मौसम ऐसा ही रहा तो कई बरस बाद आम अबकी बार भरपूर होंगे। आम के बौराने और अमिया बनने की प्रक्रिया यूपी के मैंगो बेल्ट इलाके में इतनी अच्छी चल रही है कि फलों का राजा हर किसी पर मेहरबान होगा। मलिहाबाद का दशहरी आम चीन, जापान, पाकिस्तान, ब्रिटेन, अमेरिका और दूसरे देशों को एक्सपोर्ट होता है। पिछले अनुभवों को ध्यान में रखकर आम की बागवानी करने वाले किसानों ने बौर आने से पहले ही कीट नाशक दवाओं का इस्तेमाल किया है। पेड़ों में समय से पहले ही बौर आ गया था। उस वक्त पड़ी ज्यादा ठंड भी बौरों के लिए फायदेमंद साबित हुई। गौरतलब है कि पिछले साल आम की बौर खराब हो गई थी, जिससे उपज काफी कम हुई। अच्छा आम बहुत महंगा बिका। लोअर ग्रेड का आम भी 25 रुपये तक पहुंच गया था। पद्मश्री से सम्मानित किसान करीमुल्ला ने एनबीटी को बताया कि अगर अगले तीन हफ्तों तक कुदरत की मेहरबानी बनी रही तो मैंगो बेल्ट एरिया कच्चे आम की फसल की सुगंध से महक उठेगा। डर सिर्फ दहिया रोग से है और आम के किसानों को इस मामले में सावधानी अभी से बरतनी पड़ेगी। अगर आम की फसल बेहतरीन हुई तो आम इस बार आलू से भी सस्ते बिकेंगे। इससे उम्मीद की जा रही है कि लखनऊ में आम प्रति किलोग्राम पांच से सात रुपये तक में बिक सकते हैं।
Friday, March 12, 2010
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