बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार रात दशहरे पर रावण दहन के
दौरान मची भगदड़ में 33 लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 लोग घायल हो गए। मृतकों की
तादाद बढ़ने की आशंका है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बिजली के पोल में स्पार्क
होने से जोरदार आवाज पैदा हुई, जिससे कई लोगों को लगा कि बम धमाका हुआ है। इसके बाद मैदान
में भगदड़ मच गई।
बिहार के गृह सचिव और एडीजी गुप्तेश्वर पांडे ने भगदड़ में अभी तक 33 लोगों की मौत की खबर की पुष्टि की है। इस भगदड़ में घायल हुए लोगों को पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। मरने वालों ने महिलाओं और बच्चों की तादाद सबसे अधिक है। केंद्र सरकार ने पीएम राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। पटना हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
बिहार के गृह सचिव और एडीजी गुप्तेश्वर पांडे ने भगदड़ में अभी तक 33 लोगों की मौत की खबर की पुष्टि की है। इस भगदड़ में घायल हुए लोगों को पटना के पीएमसीएच में भर्ती कराया गया है। मरने वालों ने महिलाओं और बच्चों की तादाद सबसे अधिक है। केंद्र सरकार ने पीएम राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख और घायलों को 50 हजार रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। पटना हादसे के बाद हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है।
शुक्रवार को गांधी मैदान में हर साल की तरह विजयादशमी के
दौरान रावण दहन का आयोजन किया गया था। लोग पूरे परिवार के साथ मेले में शामिल होने
के लिए आए थे। बताया जा रहा है कि मेले में करीब 5 लाख लोग आए थे। लेकिन मेले के खत्म होने के ठीक बाद मची भगदड़ ने रंग में भंग
डाल दिया। चश्मदीदों के मुताबिक रावण दहन के दौरान जब लोग घरों की ओर लौट रहे थे, उसी समय यह भगदड़ मची। लोग
बदहवास होकर इधर-उधर भागने लगे, जिससे लोग कुचलते चले गए। इस हादसे का शिकार सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे हुए।
इस भगदड़ के दौरान कई लोग अपने परिजनों और बच्चों से भी बिछड़ गए। बच्चों की तलाश में बिलखते परिजन भगदड़ के बाद उन्हें इधर-उधर तलाशते रहे। वहीं परिजनों से बिछड़े कई बच्चे गांधी मैदान में एक तरफ खड़े रोते-बिलखते मिले। वहीं दूसरी तरफ गांधी मैदान में जहां-तहां बिखरे जूते चप्पल और सामान भगदड़ की भयावहता की गवाही दे रहे हैं।
पटना के गांधी मैदान में भगदड़ के बाद का दृश्य बेहद हिला देने वाला था। हरी साड़ी पहने एक महिला मैदान पर बेसुध होकर पड़ी थी, वहीं छोटे-छोटे बच्चों के चप्पल जहां-तहां बिखरे पड़े थे। हादसे के ठीक बाद लोग खुद ही घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गए। कई लोग बेसुध बच्चों को लेकर अस्पताल की ओर दौड़ते दिखाई दिए।
इस भगदड़ के दौरान कई लोग अपने परिजनों और बच्चों से भी बिछड़ गए। बच्चों की तलाश में बिलखते परिजन भगदड़ के बाद उन्हें इधर-उधर तलाशते रहे। वहीं परिजनों से बिछड़े कई बच्चे गांधी मैदान में एक तरफ खड़े रोते-बिलखते मिले। वहीं दूसरी तरफ गांधी मैदान में जहां-तहां बिखरे जूते चप्पल और सामान भगदड़ की भयावहता की गवाही दे रहे हैं।
पटना के गांधी मैदान में भगदड़ के बाद का दृश्य बेहद हिला देने वाला था। हरी साड़ी पहने एक महिला मैदान पर बेसुध होकर पड़ी थी, वहीं छोटे-छोटे बच्चों के चप्पल जहां-तहां बिखरे पड़े थे। हादसे के ठीक बाद लोग खुद ही घायलों को अस्पताल पहुंचाने में जुट गए। कई लोग बेसुध बच्चों को लेकर अस्पताल की ओर दौड़ते दिखाई दिए।
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