कोल ब्लॉक आवंटन मामले
की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से रिपोर्ट दाखिल कर कोल ब्लॉक
आवंटन को जस्टिसफाई करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही सीबीआई से कहा
है कि वह सरकार के उस रिपोर्ट पर अपना स्टैंड साफ करे जिसमें सीबीआई को ऑटॉनमी दिए
जाने के लिए तमाम प्रस्ताव दिए गए हैं। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से पूछा
है कि वह मुकदमा चलाने के लिए दिए जाने वाले सेक्शन के बारे में अपना रुख साफ करे।
पिछले 3 जुलाई को सरकार ने एफिडेविट दाखिल कर कहा था कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति पीएम, विरोधी दल के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कमिटी करेगी। साथ ही कहा कि सीबीआई के डायरेक्टर को राष्ट्रपति ही हटा सकेंगे। अन्य कई प्रस्ताव पेश किए गए थे। वहीं सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके गुहार लगाई है कि अदालत 8 मई के अपने उस आदेश में बदलाव करे, जिसमें सीबीआई को मामले की छानबीन से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी से साझा न करने का आदेश दिया गया था। सीबीआई की याचिका के मुताबिक, छानबीन के दौरान कई किस्म की मंजूरी लेने के लिए जांच से जुड़ी जानकारी सरकार या संबंधित अथॉरिटी से शेयर करनी पड़ती है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि वह सरकार के प्रस्ताव पर अपना स्टैंड साफ करे। वहीं केंद्र सरकार से कहा है कि वह बताए कि कोल ब्लॉक आवंटन के लिए जो मीटिंग हुई उसमें किस आधार पर 164 कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया। फैसले का आधार क्या था। सुप्रीम कोट ने पूछा है कि सरकार बताए कि अलॉटमेंट कैसे जस्टिसफाईड था। अदालत ने सरकार से कहा है कि वह देखना चाहते हैं कि अलॉटमेंट जुडिशल रिव्यू के तहत टिकने योग्य है या नहीं।
पिछले 3 जुलाई को सरकार ने एफिडेविट दाखिल कर कहा था कि सीबीआई डायरेक्टर की नियुक्ति पीएम, विरोधी दल के नेता और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस की कमिटी करेगी। साथ ही कहा कि सीबीआई के डायरेक्टर को राष्ट्रपति ही हटा सकेंगे। अन्य कई प्रस्ताव पेश किए गए थे। वहीं सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके गुहार लगाई है कि अदालत 8 मई के अपने उस आदेश में बदलाव करे, जिसमें सीबीआई को मामले की छानबीन से जुड़ी कोई भी जानकारी किसी से साझा न करने का आदेश दिया गया था। सीबीआई की याचिका के मुताबिक, छानबीन के दौरान कई किस्म की मंजूरी लेने के लिए जांच से जुड़ी जानकारी सरकार या संबंधित अथॉरिटी से शेयर करनी पड़ती है।
बुधवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा है कि वह सरकार के प्रस्ताव पर अपना स्टैंड साफ करे। वहीं केंद्र सरकार से कहा है कि वह बताए कि कोल ब्लॉक आवंटन के लिए जो मीटिंग हुई उसमें किस आधार पर 164 कोल ब्लॉक का आवंटन किया गया। फैसले का आधार क्या था। सुप्रीम कोट ने पूछा है कि सरकार बताए कि अलॉटमेंट कैसे जस्टिसफाईड था। अदालत ने सरकार से कहा है कि वह देखना चाहते हैं कि अलॉटमेंट जुडिशल रिव्यू के तहत टिकने योग्य है या नहीं।
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