भले ही आम बजट 2015
में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मिडल क्लास को कोई बड़ी
रियायत नहीं दी है, लेकिन उन्होंने लोगों की बचत का रास्ता खोल दिया है। सुकन्या समृद्धि स्कीम में
निवेश की गई पर पहले से ही टैक्स छूट थी, लेकिन बजट में इसके ब्याज से
होने वाली आय और परिपक्वता पर मिलने वाली रकम को टैक्स फ्री करने की घोषणा की गई
है। तीनों स्तर पर टैक्स छूट के मामले में पर इसने पीपीएफ की बराबरी कर ली है, लेकिन इस पर ब्याज पीपीएफ से
ज्यादा है। यानी अब सुकन्या समृद्धि स्कीम में निवेश से पीपीएफ से भी बेहतर रिटर्न
मिलेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा, 'सुकन्या समृद्धि स्कीम में निवेश पहले से ही सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन योग्य है। जमा राशि पर भुगतान की गई ब्याज राशि समेत लाभार्थियों को भुगतान की गई सारी राशि पूरी तरह से अब टैक्सी फ्री होगी।'
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को अपने बजट भाषण में कहा, 'सुकन्या समृद्धि स्कीम में निवेश पहले से ही सेक्शन 80सी के तहत डिडक्शन योग्य है। जमा राशि पर भुगतान की गई ब्याज राशि समेत लाभार्थियों को भुगतान की गई सारी राशि पूरी तरह से अब टैक्सी फ्री होगी।'
इस स्कीम के तहत, अभिभावक या कानूनी संरक्षक अधिकतम दो लड़कियों के नाम से बैंक खाता बच्ची के
जन्म से लेकर उसकी आयु 10 साल होने तक खुलवा सकते हैं। खाते कम-से-कम 1000 रुपये की राशि जमा करके खुलवाए जा सकते हैं। एक वित्तीय वर्ष में खाते में कम
से कम एक हजार रुपये और ज्यादा से ज्यादा 1.5 लाख रुपये जमा किए जा सकते हैं।
इस स्कीम के तहत खाता किसी डाक घर या कमर्शल बैंकों में खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम पर ब्याज दर 9.1 फीसदी है, जो पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से .35% अधिक है। लड़की की उम्र 18 साल होने के बाद जमा की गई राशि का 50 फीसदी धन निकाला जा सकता है। 21 वर्ष की उम्र के बाद पूरी राशि निकाली जा सकती है।
अगर निवेश से होने वाली आय की तुलना की जाए तो यह स्कीम पीपीएफ से भी बेहतर है। जहां पीपीएफ में अधिकतम एक खाता खुलवाया जा सकता है, वहीं इसके तहत दो बच्चियों के नाम से खाता खुलवाया जा सकता है
इस स्कीम के तहत खाता किसी डाक घर या कमर्शल बैंकों में खुलवाया जा सकता है। इस स्कीम पर ब्याज दर 9.1 फीसदी है, जो पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज से .35% अधिक है। लड़की की उम्र 18 साल होने के बाद जमा की गई राशि का 50 फीसदी धन निकाला जा सकता है। 21 वर्ष की उम्र के बाद पूरी राशि निकाली जा सकती है।
अगर निवेश से होने वाली आय की तुलना की जाए तो यह स्कीम पीपीएफ से भी बेहतर है। जहां पीपीएफ में अधिकतम एक खाता खुलवाया जा सकता है, वहीं इसके तहत दो बच्चियों के नाम से खाता खुलवाया जा सकता है
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