जनलोकपाल बिल को
लेकर केंद्र के साथ टकराव की स्थिति पैदा करने वाले अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रपति
प्रणव मुखर्जी ने इशारों-इशारों में नसीहत दे डाली। संसद में आयोजित एक कार्यक्रम
में राष्ट्रपति ने कहा कि कानून बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को संसद की
शुचिता का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की वैधानिकता को उचित ठहराने
का हक सिर्फ कोर्ट को है।
उन्होंने कहा, 'संविधान का पालन करना हर पार्टी का नैतिक दायित्व है। कोई भी कानून संविधान के दायरे में ही बनना चाहिए।' उधर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि केजरीवाल मुहल्ले की राजनीति कर रहे हैं, जहां हर कोई टकराव की स्थिति में है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में कुछ करने के लिए आए हैं और स्वराज के लिए वह सौ बार मुख्यमंत्री की कुर्सी कुर्बान करना पसंद करेंगे।
उन्होंने कहा, 'संविधान का पालन करना हर पार्टी का नैतिक दायित्व है। कोई भी कानून संविधान के दायरे में ही बनना चाहिए।' उधर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि केजरीवाल मुहल्ले की राजनीति कर रहे हैं, जहां हर कोई टकराव की स्थिति में है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में कुछ करने के लिए आए हैं और स्वराज के लिए वह सौ बार मुख्यमंत्री की कुर्सी कुर्बान करना पसंद करेंगे।
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