हरियाणा सरकार ने पिछले दिनों अनपढ़ों के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का
कानून बनाया है। इसके बाद से ही मेवात में पढ़ी-लिखी बहू लाने के चलन में तेजी आई
है। ऐसे में कई लोग चुनावी टिकट पाने की लालसा में पढ़ी-लिखी लड़की से दूसरी शादी
करने को भी तैयार हैं।
मजेदार बात यह है कि इस काम में पहली पत्नी ही पति का सहयोग कर रही है।
गुड़गांव लोकसभा सीट के तहत आने वाले मेवात में कई परिवार भावी दुल्हन को चुनावी
टिकट देने का वादा कर रहे हैं।
दरअसल, ये ऐसे परिवार हैं, जिनके पास
पीढ़ियों से गांवों की प्रधानी थी या वे जिला पंचायत पर काबिज थे। मगर, हाल ही में बने कानून के बाद प्रधानी जाती दिख रही है।
परिवार के सदस्य इतनी जल्दी शिक्षित नहीं हो सकते। लिहाजा रसूखदार लोगों
ने शिक्षित बहू लाकर सीट बचाने रास्ता चुना है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जुलाई के बाद से इस साल करीब 50 शादियां
ऐसी हुई हैं, जिनमें कई पीढ़ियों से राजनीतिक वर्चस्व जमाए
बैठे परिवारों ने भावी दुल्हन को टिकट देने का वादा कर शादी की है। 2011 की जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक मेवात में महिलाओं की साक्षरता दर महज
30% है।
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