉफी आदि से उनका सत्कार करें। आज अपनी मां की सहेलियों को खाने पर बुलाएं। उनकी अच्छी तरह आवभगत करें। आपकी मां को बेहद गर्व और सुकून महसूस होगा। प्यारा-सा एक गिफ्ट : आमतौर पर बड़े-बुजुर्ग अपने ऊपर पैसा खर्च कराने से बचते हैं। सो, आज आप अपनी मां की जरूरत या पसंद की कोई भी चीज मसलन - ड्रेस, चश्मा, किताबें आदि गिफ्ट करें। उन्हें महसूस होगा कि कोई है, जो उनका ख्याल रखता है और यह बहुत अच्छा अहसास होगा।