रीटेल सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की
इजाजत देने के यूपीए सरकार के फैसले की वजह से एक संगठन ने प्रधानमंत्री कार्यालय
के तत्कालीन राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी और तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदंबरम की
जान लेने की साजिश रची थी। यह आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने
तमिलनाडु लिबरेशन आर्मी के छह लोगों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। 32 पेज की यह चार्जशीट 30 सितंबर को पुडुचेरी की एक विशेष
अदालत में दाखिल की गई थी।
हमारे पास मौजूद चार्जशीट की कॉपी में कहा गया है कि इन छह लोगों ने 29 जनवरी को नारायणस्वामी और 25 फरवरी को चिदंबरम की जान लेने की योजना बनाई थी। चार्जशीट के मुताबिक, आरोपित लोग रीटेल सेक्टर में एफडीआई की इजाजत देने के यूपीए सरकार के फैसले से नाराज थे और उनका मानना था कि नारायणस्वामी और चिदंबरम की इस नीति को तैयार करने में बड़ी भूमिका थी। एनआईए का कहना है कि पुडुचेरी में नारायणस्वामी के घर के बाहर खड़ी एक कार के नीचे एक बम रखा गया था, जिसे पुलिस ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया। दूसरी तरफ, तमिलनाडु के शिवगंगा में चिदंबरम के घर में भी एक बम प्लांट किया गया था। एनआईए के मुताबिक, इस संगठन ने हालांकि राज्य के बाहर के किसी नेता के खिलाफ ऐसा कुछ करने की नहीं सोची थी।
हमारे पास मौजूद चार्जशीट की कॉपी में कहा गया है कि इन छह लोगों ने 29 जनवरी को नारायणस्वामी और 25 फरवरी को चिदंबरम की जान लेने की योजना बनाई थी। चार्जशीट के मुताबिक, आरोपित लोग रीटेल सेक्टर में एफडीआई की इजाजत देने के यूपीए सरकार के फैसले से नाराज थे और उनका मानना था कि नारायणस्वामी और चिदंबरम की इस नीति को तैयार करने में बड़ी भूमिका थी। एनआईए का कहना है कि पुडुचेरी में नारायणस्वामी के घर के बाहर खड़ी एक कार के नीचे एक बम रखा गया था, जिसे पुलिस ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया। दूसरी तरफ, तमिलनाडु के शिवगंगा में चिदंबरम के घर में भी एक बम प्लांट किया गया था। एनआईए के मुताबिक, इस संगठन ने हालांकि राज्य के बाहर के किसी नेता के खिलाफ ऐसा कुछ करने की नहीं सोची थी।
यूपीए सरकार ने मल्टि-ब्रैंड
रिटेल में 51% एफडीआई को साल 2012
में मंजूरी दी थी। एनआईए का कहना है कि तमिलनाडु
लिबरेशन आर्मी के इन छह मेंबरों ने साजिश रचने के लिए कई बैठकें की थीं। एनआईए ने
मदुरै में कैटरिंग का काम करने वाले तिरुसेल्वम को मुख्य षड्यंत्रकारी बताते हुए
कहा, 'इन बैठकों में इन लोगों ने तमिल लोगों के अधिकारों, तमिल और भारतीय मछुआरों के मुद्दे, कुडनकुलम परमाणु संयंत्र परियोजना और रीटेल में
एफडीआई पर भारत सरकार की नीतियों की निंदा की थी और उनके प्रति असंतोष जताया था।' एनआईए का कहना है कि एक अन्य आरोप जॉन मार्टिन ने इन
बैठकों की मेजबानी की थी और वह 'वॉलमार्ट,
रिलायंस के पक्ष में नीतियां बनाए जाने के खिलाफ था।'
एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने तीन पाइप बम बनाए और तिरुसेल्वम ने पहला बम 29 जनवरी को नारायणस्वामी के घर के बाहर एक कार के नीचे लगाया था। उसने ऐसा मुथुकुमारन को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था, जिसने श्रीलंका में गृहयुद्ध के विरोध में 2009 में उसी दिन खुद को आग लगाकर जान दे दी थी।
एनआईए का कहना है, 'दूसरा पाइप बम तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के शिवगंगा के मानगिरि वाले आवास में फरवरी 2014 में रखा गया था।' एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने उस दिन यानी 25 फरवरी 2014 को चिदंबरम के घर में कुछ पैंफलेट्स भी छोड़े थे।
चार्जशीट में कहा गया है, 'इन पैंफलेट्स में केंद्र सरकार के खिलाफ बातें की गई थीं। देश में बहुराष्ट्रीय रिटेल कंपनियों की एंट्री, नदियों के पानी को लेकर विवाद, राजीव गांधी मर्डर केस में दोषी तीन तमिलों की रिहाई, कुडनकुलम में न्यूक्लियर प्लांट जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ बयान थे।'
एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने तीन पाइप बम बनाए और तिरुसेल्वम ने पहला बम 29 जनवरी को नारायणस्वामी के घर के बाहर एक कार के नीचे लगाया था। उसने ऐसा मुथुकुमारन को श्रद्धांजलि देने के लिए किया था, जिसने श्रीलंका में गृहयुद्ध के विरोध में 2009 में उसी दिन खुद को आग लगाकर जान दे दी थी।
एनआईए का कहना है, 'दूसरा पाइप बम तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम के शिवगंगा के मानगिरि वाले आवास में फरवरी 2014 में रखा गया था।' एनआईए का कहना है कि आरोपियों ने उस दिन यानी 25 फरवरी 2014 को चिदंबरम के घर में कुछ पैंफलेट्स भी छोड़े थे।
चार्जशीट में कहा गया है, 'इन पैंफलेट्स में केंद्र सरकार के खिलाफ बातें की गई थीं। देश में बहुराष्ट्रीय रिटेल कंपनियों की एंट्री, नदियों के पानी को लेकर विवाद, राजीव गांधी मर्डर केस में दोषी तीन तमिलों की रिहाई, कुडनकुलम में न्यूक्लियर प्लांट जैसे मुद्दों पर सरकार के खिलाफ बयान थे।'
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