देश भर में मैनेजमेंट प्रोग्राम अब अपनी चमक खोता जा रहा है। ऑल
इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) द्वारा जारी किए गए लेटेस्ट
आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले अकैडमिक वर्ष में देश भर में इंजिनियरिंग
संस्थानों द्वारा ऑफर किए जा रहे 147 बिजनस स्कूल और एमबीए प्रोग्राम
बंद हो गए।
मैनेजमेंट संस्थानों में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोम प्रोग्राम की संख्या भी 606 से कम होकर 600 हो गई है। सबसे ज्यादा 24 एमबीए कॉलेज महाराष्ट्र में बंद हुए, उसके बाद तमिलनाडु में 23 और आंध्र प्रदेश में 19 एमबीए कॉलेज बंद हुए। सिर्फ बिहार, झारखंड और केरल में नए संस्थानों में इजाफा हुआ है। इन राज्यों ने इस अवधि में एक-एक नए संस्थान शुरू किए हैं।
मैनेजमेंट संस्थानों में पोस्टग्रेजुएट डिप्लोम प्रोग्राम की संख्या भी 606 से कम होकर 600 हो गई है। सबसे ज्यादा 24 एमबीए कॉलेज महाराष्ट्र में बंद हुए, उसके बाद तमिलनाडु में 23 और आंध्र प्रदेश में 19 एमबीए कॉलेज बंद हुए। सिर्फ बिहार, झारखंड और केरल में नए संस्थानों में इजाफा हुआ है। इन राज्यों ने इस अवधि में एक-एक नए संस्थान शुरू किए हैं।
एजुकेशनल कंसल्टेंट मूर्ति सेल्वाकुमारन ने कहा कि
ज्यादातर संस्थानों के बंद होने का कारण मुख्य रूप से संरक्षण का अभाव था। कॉमन
ऐडमिशन टेस्ट में कमी होने के साथ यह गिरावट करीब दो साल पहले शुरू हुई। कॉमन
ऐडमिशन टेस्ट के आधार पर ही देश भर के अग्रणी मैनेजमेंट संस्थानों और अन्य
मैनेजमेंट प्रोग्राम में दाखिला मिलता है।
ग्रेट लेक्स इंस्टिट्युट ऑफ मैनेजमेंट के डायरेक्टर टी.एन.स्वामीनाथन का कहना है कि बिजनस स्कूलों के बंद होने का कारण सरप्लस सप्लाई और मांग में कमी का होना था। उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, इस साल कैट के लिए 1.93 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया जिनमें से मात्र 1.53 लाख छात्रों ने परीक्षा दी।'
सेल्वाकुमारन का कहना है कि इंजिनियरिंग संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे कई मैनेजमेंट कोर्स बंद हो रहे हैं क्योंकि वे छात्रों की स्किल्स में बेहतरी लाने और उनको रोजगार परक बनाने पर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्वामीनाथन ने कहा कि कइयों को इसलिए बंद करना पड़ा, क्योंकि उनलोगों ने युनिवर्सिटी का पाठ्यक्रम अपनाया जो आउटडेट हो चुके थे और वे स्वायत्त बिजनस स्कूलों की तरह छात्रों को आकर्षित नहीं कर सकें। स्वायत्त बिजनस स्कूल मार्केट की जरूरत के मुताबिक अपने पाठ्यक्रम को अपडेट करते रहते हैं।
मार्केट में ऑनलाइन मैनेजमेंट प्रोग्राम ने भी अपने पैठ बनाई है। मैनेजमेंट ऐंड आन्त्रप्रन्योरशिप में लाखों छात्रों को प्रशिक्षण देने वाले ऑनलाइन बिजनस स्कूल MyBSkool.com के संस्थापक के.स्वामीनाथन के कहा कि कई संस्थानों के पास अच्छी टीचिंग फैकल्टी का अभाव है जिस कारण उनको मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, 'बिजनस स्कूलों में फैकल्टी के अभाव में एमबीए की पढ़ाई तुरंत समाप्त करने वाले लोग पढ़ा रहे हैं। एक अच्छे मैनेजमेंट कोर्स के लिए उद्योग जगत का अनुभव रखने वाले फैकल्टी की जरूरत है। ऑनलाइन प्रोग्राम बेस्ट फैकल्टी के साथ यह चीज प्रदान करने में सफल है क्योंकि इसमें समय और दूरी की कोई चिंता नहीं रहती है
ग्रेट लेक्स इंस्टिट्युट ऑफ मैनेजमेंट के डायरेक्टर टी.एन.स्वामीनाथन का कहना है कि बिजनस स्कूलों के बंद होने का कारण सरप्लस सप्लाई और मांग में कमी का होना था। उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए, इस साल कैट के लिए 1.93 लाख उम्मीदवारों ने रजिस्ट्रेशन कराया जिनमें से मात्र 1.53 लाख छात्रों ने परीक्षा दी।'
सेल्वाकुमारन का कहना है कि इंजिनियरिंग संस्थाओं द्वारा चलाए जा रहे कई मैनेजमेंट कोर्स बंद हो रहे हैं क्योंकि वे छात्रों की स्किल्स में बेहतरी लाने और उनको रोजगार परक बनाने पर पर्याप्त रूप से ध्यान नहीं दे रहे हैं।
स्वामीनाथन ने कहा कि कइयों को इसलिए बंद करना पड़ा, क्योंकि उनलोगों ने युनिवर्सिटी का पाठ्यक्रम अपनाया जो आउटडेट हो चुके थे और वे स्वायत्त बिजनस स्कूलों की तरह छात्रों को आकर्षित नहीं कर सकें। स्वायत्त बिजनस स्कूल मार्केट की जरूरत के मुताबिक अपने पाठ्यक्रम को अपडेट करते रहते हैं।
मार्केट में ऑनलाइन मैनेजमेंट प्रोग्राम ने भी अपने पैठ बनाई है। मैनेजमेंट ऐंड आन्त्रप्रन्योरशिप में लाखों छात्रों को प्रशिक्षण देने वाले ऑनलाइन बिजनस स्कूल MyBSkool.com के संस्थापक के.स्वामीनाथन के कहा कि कई संस्थानों के पास अच्छी टीचिंग फैकल्टी का अभाव है जिस कारण उनको मैनेजमेंट प्रोग्राम चलाने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, 'बिजनस स्कूलों में फैकल्टी के अभाव में एमबीए की पढ़ाई तुरंत समाप्त करने वाले लोग पढ़ा रहे हैं। एक अच्छे मैनेजमेंट कोर्स के लिए उद्योग जगत का अनुभव रखने वाले फैकल्टी की जरूरत है। ऑनलाइन प्रोग्राम बेस्ट फैकल्टी के साथ यह चीज प्रदान करने में सफल है क्योंकि इसमें समय और दूरी की कोई चिंता नहीं रहती है
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