Monday, March 29, 2010

उनसे पूछा गया कि आखिर खुफिया तंत्र फेल क्यों रहा।


गुलबर्ग सोसायटी दंगा मामले में स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) ने शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी से दो दौर में पूरे नौ घंटे तक कड़ी पूछताछ की। मोदी रात नौ बजे से कुछ पहले दूसरे दौर की पूछताछ के लिए जब एसआईटी के दफ्तर में घुसे तो वह पूरे आत्मविश्वास से लबरेज थे, लेकिन देर रात 1.10 मिनट पर जब वह बाहर निकले तो उनकी हालत कुछ दूसरी ही थी। बताया जाता है कि मोदी ने पहले दौर की पूछताछ के दौरान अधिकारियों से कुछ बहस भी की थी। सूत्रों के मुताबिक SIT के अधिकारी मोदी से किसी दूसरे आरोपी की तरह पेश आए। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी की इस पूछताछ से ही तय होगा कि उन पर एफआईआर दर्ज होगी या नहीं क्या क्या पूछा गया SIT अधिकारियों ने मोदी पर अयोध्या से लौट रहे कारसेवकों और गोधरा में ट्रेन जलने को लेकर सवाल दागे। उनसे पूछा गया कि आखिर खुफिया तंत्र फेल क्यों रहा। गोधरा कांड के बाद हुए दंगों और पुलिस की भूमिका पर भी मोदी से जवाब तलब किए गए। उनसे 2002 में चुनाव के दौरान भड़काऊ स्पीच पर भी जवाब मांगा गया। उनसे पूछा गया कि क्या उन्होंने पुलिस चीफ और अधिकारियों को कुछ खास निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि तत्कालीन पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि उन्हें गोधरा में मारे गए 59 कारसेवकों के बदले लोगों को अपनी भड़ास निकालने देने का निर्देश मिला था। बताया जाता है कि मोदी ने इस सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया।

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