Wednesday, December 9, 2015

मान्यता यूजीसी या एआईसीटीई में से कौन देगा

देश के टेक्नीकल और प्रोफेशनल कॉलेजों का अगला शिक्षण सत्र 2016-17 लेट होना तय है। दरअसल 8835 कॉलेजों की मान्यता का मामला एक बार फिर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के बीच उलझ गया है। इस तरह की स्थिति वर्ष 2014-15 के सत्र में भी बनी थी।
तब सुप्रीम कोर्ट ने एआईसीटीई को अगले साल और मान्यता की प्रक्रिया पूरी करने के आदेश दिए थे। यह समय समाप्त होते ही अब एआईसीटीई मान्यता की प्रक्रिया पर अगला आदेश प्राप्त करने के लिए फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय तय करेगा कि कॉलेजों को मान्यता यूजीसी या एआईसीटीई में से कौन देगा। नियमानुसार अगले सत्र के लिए प्रक्रिया सितंबर माह से शुरू हो जाती है, जो कि पहले से ही तीन माह लेट हो चुकी है।
मामला टेक्नीकल और प्रोफेशनल कॉलेजों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अधीन किए जाने का है। यूजीसी इन कॉलेजों को अपने अधीन लेने के लिए वर्ष 2005 में सुप्रीम कोर्ट गई थी। जिस पर कोर्ट ने एआईसीटीई सभी कॉलेज यूजीसी को सौंपने का निर्देश दिया था।
इस निर्देश के तहत वर्ष 2014 में यूजीसी ने सभी कॉलेजों को अपने अधीन लिए जाने की प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन तैयारियां पूरी नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट ने 2014-15 की मान्यता वृद्घि का अधिकार एआईसीटीई को दे दिया था। यह अधिकार सुप्रीम कोर्ट ने एक शिक्षण सत्र के दिए थे, लेकिन दो शिक्षण सत्र बीत जाने के बाद भी यूजीसी ने एआईसीटीई के कॉलेजों को अपने अधीन लेने की तैयारी पूरी नहीं की है। इसको देखते हुए अगले शिक्षण सत्र से पहले एआईसीटीई अब सुप्रीम कोर्ट चली गई।

दिसंबर के अंत तक सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होना है। सुनवाई होने के बाद यह स्थिति तय होगी कि अगले शिक्षण सत्र की मान्यता वृद्घि यूजीसी देगा या एआईसीटीई जारी करेगा। ऐसे में काउंसलिंग प्रक्रिया लेट हो सकती है। इससे एडमिशन में देरी होगी और अगला शिक्षण सत्र भी पिछड़ सकता है।

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