इस चुनाव
में मोदी के 10
लाख के सूट का मुद्दा भी लोगों के
दिलों दिमाग पर छाया रहा। जहां लोकसभा चुनाव में मोदी की इमेज एक चाय वाले के रूप
में पेश की जा रही थी वहीं इस सूट से उनकी इमेज एक अमीर पीएम की दिखाई गई।
कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया और यह बात लोगों के
दिलों दिमाग पर भी छा गई। इतना ही नहीं जाते जाते अमेरिका के राष्ट्रपति बराक
ओबामा ने धार्मिक असहिष्णुता को जो मुद्दा फैंका वह भी लोगों को हिट किया। यही
कारण रहा कि मुस्लिम, अल्पसंख्यक
वर्ग सहित धार्मिक निरपेक्षता में विश्वास करने वाले तमाम लोग आम आदमी पार्टी की
ओर मुड गए।
दरअसल
गणतंत्र दिवस पर ओबामा की विजिट को बीजेपी ने इस तरह से पेश किया जैसे पूरे विश्व
में पीएम नरेंद्र मोदी और देश का जबरदस्त प्रभाव बढ़ रहा हो। मोदी जिस तरह से
ओबामा से आंखों में आंखें डालकर बातें करते नजर आए उसे भी बीजेपी ने भुनाने की
पूरी कोशिश की गई। बीजेपी के कई कैंडिडेट ने तो इसे चुनाव में जोड़कर फायदा लेने
की भी कोशिश की लेकिन ओबामा ने जाते जाते एक ऐसा तीर फेंक दिया जिसमें कहा गया कि
भारत में सभी धर्मों का आदर होना चाहिए। यह बयान अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को
उजागर कर रहा था। इससे बीजेपी को काफी धक्का लगा। दिल्ली के तमाम लोग भी मानते हैं
कि इससे बीजेपी को नुकसान पहुंचा।
मोदी का 10 लाख का सूट और उस पर नरेंद्र मोदी का नाम लिखा होना भी उनकी
आत्म मुग्धता की कहानी कहता नजर आया है। इससे भी लोगों के अंदर जो मोदी की एक इमेज
थी उसे धक्का लगा। ऐसे ही मामले पहले भी आए हैं, जिनसे कई नेताओं की इमेज खराब हुई। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू
प्रसाद यादव की इमेज को भी उनके हाथों में लाखों की अंगूठियों की खबर ने डेमेज
किया था। पहले लालू यादव को गरीबों का मशीहा, चरवाहे के
लड़के के रूप में जाना जाता था जब यह खबर आई कि वे अंगुलियों में लाखों की
अंगूठियां पहनते हैं तो लालू वादी सामंतवादी मानसिकता में फंसते नजर आए इससे उनकी
लोकप्रियता भी कम हुई।
उत्तराखंड
के पूर्व सीएम नारायण दत्त तिवारी ने भी अपने करीबियों को इतनी लाल बत्ती की गाड़ी
दे दीं जो विवाद का विषय बना इतना ही नहीं लाल बत्तियों को लेकर वहां पर लोक गीत
तक बने और उनकी लोकप्रियता पर असर पड़ा। यूपी की पूर्व सीएम मायावती की लोक
प्रियता भी उनके विलासिता वाले जीवन से कम हुई।
No comments:
Post a Comment