सीबीआई डायरेक्टर रणजीत सिन्हा ने पहली बार
माना है कि ऑगस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर की खरीद से जुड़े घोटाले में
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल एम के नारायणन और गोवा के राज्यपाल बी वी वांचू से
पूछताछ हो सकती है। जांच एजेंसी अगले कुछ दिनों में इन दोनों से पूछताछ कर सकती
है। अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी सरकार को इन
राज्यपालों का इस्तीफा लेने का बेहतर मौका मिल सकता है।
सिन्हा ने बताया कि जांच एजेंसी पहले ही दोनों राज्यपालों के लिए सवाल तैयार कर चुकी है और जल्द ही अधिकारियों की एक टीम को पूछताछ के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया, 'ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में जांच को और नहीं रोका जा सकता है। पूछताछ इस महीने के आखिर तक होगी। हम राज्यपालों से पूछताछ गवाह के तौर पर कर रहे हैं और हमें इसके लिए सरकार से मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है।'
यह पूछे जाने पर क्या सीबीआई की योजना दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और केरल की गवर्नर शीला दीक्षित से भी पूछताछ करने की है, सिन्हा का कहना था कि ऐसी कोई योजना नहीं है। शीला दीक्षित का नाम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) घोटाले में आया है, जिसकी जांच भी सीबीआई के जिम्मे है। उन्होंने बताया, 'हमारे पास अब तक तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सामग्री नहीं है। जांच अब भी जारी है।'
मुख्यमंत्री होने के नाते शीला दीक्षित दिल्ली जल बोर्ड की चेयरपर्सन भी थीं। सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रॉजेक्ट के सिलसिले में पिछले साल 3 शुरुआती जांच शुरू की थी। इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली में बेरोकटोक पानी की सप्लाई के लिए यूरोपीय फर्म से समझौता किया था।
नारायणन, वांचू और दीक्षित को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में गवर्नर बनाया गया था। बीजेपी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार 7 राज्यपालों को हटाना चाहती है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और कुछ ने जल्द ही ऐसा करने के संकेत दिए हैं।
होम मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अगर सीबीआई इस घोटाले में नारायणन और वांचू से पूछताछ करती है, तो दोनों के लिए संवैधानिक स्थिति को सही ठहरना मुश्किल हो जाएगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'इस हाई ऑफिस की गरिमा को कायम रखने के लिए इन लोगों को पूछताछ होने से पहले ही खुद से इस्तीफा दे दिया जाना चाहिए।'
यूपीए-1 सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके नारायणन ने इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं, जबकि एसपीजी के पूर्व हेड वांचू इस मामले पर चुप हैं। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों ने साफ किया है कि पूछताछ की टाइमिंग का सरकार और राज्यपालों के बीच चल रहे टकराव से कोई लेना-देना नहीं है।
सिन्हा ने बताया कि जांच एजेंसी पहले ही दोनों राज्यपालों के लिए सवाल तैयार कर चुकी है और जल्द ही अधिकारियों की एक टीम को पूछताछ के लिए भेजा जाएगा। उन्होंने बताया, 'ऑगस्टा वेस्टलैंड घोटाले में जांच को और नहीं रोका जा सकता है। पूछताछ इस महीने के आखिर तक होगी। हम राज्यपालों से पूछताछ गवाह के तौर पर कर रहे हैं और हमें इसके लिए सरकार से मंजूरी लेने की कोई जरूरत नहीं है।'
यह पूछे जाने पर क्या सीबीआई की योजना दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री और केरल की गवर्नर शीला दीक्षित से भी पूछताछ करने की है, सिन्हा का कहना था कि ऐसी कोई योजना नहीं है। शीला दीक्षित का नाम दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) घोटाले में आया है, जिसकी जांच भी सीबीआई के जिम्मे है। उन्होंने बताया, 'हमारे पास अब तक तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई सामग्री नहीं है। जांच अब भी जारी है।'
मुख्यमंत्री होने के नाते शीला दीक्षित दिल्ली जल बोर्ड की चेयरपर्सन भी थीं। सीबीआई ने दिल्ली जल बोर्ड में पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप प्रॉजेक्ट के सिलसिले में पिछले साल 3 शुरुआती जांच शुरू की थी। इस मामले में दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली में बेरोकटोक पानी की सप्लाई के लिए यूरोपीय फर्म से समझौता किया था।
नारायणन, वांचू और दीक्षित को कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए-2 सरकार में गवर्नर बनाया गया था। बीजेपी की अगुवाई वाली मौजूदा सरकार 7 राज्यपालों को हटाना चाहती है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं और कुछ ने जल्द ही ऐसा करने के संकेत दिए हैं।
होम मिनिस्ट्री के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि अगर सीबीआई इस घोटाले में नारायणन और वांचू से पूछताछ करती है, तो दोनों के लिए संवैधानिक स्थिति को सही ठहरना मुश्किल हो जाएगा। एक सीनियर अधिकारी ने बताया, 'इस हाई ऑफिस की गरिमा को कायम रखने के लिए इन लोगों को पूछताछ होने से पहले ही खुद से इस्तीफा दे दिया जाना चाहिए।'
यूपीए-1 सरकार में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके नारायणन ने इस्तीफा देने के संकेत दिए हैं, जबकि एसपीजी के पूर्व हेड वांचू इस मामले पर चुप हैं। हालांकि, सीबीआई अधिकारियों ने साफ किया है कि पूछताछ की टाइमिंग का सरकार और राज्यपालों के बीच चल रहे टकराव से कोई लेना-देना नहीं है।
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