राजनीति में शुचिता और
ईमानदारी की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी में हाल ही शामिल हुईं बिहार
की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह के दामन पर कई दाग लगे हैं। जिस 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोल ब्लॉक आवंटन में शामिल
हर शख्स को केजरीवाल खुलेआम करप्ट या फिर चोर कहते हैं, ठीक
उसी पैटर्न पर बिहार के 2जी घोटाले के नाम से मशहूर BIADA
जमीन आवंटन मामले में परवीन अमानुल्लाह आरोपों के घेरे में रही
हैं।
जिस वक्त परवीन मंत्री थीं, उस वक्त उनकी बेटी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में अलॉट की गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, परवीन पर बदमिजाजी और खुलेआम रिश्वत मांगने के मुकदमे भी दर्ज हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि मामले का खुलासा होने पर हमने अक्सर लोगों को सवालों के घेरे में खड़ा करते रहने वाले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मामले की जानकारी न होने की बात करते हुए फोन काट दिया। अब सवाल उठने लगा है कि क्या दूसरी पार्टियों के दागदार नेता आप में शामिल होते ही पाक साफ हो जाते हैं। ध्यान रहे कि इस मामले एक पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह पीआईएल नीतीश के पूर्व करीबी पी.के. सिन्हा ने दाखिल की है।
करीब 3 साल पहले बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (BIADA) ने करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव नेताओं के रिश्तेदारों को अलॉट कर दी थी। इसको लेकर बिहार की राजनीति में जबरदस्त बवाल मचा था। कुछ लोगों ने इसे बिहार का 2जी घोटाला करार दिया था। मंत्री परवीन अमानुल्लाह की बेटी रहमत फातिमा अमानुल्लाह को भी 87,120 वर्ग फुट जमीन दी गई थी। करोड़ों की यह जमीन कौड़ियों के भाव पर दी गई थी। हालांकि, इसमें जिन लोगों को जमीन दी गई थी उनमें बड़ी संख्या में उस वक्त की नीतीश सरकार में शामिल नेताओं के नजदीकी रिश्तेदार शामिल थे। इसमें जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी के भी कई नेता शामिल थे।
जिस वक्त परवीन मंत्री थीं, उस वक्त उनकी बेटी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में अलॉट की गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, परवीन पर बदमिजाजी और खुलेआम रिश्वत मांगने के मुकदमे भी दर्ज हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि मामले का खुलासा होने पर हमने अक्सर लोगों को सवालों के घेरे में खड़ा करते रहने वाले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मामले की जानकारी न होने की बात करते हुए फोन काट दिया। अब सवाल उठने लगा है कि क्या दूसरी पार्टियों के दागदार नेता आप में शामिल होते ही पाक साफ हो जाते हैं। ध्यान रहे कि इस मामले एक पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह पीआईएल नीतीश के पूर्व करीबी पी.के. सिन्हा ने दाखिल की है।
करीब 3 साल पहले बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (BIADA) ने करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव नेताओं के रिश्तेदारों को अलॉट कर दी थी। इसको लेकर बिहार की राजनीति में जबरदस्त बवाल मचा था। कुछ लोगों ने इसे बिहार का 2जी घोटाला करार दिया था। मंत्री परवीन अमानुल्लाह की बेटी रहमत फातिमा अमानुल्लाह को भी 87,120 वर्ग फुट जमीन दी गई थी। करोड़ों की यह जमीन कौड़ियों के भाव पर दी गई थी। हालांकि, इसमें जिन लोगों को जमीन दी गई थी उनमें बड़ी संख्या में उस वक्त की नीतीश सरकार में शामिल नेताओं के नजदीकी रिश्तेदार शामिल थे। इसमें जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी के भी कई नेता शामिल थे।
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