देश के कई सूबों की कांग्रेस सरकारें सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च तो कर देती है लेकिन इसका औचित्य बताने में अचकचा जाती हैं। दिल्ली सरकार ने सवा दो साल में यूपीए और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर करीब दो करोड़ रुपये खर्च किए। मंदी के दौर में ( 27 मई 2007 से 28 अगस्त 2009 तक)हुए इस खर्च के बारे में आरटीआई के तहत पूछा गया कि सोनिया गांधी के फोटो किस आधार, योग्यता, पद आदि के कारण छापे गए हैं, तो जवाब था कि इसकी कोई जानकारी नहीं है। हिसार के सामाजिक कार्यकर्ता रमेश वर्मा आरटीआई दायर की थी। उन्होंने दिल्ली के साथ-साथ हरियाणा की कांग्रेस सरकार से भी सोनिया गांधी की तस्वीरों वाले विज्ञापनों पर सूचना मांगी थी। हरियाणा जन सूचना अधिकारी का विज्ञापनों में सोनिया गांधी की तस्वीरें छापने का औचित्य पूछे जाने पर जवाब है, उनकी तस्वीरें भारत सरकार का पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी)समय-समय पर प्रकाशित करने के लिए भेजता है। इसी का अनुकरण राज्य में किया जा रहा है। इस बारे में कोई लिखित आदेश नहीं है। अधिकारी ने अपने जवाब में यह भी लिखा कि सार्वजनिक जीवन में जो आदर्श होते हैं, उनकी तस्वीरें विज्ञापन के साथ लगाई जाती हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय ने मई 2007 से अगस्त 2009 के बीच यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से जुड़े 7,483 वर्ग सेंटीमीटर विज्ञापनों पर एक करोड़ 90 लाख 55 हजार 837 रुपये खर्च किए। दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय में जन सूचना अधिकारी नलिन चौहान ने अपने जबाव में केवल दो वर्ष तीन महीने का ब्यौरा उपलब्ध कराया। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष से जुड़े विज्ञापन के आधार एवं योग्यता के बारे में कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं होने की बात कही। आरटीआई के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2007-08 में 27 मई 2007 को एक ही दिन में सोनिया गांधी से जुड़े तीन अलग-अलग विज्ञापनों पर 23 लाख 53 हजार 909 रुपये खर्च किए गए। जबकि वित्त वर्ष 2007-08 की अवधि में 32 लाख 83 हजार 552 रुपये खर्च हुए। वर्ष 2007 में ही 17 जून को पांच लाख दो हजार 21 रुपये, एक जुलाई को 90 हजार 843 रुपये तथा 29 जुलाई 2007 को 33 हजार 679 रुपये खर्च किए गए। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2008-09 में कांग्रेस प्रमुख से संबंधित विज्ञापन पर एक करोड़ 31 लाख 50 हजार 575 रुपये खर्च हुए, जबकि वित्त वर्ष 2009-10 में 28 अगस्त 2009 को सोनिया गांधी के विज्ञापन पर 29 लाख 24 हजार 810 रुपये खर्च किए गए। वित्त वर्ष 2008-09 में सोनिया गांधी के विज्ञापन पर दो अक्टूबर 2008 को नौ लाख 18 हजार 427 रुपये, 26 जनवरी 2009 को गणतंत्र दिवस के दिन दो अलग अलग विज्ञापनों में 61 लाख 26 हजार 665 रुपये, जबकि 30 जनवरी 2009 को महत्मा गांधी के पुण्यतिथि के दिन दो विज्ञापनों पर 61 लाख पांच हजार 483 रुपये खर्च किए गए।
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