आपके पास मोबाइल है तो आप गरीब नहीं माने जा सकते। ये नियम बीपीएल यानी
गरीबी रेखा वालों के लिए पहले ही तय किया जा चुका है। अब यही मोबाइल फर्जी गरीबों
का खुलासा करने में काम आएगा। नए सिस्टम में बीपीएल राशन कार्डधारियों से आधार
नंबर और मोबाइल नंबर के साथ समग्र आईडी भी मांगी जा रही है। जिसे समग्र पोर्टल में
उस कार्डधारी के नाम से दर्ज किया जाएगा।
लेकिन जैसे ही जिले के सभी कार्डधारियों के नाम
पोर्टल में दर्ज हो जाएंगे। एक साफ्टवेयर ये पता कर लेगा कि आखिर आप वास्तविक गरीब
हैं या नहीं। उस दिन के बाद से ही आपकी मुसीबत भी शुरू हो जाएगी, क्योंकि
आपके खिलाफ धारा 420 और सरकारी योजनाओं का गलत लाभ लेने का
प्रकरण कायम होगा। वहीं राशन कार्ड अपने आप ही निरस्त कर दिया जाएगा।
यह है गरीब न मानने की गणित
- हर माह की आय 565 से कम होना चाहिए।
- मोबाइल, फ्रिज,टीवी,
पक्का मकान, पक्की छत, दुपहिया
वाहन आदि नहीं होना चाहिए।
- खुद का मकान हो तो चलेगा। लेकिन उसकी छत, दिवारें, फर्श कच्चा होना चाहिए।
ऐसे पकड़े जाएंगे फर्जी गरीब
- अभी पात्रता पर्ची से पहले सभी बीपीएल व अन्य गरीबी रेखा
वाले कार्डधारियों से खाद्य विभाग मोबाइल नंबर, घर का पता,
आधार नंबर, समग्र आईडी नंबर ले रहा है। जिसे
दर्ज करने के बाद ही पात्रता पर्ची वितरित की जा रही है।
- समग्र पोर्टल पर शिक्षा, स्वास्थ्य
सहित छात्रवृत्ति वितरण, घरेलू गैस सिलेण्डर लेने जैसी सभी
योजनाओं को लिंक किया जा रहा है।
- चूंकि आधार नंबर को अधिकांश बैंक खाता धारकों के खातों और
योजनाओं से जोड़ा जा चुका है। इसलिए सभी की डीटेल एक बार में पता चल जाएगी।
- यदि किसी ने गैस कनेक्शन ले रखा है या फिर अपने बच्चों को
निजी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ा रहा है। खाते में गरीबों जितनी रकम की जगह
लाखों-हजारों का लेनदेन लगातार हो रहा है। ऐसे सभी बीपीएल कार्डधारियों को
साफ्टवेयर योजनाओं में मुखिया के नाम से पकड़ लेगा।
- मुखिया के नाम पर यदि आधार और मोबाइल नंबर नहीं दिया गया
है तब भी कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा।
साफ्टवेयर ने अपना काम कर दिया तो प्रदेश के लाखों
ऐसे कार्ड निरस्त हो जाएंगे, जिन्होंने गलत तरीके से कार्ड बनाया
है।
- प्रदेश की कुल आबादी 7 करोड़ 25
लाख है।
- इसमें 1 करोड़ 15 लाख से ज्यादा कार्डधारियों को राशन दिया जा रहा है।
- सिर्फ बीपीएल कार्डधारी 61 लाख 93
हजार 120 लोग वर्तमान में राशन ले रहे हैं।
- एएवाय वाले 14 लाख 31 हजार
- दूसरी श्रेणियों में 39 लाख लोगों को
राशन मिल रहा है।
- इनमें सबसे ज्यादा राशन इंदौर में 3 लाख
85 हजार 966 लोगों को मिल रहा है।
- दूसरे नंबर पर जबलपुर है। यहां 3 लाख
71 हजार 813 को राशन दिया जा रहा है।
- तीसरे नंबर पर भोपाल है। यहां 3 लाख 17
हजार 820 राशन पा रहे हैं।
- ग्वालियर में 2 लाख 39 हजार 708 को राशन दिया जा रहा है।
शासन स्तर पर लिए गए निर्णय के मुताबिक वास्तविक
गरीबों और जरूरतमंदों को राशन दिया जाना तय किया गया है। वहीं जो लोग गलत तरीके से
लाभ उठा रहे हैं, उनके कार्ड आने वाले महीनों में निरस्त हो जाएंगे।