Monday, November 30, 2015

कश्मीर यूनिवर्सिटी में चरमपंथ

आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट दुनिया भर में भर्ती अभियान चला रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में चरमपंथ के मामले पर चर्चा जम्मू-कश्मीर सरकार के साथ चर्चा की। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि कश्मीर यूनिवर्सिटी के युवा हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकवादी संगठन में शामिल हो रहे हैं।
आईबी ने 'कश्मीर यूनिवर्सिटी में चरमपंथ' नाम से एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें आतंकवादी बनने वाले छात्रों की बढ़ती संख्या के लिए कैंपस के भीतर की फैकल्टी को जिम्मेदार ठहराया गया है। साथ ही राज्य सरकारों को भी आतंक के उन आकाओं की पहचान करने के लिए कहा गया है, जो इन युवाओं में आतंकवाद का जहर भर रहे हैं।
केंद्र ने राज्य सरकार को आईएस की ओर से प्रायोजित प्रोपेगेंडा से मुकाबला करने के लिए कड़े कदम उठाने की सलाह भी दी। एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि अब तक कश्मीर युवाओं के आईएस में शामिल होने का कोई मामला सामने नहीं आया है।
हालांकि, बाहर रह रहे कश्मीर युवक-युवतियां आईएस की तरफ आकर्षित हो रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया में पढ़ रहा श्रीनगर का एक नौजवान इस साल की शुरुआत में भारतीय पासपोर्ट पर तुर्की पहुंचा था। माना जा रहा है कि अब वह आईएस में शामिल हो चुका है।

जम्मू-कश्मीर सरकार के सूत्रों ने बताया कि केंद्र और खुफिया एजेंसियों के बीच बातचीत अब नियमित प्रक्रिया का हिस्सा होगी। सरकार की योजना युवाओं को इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ संवेदनशील बनाना और चरमपंथ पर बातचीत करना है।

No comments: