दिल्ली पर बिजली कटौती का साया फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गया है।
रिलायंस ग्रुप की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में एनटीपीसी के
खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने
एनटीपीसी को निर्देश दिया कि 26 मार्च तक बीएसईएस की पावर
सप्लाई न काटी जाए। इसके साथ ही बीएसईएस को भी कहा गया है कि अगले दो सप्ताह के
भीतर बकाये राशि में से 50 करोड़ का भुगतान कर दे।
एनटीपीसी ने बीएसईएस राजधानी और यमुना को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर पावर सप्लाई काटने की धमकी दी थी। इसके खिलाफ गुरुवार को बीएसईएस सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। कंपनी के वकील ने कहा था कि इसी से जुड़े एक और मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी है, लिहाजा उन्होंने नई याचिका पर भी सुनवाई के लिए भी दलील दी। चीफ जस्टिस पी. सतशिवम की अगुवाई वाली बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की थी।
एनटीपीसी ने सिक्यॉरिटी मैकेनिज्म के पेमेंट और सरकारी कंपनी की बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को 1 फरवरी को नोटिस जारी किया था। इसके बाद एनटीपीसी ने 4 फरवरी को कहा था कि अगर उसकी बकाया राशि का भुगतान नहीं होता है, तो कंपनी इन डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को पावर सप्लाई रोक सकती है।
एनटीपीसी ने बीएसईएस राजधानी और यमुना को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर पावर सप्लाई काटने की धमकी दी थी। इसके खिलाफ गुरुवार को बीएसईएस सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। कंपनी के वकील ने कहा था कि इसी से जुड़े एक और मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी है, लिहाजा उन्होंने नई याचिका पर भी सुनवाई के लिए भी दलील दी। चीफ जस्टिस पी. सतशिवम की अगुवाई वाली बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की थी।
एनटीपीसी ने सिक्यॉरिटी मैकेनिज्म के पेमेंट और सरकारी कंपनी की बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को 1 फरवरी को नोटिस जारी किया था। इसके बाद एनटीपीसी ने 4 फरवरी को कहा था कि अगर उसकी बकाया राशि का भुगतान नहीं होता है, तो कंपनी इन डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को पावर सप्लाई रोक सकती है।
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