Wednesday, February 19, 2014

सियासी दांव चलते हुए संथन, मुरुगन और पेरारिवलन समेत सातों मुजरिमों की रिहाई का फैसला

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा पाए तीन मुजरिमों की सजा उम्रकैद में बदलने के बाद अब इस पर सियासी राजनीति तेज हो गई है। इस फैसले के एक दिन बाद तमिलनाड़ु की जयललिता सरकार ने बड़ा सियासी दांव चलते हुए संथन, मुरुगन और पेरारिवलन समेत सातों मुजरिमों की रिहाई का फैसला किया है। अब केंद्र से इस पर तीन दिनों में रिस्पॉन्स मांगा गया है।

बुधवार को तमिलनाडु़ की मुख्यमंत्री जयाललिता ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई और इसमें राजीव गांधी हत्याकांड में सजा पाए 7 मुजरिमों को रिहा करने का फैसला किया है। राज्य विधानसभा में सरकार के फैसले की घोषणा करते हुए जयललिता ने कहा कि सरकार वी.श्रीहरण ऊर्फ मुरुगन, ए.जी.पेरारिवलन ऊर्फ अरिवु, टी सुथेंद्रराजा ऊर्फ संथन, नलिनी, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को रिहा करेगी। नलिनी की सजा सोनिया गांधी ने माफ करवा दी थी।
गौरतलब है कि डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट फैसले के तुरंत बाद ही कहा था कि अगर संथन, मुरुगन और पेरारिवलन की रिहाई होती है, तो उन्हें बहुत खुशी होगी। संविधान विशेषज्ञ केटीएस तुलसी के मुताबिक इस पर अब राज्यपाल को फैसला लेना होगा। उन्होंने कहा राज्यपाल ऐसे मामलों पर केंद्र सरकार से सलाह-मशविरा करके फैसला लेते हैं।

AAP को मुकेश अंबानी से चंदा लेने में परहेज नहीं

अंबानी नहीं, लेकिन उनका चंदा मंजूर! : हालांकि यादव का अंबानी पर हमलावर रुख जारी रहा। उन्होंने अंबानी के केजी बेसिन घोटाले के बोफोर्स से भी बड़ा घोटाला करार दिया। यादव ने कहा कि मुकेश अंबानी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना एक महत्वपूर्ण पड़ाव था, जिसने कांग्रेस और बीजेपी को यह स्वीकार करने के लिए विवश कर दिया कि हम अपना चुनावी अजेंडा लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि जनता का यूपीए से मोहभंग हो चुका है, देश को अब कमजोर मोर्चों की जगह मजबूत विकल्पों की आवश्यकता है। आम आदमी पार्टी अब जोश में है, और प्रतिद्वंद्विता के लिए हम तत्पर हैं। 'आप' लोकसभा चुनावों को लेकर कमर कस चुकी है।
यादव ने जहां एक ओर अभी संगठन के राष्ट्रव्यापी न होने की बात स्वीकारी, वहीं यह स्वीकारने में भी गुरेज नहीं किया कि पार्टी देशभर में अधिकतम लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी की दोनों महिला उम्मीदवारों अंजलि दमानिया और मीरा सान्याल की मौजूदगी में पार्टी ने खुद को महिला सशक्तिकरण का पक्षधर बताया।
महाराष्ट्र की सभी सीटों पर लड़ने की मंशा: अंजलि दमानिया ने पार्टी की राज्य स्तरीय लोकसभा चुनाव तैयारी पर प्रकाश डालते हुए चुनावों के लिए 407 आवेदन आने की जानकारी दी। उन्होंने 350 लोगों का इंटरव्यू लेने और प्रत्याशी चयन प्रक्रिया के गुरुवार तक पूर्ण हो जाने की बात कही। इस दौरान योगेंद्र यादव और मुंबई के 'आप' नेता मयंक गांधी ने राज्य की सभी 48 सीटों पर लड़ने की उम्मीद जताई।
गुरुवार को होगा उठेगा पर्दा: पत्रकारों से वार्ता के दौरान नागपुर से प्रत्याशी दमानिया ने इस गुरुवार को महाराष्ट्र इलेक्ट्रिसिटी स्कैम का भांडा फोड़ने का दावा किया। उन्होंने इसे राज्य का सबसे बड़ा स्कैम करार दिया।
राहुल बनाम मोदी युद्ध दुर्भाग्यपूर्ण: लोकसभा चुनावों के लिए पहले चरण में तीन प्रत्याशी घोषित करने के बाद जब मंगलवार दोपहर दिल्ली से चकाला आकर योगेंद्र यादव ने प्रेस वार्ता बुलाई तो लगा कि वे अन्य प्रत्याशियों के नाम की भी घोषणा कर देंगे। इसके विपरीत डायस पर मौजूद दमानिया, गांधी समेत 'आप' के सभी नेता देश को मोदी और राहुल से ऊपर उठ कर सोचने की नसीहत देते नजर आए।

Wednesday, February 12, 2014

आखिर स्टेडियम में सत्र कहां से न्यायोचित है?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को बयान दिया कि वह जनलोकपाल बिल को रिव्यू के लिए विधानसभा में नहीं बल्कि आम जनता की मौजूदगी में किसी स्टेडियम में पेश करेंगे।
दिल्ली पुलिस ने केजरीवाल को सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहा। दिल्ली के उप राज्यपाल ने पब्लिक सेशन से विधायिका की गरिमा के नुकसान होने का हवाला दिया। लेकिन केजरीवाल ने किसी भी सलाह को मानने से इनकार कर दिया।
अब बुधवार को, दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से इस मामले पर स्पष्टीकरण मांगा कि आखिर स्टेडियम में सत्र कहां से न्यायोचित है?

मुकेश अंबानी या केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली का नाम दर्ज नहीं किया गया

अरविंद केजरीवाल की गैस की कीमतों के मुद्दे पर जिस FIR ने इतना हंगामा मचाया हुआ है, उसमें मुकेश अंबानी या केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली का नाम दर्ज नहीं किया गया है। मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैस प्राइसिंग को एक घोटाला बताते हुए इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही थी। 
अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश के चार गणमान्य लोगों एडमिरल तहलियानी, पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रमण्यम, जानी-मानी वकील कामिनी जयसवाल और पूर्व इकनॉंमिक अफेयर्स सेक्रेटरी ईएएस शर्मा ने रिलायंस के खिलाफ शिकायत दी है कि कंपनी एक डॉलर की गैस को 8 डॉलर में बेचने की तैयारी कर रही है। इसमें केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों की मिलीभगत भी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए हमने इस मामले में संबंधित नेताओं और मुकेश अंबानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं।
 
बुधवार को एसीबी ने FIR दर्ज की है। इसमें धोखाधड़ी और क्रिमिनल साजिश की धाराएं लगाई गई हैं।
 अरविंद केजरीवाल की गैस की कीमतों के मुद्दे पर जिस FIR ने इतना हंगामा मचाया हुआ है, उसमें मुकेश अंबानी या केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोइली का नाम दर्ज नहीं किया गया है। मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गैस प्राइसिंग को एक घोटाला बताते हुए इन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज करने की बात कही थी। 

अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि देश के चार गणमान्य लोगों एडमिरल तहलियानी, पूर्व कैबिनेट सेक्रेटरी टीएसआर सुब्रमण्यम, जानी-मानी वकील कामिनी जयसवाल और पूर्व इकनॉंमिक अफेयर्स सेक्रेटरी ईएएस शर्मा ने रिलायंस के खिलाफ शिकायत दी है कि कंपनी एक डॉलर की गैस को 8 डॉलर में बेचने की तैयारी कर रही है। इसमें केंद्र सरकार के कुछ मंत्रियों की मिलीभगत भी है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए हमने इस मामले में संबंधित नेताओं और मुकेश अंबानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दे दिए गए हैं। 

Sunday, February 9, 2014

परवीन पर बदमिजाजी और खुलेआम रिश्वत मांगने के मुकदमे भी दर्ज

राजनीति में शुचिता और ईमानदारी की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल की पार्टी में हाल ही शामिल हुईं बिहार की पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह के दामन पर कई दाग लगे हैं। जिस 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन और कोल ब्लॉक आवंटन में शामिल हर शख्स को केजरीवाल खुलेआम करप्ट या फिर चोर कहते हैं, ठीक उसी पैटर्न पर बिहार के 2जी घोटाले के नाम से मशहूर BIADA जमीन आवंटन मामले में परवीन अमानुल्लाह आरोपों के घेरे में रही हैं।
जिस वक्त परवीन मंत्री थीं, उस वक्त उनकी बेटी को करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव में अलॉट की गई थी। सिर्फ इतना ही नहीं, परवीन पर बदमिजाजी और खुलेआम रिश्वत मांगने के मुकदमे भी दर्ज हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि मामले का खुलासा होने पर हमने अक्सर लोगों को सवालों के घेरे में खड़ा करते रहने वाले आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता आशुतोष से बात करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने मामले की जानकारी न होने की बात करते हुए फोन काट दिया। अब सवाल उठने लगा है कि क्या दूसरी पार्टियों के दागदार नेता आप में शामिल होते ही पाक साफ हो जाते हैं। ध्यान रहे कि इस मामले एक पीआईएल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह पीआईएल नीतीश के पूर्व करीबी पी.के. सिन्हा ने दाखिल की है।
करीब 3 साल पहले बिहार इंडस्ट्रियल एरिया डिवेलपमेंट अथॉरिटी (BIADA) ने करोड़ों की जमीन कौड़ियों के भाव नेताओं के रिश्तेदारों को अलॉट कर दी थी। इसको लेकर बिहार की राजनीति में जबरदस्त बवाल मचा था। कुछ लोगों ने इसे बिहार का 2जी घोटाला करार दिया था। मंत्री परवीन अमानुल्लाह की बेटी रहमत फातिमा अमानुल्लाह को भी 87,120 वर्ग फुट जमीन दी गई थी। करोड़ों की यह जमीन कौड़ियों के भाव पर दी गई थी। हालांकि, इसमें जिन लोगों को जमीन दी गई थी उनमें बड़ी संख्या में उस वक्त की नीतीश सरकार में शामिल नेताओं के नजदीकी रिश्तेदार शामिल थे। इसमें जेडीयू के साथ-साथ बीजेपी के भी कई नेता शामिल थे।

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की इशारों-इशारों में नसीहत

जनलोकपाल बिल को लेकर केंद्र के साथ टकराव की स्थिति पैदा करने वाले अरविंद केजरीवाल को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने इशारों-इशारों में नसीहत दे डाली। संसद में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने कहा कि कानून बनाने के लिए राजनीतिक पार्टियों को संसद की शुचिता का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि कानून की वैधानिकता को उचित ठहराने का हक सिर्फ कोर्ट को है।
उन्होंने कहा, 'संविधान का पालन करना हर पार्टी का नैतिक दायित्व है। कोई भी कानून संविधान के दायरे में ही बनना चाहिए।' उधर लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने कहा कि केजरीवाल मुहल्ले की राजनीति कर रहे हैं, जहां हर कोई टकराव की स्थिति में है।
गौरतलब है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि अगर जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। उन्होंने कहा कि वह सत्ता में कुछ करने के लिए आए हैं और स्वराज के लिए वह सौ बार मुख्यमंत्री की कुर्सी कुर्बान करना पसंद करेंगे।

Friday, February 7, 2014

केजरीवाल का भ्रष्‍टाचार-विरोध मज़दूरों के लिए नहीं

मज़दूरों से किये गये एक भी वायदे की चर्चा भी नहीं की!
केजरीवाल ने पूरी दिल्‍ली से ठेका प्रथा को खत्‍म करने का वायदा किया था। अब उन्‍होंने इसकी तकनीकि जाँच के लिए एक समिति बना दी है, जिसकी कोई ज़रूरत नहीं थी। उन्‍हें करना सिर्फ इतना था कि सिर्फ एक दिन का विधान सभा सत्र बुलाकर इस आशय का विधेयक पारित करवा लेना था कि दिल्‍ली में कोई भी निजी या सरकारी नियोक्‍ता नियमित प्रकृति के काम के लिए ठेका मज़दूर नहीं रह सकता। इसके बजाये एक समिति बनाकर केजरीवाल ने मामले को टाल दिया है। समिति रिपोर्ट देगी और उसपर सरकार विचार करेगी, तबतक लोकसभा चुनावों की आचार संहिता लागू हो जायेगी।केजरीवाल ने कहा था कि निजी झुग्‍गीवासियों को पक्‍के मकान दिये जायेंगे और तबतक कोई झुग्‍गी उजाड़ी नहीं जायेगी। अब इस काम के लिए समय-सीमा बताना तो दूर, केजरीवाल कुछ बोल ही नहीं रहे हैं। यही नहीं, कांग्रेस सरकार के समय जिन झुग्‍गी बस्तियों का नियमतिकरण हुआ था, अब उनमें भ्रष्‍टाचार बताकर उस फैसले को पलटने की बात की जा रही है। यानी लाखों मज़दूरों को पुनर्वास की व्‍यवस्‍था के बिना उजाड़ने की भूमिका तैयार की जा रही है।केजरीवाल ने दिल्‍ली के सभी पटरी दुकानदारों और रेहड़ीवालों को लाइसेंस और स्‍थाई स्‍थान देने का वायदा किया था, उसके बारे में भी वे अब साँस-डकार नहीं ले रहे हैं।चुनाव प्रचार के दौरान मज़दूर बस्तियों में उनके उम्‍मीदवार सौ अतिरिक्‍त सरकारी स्‍कूल खोलने और वर्तमान स्‍कूलों के स्‍तर को ठीक करने का वायदा कर रहे थे। इस वायदें को भी ठण्‍डे बस्‍ते में डाल दिया गया।
केजरीवाल का भ्रष्‍टाचार-विरोध मज़दूरों के लिए नहीं है!केजरीवाल की राजनीति की पूरी बुनियाद भ्रष्‍टाचार-विरोध पर टिकी है। फिलहाल हम इस बुनियादी प्रश्‍न पर नहीं जाते कि पूँजीवाद को पूरी तरह भ्रष्‍टाचार-मुक्‍त किया ही नहीं जा सकता, कि पूँजीवाद स्‍वयं में ही भ्रष्‍टाचार है और यह कि जनता को भ्रष्‍टाचार-मुक्‍त पूँजीवाद नहीं, बल्कि पूँजीवाद-मुक्‍त राज और समाज चाहिए। भष्‍टाचार कितनी अधिक धनराशि का है, इससे अधिक अहम बात यह है कि किस भ्रष्‍टाचार से व्‍यापक आम आबादी का जीना मुहाल है! दिल्‍ली की साठ लाख मज़दूर आबादी का जीना मुहाल करने वाला भ्रष्‍टाचार है श्रम विभाग का भ्रष्‍टाचार। किसी भी फैक्‍ट्री या व्‍यावसायिक प्रतिष्‍ठान में मज़दूरों को न्‍यूनतम मज़दूरी नहीं मिलती, काम के तय घण्‍टों से अधिक काम करना पड़ता है, ओवरटाइम तय से आधी दर पर मिलता है, कैजुअल मज़दूरों का मस्‍टर रोल नहीं मिंटेन होना, सैलरी स्लिप नहीं मिलती, पी.एफ. इ.एस.आई. की सुविधा नहीं मिलती, फैक्‍ट्री इंस्‍पेक्‍टर, लेबर इंस्‍पेक्‍टर आदि दौरा नहीं करते, कारखाने स्‍वास्‍थ्‍य, सुरक्षा और पर्यावरण के निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते! तात्‍पर्य यह कि किसी भी श्रम कानूनों का पालन नहीं होता। यदि केजरीवाल वास्‍तव में भ्रष्‍टाचार से आम लोगों को होने वाली परेशानी से परेशान हैं, तो सबसे पहले उन्‍हें श्रम विभाग के भ्रष्‍टाचार को दूर करना चाहिए। मज़दूरों की यही माँग है।लेकिन मज़दूरों के प्रति केजरीवाल की सरकार का रवैया क्‍या है? डी.टी.सी. के 20हजार ठेका कर्मचारियों और 10हजार अस्‍थाई शिक्षकों के धरने और अनशन को हवाई आश्‍वासन की आड़ में नौकरी छीन लेने और दमन की धमकी से समाप्‍त कर दिया गया। वजीरपुर कारखाना यूनियन के मज़दूर जब अपनी माँगों को लेकर सचिवालय पहुँचे तो बैरिकेडिंग करके पुलिस खड़ी करके उन्‍हें मंत्री से मिलने से रोक दिया गया और दफ्तर में केवल उनका माँगपत्रक रिसीव कर लिया गया। केजरीवाल का जनता दरबार तो हवा हो ही गया, अब उनके मंत्री जनता से मिलते तक नहीं।

26 मार्च तक बीएसईएस की पावर सप्लाई

दिल्ली पर बिजली कटौती का साया फिलहाल कुछ दिनों के लिए टल गया है। रिलायंस ग्रुप की पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों ने सुप्रीम कोर्ट में एनटीपीसी के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने एनटीपीसी को निर्देश दिया कि 26 मार्च तक बीएसईएस की पावर सप्लाई न काटी जाए। इसके साथ ही बीएसईएस को भी कहा गया है कि अगले दो सप्ताह के भीतर बकाये राशि में से 50 करोड़ का भुगतान कर दे।

एनटीपीसी ने बीएसईएस राजधानी और यमुना को बकाया राशि का भुगतान नहीं करने पर पावर सप्लाई काटने की धमकी दी थी। इसके खिलाफ गुरुवार को बीएसईएस सुप्रीम कोर्ट चली गई थी। कंपनी के वकील ने कहा था कि इसी से जुड़े एक और मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी है, लिहाजा उन्होंने नई याचिका पर भी सुनवाई के लिए भी दलील दी। चीफ जस्टिस पी. सतशिवम की अगुवाई वाली बेंच ने इसे स्वीकार करते हुए शुक्रवार को सुनवाई की तारीख तय की थी।
एनटीपीसी ने सिक्यॉरिटी मैकेनिज्म के पेमेंट और सरकारी कंपनी की बकाया राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर बीएसईएस राजधानी और बीएसईएस यमुना को 1 फरवरी को नोटिस जारी किया था। इसके बाद एनटीपीसी ने 4 फरवरी को कहा था कि अगर उसकी बकाया राशि का भुगतान नहीं होता है, तो कंपनी इन डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियों को पावर सप्लाई रोक सकती है।

केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ मीडिया और उद्योगपतियों पर भी जमकर निशाना साधा

 आम आदमी पार्टी (आप) के नेता अरविंद केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों के साथ-साथ मीडिया और उद्योगपतियों पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि सभी क्षेत्र के करप्ट लोग इकट्ठा हो गए हैं और अब उनका एक ही मकसद रह गया है आम आदमी पार्टी की सरकार को बदनाम करना। केजरीवाल ने ये बातें दिल्ली में आयोजित ऑटो चालकों की महापंचायत में कहीं। 
ऑटो ड्राइवरों की महापंचायत में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के अच्छे कामों से बीजेपी और कांग्रेस वाले घबरा गए हैं। उन्होंने घूसखोर मीडियाकर्मी और भ्रष्ट उद्योगपतियों के साथ मिलकर बीजेपी और कांग्रेस, बीजेपी वाले हमारी पार्टी को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सिर्फ अनिल अंबानी की रिलायंस कंपनी के साथ ही दिक्कत क्यों है। आखिर टाटा की कंपनी अपना काम कैसे वक्त पर पूरा कर लेती है? उन्होंने खुलेआम कहा कि अंनिल अंबानी कांग्रेस और बीजेपी वालों के साथ मिलकर हमारी सरकार को बदनाम कर रहे हैं।
 
केजरीवाल ने कहा, मैं जब अन्ना जी वाला लोकपाल दिल्ली की जनता वालों के लिए बनाता हूं, तो ये (मीडिया और विरोधी पार्टी वाले) सभी कहते हैं कि यह असंवैधानिक है। लेकिन मेरा एक सवाल है अगर घूसखोर और करप्ट लोगों को को जेल भेजना असंवैधानिक है, तो संवैधानिक क्या है? उन्होंने कहा कि अगर हमें कानून बनाने का अधिकार नहीं तो फिर चुनाव क्यों करवाए, हमारी सरकार की जरूरत क्या थी?
 

इसके अलावा केजरीवाल ने दिल्ली के ऑटो वालों के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि अगर आपसे दिल्ली पुलिस का कोई कॉन्स्टेबल पैसा मांगता है तो आप मना मत करो। उससे सेटिंग कर लो। उनकी बात को रेकॉर्ड करके हामरे पास भेज दीजिए हम उसे जेल भेज देंगे। उन्होंने कहा कि हर साल 1 अप्रैल को ऑटो का किराया रिवाइज किया जाएगा। अगर महंगाई बढ़ेगी तो भाड़ा बढेगा और घटेगी तो किराया घटेगा। 
केजरीवाल ने कहा कि जिनके पास पुराना मीटर उन्हें नया मीटर लगाने की जरूरत नहीं है। उन्हें अलग से सिर्फ जीपीएस लगवानी होगी। साथ ही उन्होंने ऑटो वालों से कहा कि आप अपना व्यवहार सुधारें। आपकी बहुत शिकायतें आ रही हैं। आप बेईमान छोड़ दें। ईमानदारी की कमाई में बहुत ज्यादी सुकून है। उन्होंने ओवरचार्ज लेने वाले ऑटो वालों को उनके बच्चों की कसम भी खिलवाई।
 
दिल्ली के सीएम ने कहा कि हम आपकी हर समस्या सुनेंगे साथ ही आपके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चालाएंगे। हमारे मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ट्रेनिंग प्रोग्राम की तैयारी कर रखी है।

Tuesday, February 4, 2014

मुसलिम समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में रैली में

यह मोदी का क्रेज था या फिर राजनीतिक उत्सुकता। मोदी को सुनने मुसलिम समुदाय के लोग भी बड़ी संख्या में रैली में पहुंचे। जो रैली में नहीं पहुंच पाए उन्होने अपने घरों व दुकानों में टीवी के सामने बैठ मोदी के भाषण को बड़े ध्यान से सुना। मोदी के भाषण के बाद से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र में उनके भाषण पर चर्चा शुरू हो गई। मोदी के रैली में बोले गए हर बोल को तोला जाने लगा। 
मोदी की यहां हुई विजय शंखनाद रैल को हुए 24 घंटे से ज्यादा समय बीत चुका है। लेकिन मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में अब भी उनके भाषण को लेकर चर्चा जारी है। लिसाड़ी गेट निवासी सलीम बताते हैं कि जिस समय मोदी रैली में अपना भाषण दे रहे थे, शहर के मुस्लिम वर्ग के लोग भी अपने टीवी के सामने बैठ कर उनका भाषण बड़े ध्यान से सुन रहे थे। पूरे भाषण के दौरान मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के मोहल्ले व बाजार खाली नजर आए। भाषण समाप्त होने के बाद लोगों ने घर से बाहर निकल कर उस पर चर्चा शुरू कर दी। मुसलमानों की नुमाइंदगी करने वाले एक शख्स ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मुस्लिम समुदाय के लोगों की तरफ से मोदी के द्वारा रैली में बोले गए हर शब्द की व्याखा बड़ी बारीकी से की गई है। इस बात के पीछे उनकी मंशा यह जानने की है कि अल्पसंख्यकों के बीच अन्य पार्टियों की तरफ से मोदी का जो खौफ दिखाया जा रहा है वह कहां तक सच है। वे यह जानना चाहते थे कि इस तथ्य के पीछे कुछ सचाई है या फिर यह अन्य दलों का राजनीतिक खेल है। गौरतलब है कि रविवार को माधवकुंज शताब्दीनगर में नरेन्द्र मोदी की विजय शंखनाद रैली में 14 संसदीय क्षेत्र से उनके समर्थक आए थे। बीजेपी के अल्पसंख्यक मोर्चा के जिलाध्यक्ष का दावा है कि रैली में मेरठ के अलावा गाजियाबाद, सहारनपुर, हापुड़, गढ़मुक्तेशवर व बागपत से भी मुसलमान आए थे। इनको रैली में आगे स्थान नहीं मिल पाया तो उन्होने पीछे खड़े होकर ही मोदी का भाषण सुना था।

आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली सरकार के लिए शर्मिंदगी का एक और सबब सामने

दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती पर स्पैमिंग में शामिल होने के आरोप के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और दिल्ली सरकार के लिए शर्मिंदगी का एक और सबब सामने आ गया है। इस बार आरोप पार्टी में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के करीबी शिक्षा एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री मनीष सिसोदिया पर लगा है। आरोप है कि सिसोदिया के एनजीओ कबीर के लिए जो फॉरेन फंड्स आए थे, उसका उन्होंने निजी इस्तेमाल किया। मुख्यमंत्री केजरीवाल भी इस एनजीओ की गवर्निंग बॉडी में हैं।
यह मामला पुराना है और गृह मंत्रालय के अकाउंट कंट्रोलर की ओर से जारी जांच में कहा गया है, 'कई मामलों में बताए गए खर्च और उसके कागजात में कोई मेल नहीं हैं। जिन अनियमिततताओं के आरोप हैं, उनमें सिसोदिया की पत्नी को बिना रशीद के किराये देने, कर्मचारियों का ब्‍योरा न होना, कैशबुक का गायब होना, ऐसी यात्राओं के खर्च दिखाए गए हैं जिनका कोई ब्योरा नहीं है और हद तो यह है कि शिक्षा मंत्री की कार की सर्विसिंग के लिए भी भुगतान इस फंड से किया गया है।
बताया गया है कि कबीर ने 2008 से 2011-12 के दौरान आरटीआई के कार्यकर्ताओं को 17.7 लाख रुपये का भुगतान किया गया है, पर जांच टीम को इसके लिए किए गए समझौता पत्र नहीं दिखाए गए। जांच टीम को कर्मचारियों को सैलरी और भत्ता देने के सबूत भी नहीं मिले।
इस एनजीओ को 2005-06 से 2010-11 के दौरान विदेशों से 2 करोड़ रुपये की मदद मिली। फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेग्युलेशन ऐक्ट के तहत एनजीओ की 2005-06 से 2011-12 के दौरान जांच की गई है। सिसोदिया ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस मामले में कोर्ट से उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन अब राजनीतिक कारणों से इसे तूल दिया जा रहा है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि यह एनजीओ पांडव नगर स्थित उनके घर से चल रहा था और इसके लिए उनकी पत्नी सीमा को 12,000 रुपये प्रतिमाह किराया दिया गया। हालांकि, इस किराए की कोई रशीद उपलब्ध नहीं कराई गई। कबीर का सीमा के साथ कोई रेंट एग्रीमेंट भी नहीं दिखाया गया। इतना ही नहीं, जब टीम ने 2006 से 2008 की कैशबुक मांगी तो सिसोदिया ने जांच टीम को बताया कि ऑफिस बदलने के क्रम में कहीं गुम हो गईं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सिसोदिया को 11 जुलाई 2008 को देहरादून ट्रिप के लिए 17, 900 रुपये का भुगतान किया गया लेकिन बिल के मुताबिक गाड़ी दिल्ली-बहराइच-दिल्ली के लिए किराये पर ली गई थी। यह भी नहीं बताया गया कि इस ट्रिप का मकसद क्या था और कितने लोग गए थे। जांच रिपोर्ट में टिप्पणी की गई है कि प्रथम दृष्टया यह मामला धोखाधड़ी का लग रहा है।
सिसोदिया को 23 नंवबर, 2008 को दिल्ली-लखनऊ-दिल्ली के लिए 6656 रुपये का भुगतान किया गया, लेकिन उनके साथ यात्रा करने वाले वैभव कुमार और दिव्या ज्योति कबीर के बोर्ड में नहीं हैं। इसके अलावा 23 अप्रैल 2008 को सिसोदिया को चित्रकूट जाने के लिए 2496 रुपये दिए गए लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह यात्रा ऑफिशल थी कि नहीं। इसके अलावा 11 अगस्त 2008 को कबीर के फंड्स से सिसोदिया ने अपनी ऑल्टो कार की सर्विसिंग के लिए 3900 रुपये का भुगतान किया। रिपोर्ट में कहा गया, 'विदेश से मिले अनुदान का निजी इस्तेमाल के लिए किए गए फर्जीवाड़े का यह एक और प्रमाण है।'