भारत में जल्द ही सिर्फ तीन राष्ट्रीय
पार्टियां बच सकती हैं। शरद पावर की अगुआई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी
(एनसीपी), मायावती की बहुजन समाज पार्टी
(बीएसपी) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) को राष्ट्रीय पार्टी के तमगे से
वंचित किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने इस मामले में तीनों पार्टियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि लोकसभा चुनावों में हुई हार के बाद क्यों न नैशनल पार्टी का उनका स्टेटस छीन लिया जाए।
चुनाव आयोग की तय शर्तों के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टी के स्टेटस के लिए किसी पार्टी को चार राज्यों में कम से कम 6 फीसदी वोट या तीन-चौथाई लोकसभा सीटों पर कम से कम 2 फीसदी वोट मिलने चाहिए। या फिर कम से कम चार राज्यों में राज्य की पार्टी के तौर पर उसकी मान्यता होनी चाहिए। एनसीपी, बीएसपी और सीपीआई अब इन शर्तों को पूरा नहीं कर रही हैं।
चुनाव आयोग ने इस मामले में तीनों पार्टियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि लोकसभा चुनावों में हुई हार के बाद क्यों न नैशनल पार्टी का उनका स्टेटस छीन लिया जाए।
चुनाव आयोग की तय शर्तों के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टी के स्टेटस के लिए किसी पार्टी को चार राज्यों में कम से कम 6 फीसदी वोट या तीन-चौथाई लोकसभा सीटों पर कम से कम 2 फीसदी वोट मिलने चाहिए। या फिर कम से कम चार राज्यों में राज्य की पार्टी के तौर पर उसकी मान्यता होनी चाहिए। एनसीपी, बीएसपी और सीपीआई अब इन शर्तों को पूरा नहीं कर रही हैं।
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