2012 को
अलविदा -- तथा नव वर्ष 2013 की शुभकामनायें । इसी
उम्मीद के साथ कि नव वर्ष महिला उत्पीड़न मुक्त हो ।
Monday, December 31, 2012
Thursday, December 20, 2012
खेती के मामले में भी गुजरात का रेकॉर्ड बेहतरीन
रोजगार,
बिजली और इन्फ्रास्ट्रक्चर के मामले में गुजरात की मिसाल ने मोदी को
विकास पुरुष का दर्जा दे दिया है। खेती के मामले में भी गुजरात का रेकॉर्ड बेहतरीन
है।
मोदी ने एक जुझारू, दबंग और अक्खड़ प्रशासक की स्टाइल से जनता को अपना मुरीद बना लिया है। वे गुजरात के मैचो मैन हैं, जो किसी से नहीं दबते, यहां तक कि अपनी बिरादरी से भी नहीं। वे सख्त बोलने वाले गार्जियन की तरह आदर से देखे जाते हैं। करप्शन के मामले में उनका बेदाग रेकॉर्ड और परिवारवाद से दूरी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग कर देते हैं।
मोदी ने गुजराती वोटर को दिल्ली की सियासत पर राज करने का सपना दिखाया है। गुजराती अस्मिता उनकी असरदार थीम रही है। रीजनलिजम का इस तरह इस्तेमाल किसी दूसरे नेता ने नहीं किया। उन्होंने अपने वोटर को ताकतवर होने का अहसास दिलाया है, जो तरक्की का अगला कदम है। गुजरात की इज्जत के नाम पर वे बाहरी हमले का डर दिखाते रहते हैं। यह हमला दिल्ली की सत्ता की तरफ से है, जिसका चेहरा कांग्रेस है।
पूरे देश की तरह गुजरात में भी युवा वोटरों की तादाद बढ़ रही है। इस वोटर के लिए 2002 के दंगे ज्यादा मायने नहीं रखते। उसके लिए तरक्की सबसे अहम है। यह कंज्यूमर जेनरेशन पॉलिटिक्स को एक सर्विस मानती है और मोदी का कस्टमर केयर डिपार्टमेंट बढिय़ा काम कर रहा है। यूथ वोटर गांधी-नेहरू से भी खुद को जुड़ा हुआ महसूस नहीं करता, जिसकी याद राहुल गांधी दिलाने की नाकाम कोशिश करते रहे।
डी-लिमिटेशन के बाद गुजरात में शहरी सीटों की तादाद बढ़ गई। शहरी मिडल क्लास में मोदी हिट हैं और इस बार यह लगाव कुछ और बढ़ गया है। वैसे भी बीजेपी को शहरी पार्टी माना जाता रहा है। इस जीत के बाद यह सवाल उठाया भी जाने लगा है कि क्या मोदी के जरिए बीजेपी उस शहरी भारत को फिर से कैप्चर कर सकती है, जिसने इंडिया शाइनिंग के नारे से चिढ़कर उसका साथ छोड़ दिया था। मोदी पूरे भारत में बीजेपी के पुराने वोटर की वापसी करा सकते हैं।
मोदी को उन इलाकों से भी ठीक-ठाक सपोर्ट मिलता दिखा है, जो खिलाफ माने जा रहे थे, जैसे मुस्लिम बहुल और आदिवासी इलाके। हालांकि इस पॉइंट की पूरी छानबीन होनी बाकी है, लेकिन मुमकिन है कि तरक्की के मोदी मंत्र ने उन समुदायों में भी उन्हें एक हद तक पसंदीदा बना दिया हो। बिना किसी का नाम लिए पुरानी गलतियों के लिए मोदी का अब माफी मांगना और आगे कोई गलती न करने का वादा इस बदले हुए माहौल का असर हो सकता है।
मोदी ने एक जुझारू, दबंग और अक्खड़ प्रशासक की स्टाइल से जनता को अपना मुरीद बना लिया है। वे गुजरात के मैचो मैन हैं, जो किसी से नहीं दबते, यहां तक कि अपनी बिरादरी से भी नहीं। वे सख्त बोलने वाले गार्जियन की तरह आदर से देखे जाते हैं। करप्शन के मामले में उनका बेदाग रेकॉर्ड और परिवारवाद से दूरी उन्हें दूसरे नेताओं से अलग कर देते हैं।
मोदी ने गुजराती वोटर को दिल्ली की सियासत पर राज करने का सपना दिखाया है। गुजराती अस्मिता उनकी असरदार थीम रही है। रीजनलिजम का इस तरह इस्तेमाल किसी दूसरे नेता ने नहीं किया। उन्होंने अपने वोटर को ताकतवर होने का अहसास दिलाया है, जो तरक्की का अगला कदम है। गुजरात की इज्जत के नाम पर वे बाहरी हमले का डर दिखाते रहते हैं। यह हमला दिल्ली की सत्ता की तरफ से है, जिसका चेहरा कांग्रेस है।
पूरे देश की तरह गुजरात में भी युवा वोटरों की तादाद बढ़ रही है। इस वोटर के लिए 2002 के दंगे ज्यादा मायने नहीं रखते। उसके लिए तरक्की सबसे अहम है। यह कंज्यूमर जेनरेशन पॉलिटिक्स को एक सर्विस मानती है और मोदी का कस्टमर केयर डिपार्टमेंट बढिय़ा काम कर रहा है। यूथ वोटर गांधी-नेहरू से भी खुद को जुड़ा हुआ महसूस नहीं करता, जिसकी याद राहुल गांधी दिलाने की नाकाम कोशिश करते रहे।
डी-लिमिटेशन के बाद गुजरात में शहरी सीटों की तादाद बढ़ गई। शहरी मिडल क्लास में मोदी हिट हैं और इस बार यह लगाव कुछ और बढ़ गया है। वैसे भी बीजेपी को शहरी पार्टी माना जाता रहा है। इस जीत के बाद यह सवाल उठाया भी जाने लगा है कि क्या मोदी के जरिए बीजेपी उस शहरी भारत को फिर से कैप्चर कर सकती है, जिसने इंडिया शाइनिंग के नारे से चिढ़कर उसका साथ छोड़ दिया था। मोदी पूरे भारत में बीजेपी के पुराने वोटर की वापसी करा सकते हैं।
मोदी को उन इलाकों से भी ठीक-ठाक सपोर्ट मिलता दिखा है, जो खिलाफ माने जा रहे थे, जैसे मुस्लिम बहुल और आदिवासी इलाके। हालांकि इस पॉइंट की पूरी छानबीन होनी बाकी है, लेकिन मुमकिन है कि तरक्की के मोदी मंत्र ने उन समुदायों में भी उन्हें एक हद तक पसंदीदा बना दिया हो। बिना किसी का नाम लिए पुरानी गलतियों के लिए मोदी का अब माफी मांगना और आगे कोई गलती न करने का वादा इस बदले हुए माहौल का असर हो सकता है।
Sunday, December 16, 2012
फिर गैंग रेप की सनसनीखेज वारदात से शर्मसार
राजधानी दिल्ली एक
बार फिर गैंग रेप की सनसनीखेज वारदात से शर्मसार है। मेडिकल की स्टूडेंट को उसके
बॉयफ्रेंड के सामने बंधक बनाकर चलती बस में दरिंदों ने हवस का शिकार तब तक बनाया
जब तक वह बेहोश नहीं हो गई। विरोध करने पर बॉयफ्रेंड को लोहे की रॉड से लहूलुहान
कर दिया। करीब 2 घंटे तक राजधानी
की सड़कों पर बस दौड़ती रही और छात्रा की अस्मत लुटती रही। बाद में लड़की को उसके
बॉयफ्रेंड के साथ महिपालपुर इलाके में सुनसान जगह फेंक कर आरोपी बस को लेकर फरार
हो गए।
दिल दहलाने वाली इस वारदात के बारे में जैसे ही पुलिस के आला अफसरों को खबर हुई तो हड़कंप मच गया। वसंत विहार पुलिस ने केस दर्ज कर फौरन पीड़ित लड़की को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने रेप की पुष्टि करते हुए लड़की की हालत नाजुक बताई है। वारदात के 12 घंटे बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। हालांकि, कुछ लोगों की पहचान करने का दावा पुलिस ने किया है।
वसंत विहार पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीड़ित छात्रा शिवानी (काल्पनिक नाम) द्वारका में रहती हैं और मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। शिवानी का सॉफ्टवेयर इंजीनियर बॉयफ्रेंड जेएनयू के पास के बेरसराय में रहता है। शिवानी अक्सर उससे मिलने के लिए बेरसराय आती रहती हैं। रविवार की शाम संडे को दोनों का पिक्चर देखने का प्लान था। दोनों ने पीवीआर साकेत सिनेमा के बाहर मिलने का वक्त तय किया था। रात को पिक्चर देखने के बाद दोनों वहां से निकले। रात अधिक हो जाने के कारण बॉयफेंड भी शिवानी को घर तक छोड़ने के लिए साथ चल पड़ा।
दोनों ने मुनिरका से वाइट लाइन की बस में सवार हुए। बस वाले ने कहा कि वह द्वारका की तरफ जा रहा है। बस में ड्राइवर समेत चार लोग सवार थे। बताया जाता है कि इन दोनों के चढ़ते ही बस के अंदर की लाइट बंद कर दी, जिस पर बॉयफ्रेंड ने आपत्ति जताई। बस में सवार लड़कों ने बॉयफ्रेंड को धमकी देते हुए खामोश रहने के लिए कहा। दोनों ने बस को रुकवाने के लिए जोर दिया तो कंडक्टर और लड़कों ने बॉयफ्रेंड को धमकाया और लड़की से छेड़छाड़ शुरू कर दी।
विरोध करने पर लोहे की रॉड से बॉयफ्रेंड को बुरी तरह पीट कर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद बस के आगे केबिन में लड़की को खींच कर ले गए। जहां बस चलती रही और बारी-बारी से लड़की को हवस का शिकार बनाते रहे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान लड़कों ने बॉयफ्रेंड के हाथ-पांव बांध दिए थे। लड़की के बेहोश होने तक उसके साथ रेप किया जाता रहा। आरोपियों ने दोनों को रात करीब साढ़े बारह बजे के आसपास महिपालपुर में सुनसान इलाके में फेंक दिया। किसी राहगीर की मदद से दोनों ने पुलिस से संपर्क किया।
मेडिकल में रेप की पुष्टि के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर रात को ही टीमें छापेमारी करने के लिए रवाना कर दीं। पीड़ित लड़की की सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित लड़की के बॉयफ्रेंड को थाने में पूछताछ के लिए बिठा रखा है और वारदात के बारे में गहराई से जानकारी ली जा रही है। वसंत विहार पुलिस ने सफेद रंग की दो बसों को जब्त किया है। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
दिल दहलाने वाली इस वारदात के बारे में जैसे ही पुलिस के आला अफसरों को खबर हुई तो हड़कंप मच गया। वसंत विहार पुलिस ने केस दर्ज कर फौरन पीड़ित लड़की को सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने रेप की पुष्टि करते हुए लड़की की हालत नाजुक बताई है। वारदात के 12 घंटे बाद भी किसी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। हालांकि, कुछ लोगों की पहचान करने का दावा पुलिस ने किया है।
वसंत विहार पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पीड़ित छात्रा शिवानी (काल्पनिक नाम) द्वारका में रहती हैं और मेडिकल की पढ़ाई कर रही है। शिवानी का सॉफ्टवेयर इंजीनियर बॉयफ्रेंड जेएनयू के पास के बेरसराय में रहता है। शिवानी अक्सर उससे मिलने के लिए बेरसराय आती रहती हैं। रविवार की शाम संडे को दोनों का पिक्चर देखने का प्लान था। दोनों ने पीवीआर साकेत सिनेमा के बाहर मिलने का वक्त तय किया था। रात को पिक्चर देखने के बाद दोनों वहां से निकले। रात अधिक हो जाने के कारण बॉयफेंड भी शिवानी को घर तक छोड़ने के लिए साथ चल पड़ा।
दोनों ने मुनिरका से वाइट लाइन की बस में सवार हुए। बस वाले ने कहा कि वह द्वारका की तरफ जा रहा है। बस में ड्राइवर समेत चार लोग सवार थे। बताया जाता है कि इन दोनों के चढ़ते ही बस के अंदर की लाइट बंद कर दी, जिस पर बॉयफ्रेंड ने आपत्ति जताई। बस में सवार लड़कों ने बॉयफ्रेंड को धमकी देते हुए खामोश रहने के लिए कहा। दोनों ने बस को रुकवाने के लिए जोर दिया तो कंडक्टर और लड़कों ने बॉयफ्रेंड को धमकाया और लड़की से छेड़छाड़ शुरू कर दी।
विरोध करने पर लोहे की रॉड से बॉयफ्रेंड को बुरी तरह पीट कर लहूलुहान कर दिया। इसके बाद बस के आगे केबिन में लड़की को खींच कर ले गए। जहां बस चलती रही और बारी-बारी से लड़की को हवस का शिकार बनाते रहे। सूत्रों के मुताबिक, इस दौरान लड़कों ने बॉयफ्रेंड के हाथ-पांव बांध दिए थे। लड़की के बेहोश होने तक उसके साथ रेप किया जाता रहा। आरोपियों ने दोनों को रात करीब साढ़े बारह बजे के आसपास महिपालपुर में सुनसान इलाके में फेंक दिया। किसी राहगीर की मदद से दोनों ने पुलिस से संपर्क किया।
मेडिकल में रेप की पुष्टि के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर रात को ही टीमें छापेमारी करने के लिए रवाना कर दीं। पीड़ित लड़की की सफदरजंग अस्पताल में भर्ती है। उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। इस मामले में पुलिस ने पीड़ित लड़की के बॉयफ्रेंड को थाने में पूछताछ के लिए बिठा रखा है और वारदात के बारे में गहराई से जानकारी ली जा रही है। वसंत विहार पुलिस ने सफेद रंग की दो बसों को जब्त किया है। लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
Wednesday, December 5, 2012
अरविंद केजरीवाल सत्ता और लालची की वजह से उनसे दूर हो गए
जन लोकपाल को लेकर संघर्ष करने वाले समाजसेवी अन्ना
हजारे का कहना है कि अरविंद केजरीवाल सत्ता और लालची की वजह से उनसे दूर हो गए।
न्यूज चैनल आजतक के कार्यक्रम 'एजेंडा आजतक' में
हिस्सा लेते हुए अन्ना ने अरविंद केजरीवाल से अपने संबंधों के बारे में खुलकर
चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह अरविंद केजरीवाल के अचानक राजनीति में आने के फैसले
से हैरान हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के साथ जुड़े लोग सत्ता के लालची हैं,
ऐसे में मैं उनका समर्थन नहीं कर सकत
हिन्दी न्यूज चैनल आज तक के कार्यक्रम 'एजेंडा
आजतक' में अन्ना हजारे ने कहा, 'राजनीति
पार्टियों का एक ही मकसद होता है- पैसे से सत्ता और सत्ता से पैसा हासिल करना। अगर
अरविंद केजरीवाल ने पार्टी बनाई है तो उनका मकसद भी ऐसा नहीं हो, यह मैं मान नहीं सकता।' जब अन्ना पूछे जाने पर कि
क्या अरविंद केजरीवाल सत्ता के लालच की वजह से ही उनसे दूर हुए, अन्ना ने कहा, 'हां, अब मुझे
ऐसा ही लग रहा है। मुझे समझ नहीं आया कि अचानक से अरविंद ने राजनीतिक राह क्यों
पकड़ ली। उन्हें गैर-राजनीतिक आंदोलन के जरिए लड़ाई लड़नी चाहिए।' अन्ना के मुताबिक उन्होंने केजरीवाल को समझाया था कि फल की इच्छा किए बगैर
कर्म करते चलो, लेकिन उन्होंने एक नहीं मानी।
अन्ना ने कहा कि पहले उनका इरादा था कि अरविंद केजरीवाल का समर्थन
करें, लेकिन अब तो वोट देने पर भी विचार करना पड़ेगा।
उन्होंने यह भी साफ किया कि अगर केजरीवाल के खिलाफ किसी तरह की गड़बड़ी का आरोप
लगता है, तो वह उनके खिलाफ भी आंदोलन करेंगे।
समाजसेवी अन्ना
हजारे ने कहा कि देश की आजादी के लिए न जाने कितने ही लोगों ने लहू बहाया, लेकिन
हम उसका सम्मान करने में नाकाम रहे। उन्होंने कहा, 'सही
मायनों में हम आजाद नहीं हैं। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए तो हमने गोली भी
चलाई, लेकिन यहां किस पर गोली चलाएं? सभी
तो अपने ही हैं।' उन्होंने कहा कि सरकारें सिर्फ 'गिरने' से डरती हैं और जनता को इसी का फायदा उठाना
चाहिए। अन्ना ने कहा कि अगर सरकारों पर जनशक्ति का अंकुश लग जाए, तो वे मनमानी करने डरेंगी। उन्होंने कहा, 'रामलीला
मैदान में जनलोकपाल के मुद्दे पर जनशक्ति को देखकर सरकार झुख गई थी। बेशक वह बाद
में पलट गई, लेकिन उससे यह बात साफ हो गई कि जनता चाहे तो
एकजुट होकर सत्ता को झुका सकती है।' अन्ना ने कहा कि करप्शन को
मिटाना है तो सिस्टम में बदलाव लाना जरूरी है। इंडिया टुडे ग्रुप की तरफ से आयोजित
इस प्रोग्राम में देश के जाने-माने नेता, बिजनसमैन,
सोशल ऐक्टिविस्ट, बॉलिवुड स्टार और आर्ट ऐंड
कल्चर से जुड़े लोग हिस्सा लेकर देश की समस्याओं पर बात कर रहे हैं। इस प्रोग्राम
में अन्ना ने कहा कि आधुनिक क्रांति लाकर देश को विकसित और संपन्न बनाने के लिए दो
कामों की जरूरत है। पहले गांवों को बदलिए, और दूसरा यह कि
विकास की चाहत में मानव और प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए।
Monday, November 26, 2012
सरकार ने लापरवाही बरतने पर सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के खिलाफ सख्त ऐक्शन
फेसबुक पर ठाकरे विरोधी कॉमेंट करने पर 2 लड़कियों को
अरेस्ट करने के मामले में सरकार ने लापरवाही बरतने पर सीनियर पुलिस ऑफिसर्स के
खिलाफ सख्त ऐक्शन लिया है। सरकार ने ठाणे रूरल के एसपी रविन्द्र सेनगांवकर को
सस्पेंड करने का फैसला लिया है। उधर बॉम्बे हाई कोर्ट ने इन दोनों लड़कियों को 15-15
हजार रुपये की जमानत पर रिहा करने वाले फर्स्ट क्लास जूडिशल
मैजिस्ट्रेट रामचंद्र बागडे का ट्रांसफर कर दिया है।
21 साल की शाहीन डाढा ने 18 नवंबर को शिवसेना चीफ बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार वाले दिन फेसबुक पर एक स्टेटस अपडेट किया था। इस अपडेट को उनकी दोस्त रेणू ने लाइक करके शेयर किया था। हालांकि शाहीन ने अपनी पोस्ट में ठाकरे का जिक्र नहीं किया था, लेकिन स्थानीय शिवसेना चीफ ने उसके खिलाफ लोगों की भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज करा दी। यही नहीं, शाहीन के चाचा के क्लिनिक में कुछ गुंडों ने तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने भी इस मामले में दोनों लड़कियों को अरेस्ट कर लिया था, जिसके बाद देश भर में 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' के मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई थी।
चारों तरफ हो रहे विरोध के बाद महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हान और गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने ऐक्शन लेने का वादा किया था। इसके लिए आईजी रैंक के एक ऑफिसर को मामले की जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि सीनियर पुलिस ऑफिसर्स ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर उन्होंने वक्त पर सही फैसला लिया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते।
21 साल की शाहीन डाढा ने 18 नवंबर को शिवसेना चीफ बाल ठाकरे के अंतिम संस्कार वाले दिन फेसबुक पर एक स्टेटस अपडेट किया था। इस अपडेट को उनकी दोस्त रेणू ने लाइक करके शेयर किया था। हालांकि शाहीन ने अपनी पोस्ट में ठाकरे का जिक्र नहीं किया था, लेकिन स्थानीय शिवसेना चीफ ने उसके खिलाफ लोगों की भावनाएं भड़काने की शिकायत दर्ज करा दी। यही नहीं, शाहीन के चाचा के क्लिनिक में कुछ गुंडों ने तोड़फोड़ भी की। पुलिस ने भी इस मामले में दोनों लड़कियों को अरेस्ट कर लिया था, जिसके बाद देश भर में 'फ्रीडम ऑफ स्पीच' के मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई थी।
चारों तरफ हो रहे विरोध के बाद महाराष्ट्र के सीएम पृथ्वीराज चव्हान और गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने ऐक्शन लेने का वादा किया था। इसके लिए आईजी रैंक के एक ऑफिसर को मामले की जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि सीनियर पुलिस ऑफिसर्स ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। अगर उन्होंने वक्त पर सही फैसला लिया होता, तो हालात इतने खराब नहीं होते।
Tuesday, November 20, 2012
निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि
मुंबई अटैक के गुनहगार पाकिस्तानी आतंकवादी अजमल आमिर
कसाब को फांसी दे दी गई है। कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे की यरवदा जेल
में शिफ्ट कर बुधवार सुबह 7.30 बजे फांसी पर लटकाया गया। फांसी के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर
दिया। केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि
की है।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को ही राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया। शिंदे ने बताया कि 8 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि कसाब को 12 तारीख को फांसी दे दी जाए। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को उसी दिन जानकारी दे दी गई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि गृह मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को ही राष्ट्रपति से सिफारिश की थी कि कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया जाए। इसके बाद 5 नवंबर को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कसाब की दया याचिका को खारिज कर दिया। शिंदे ने बताया कि 8 नवंबर को ही यह तय हो गया था कि कसाब को 12 तारीख को फांसी दे दी जाए। इस बारे में महाराष्ट्र सरकार को उसी दिन जानकारी दे दी गई थी।
मंगलवार को कसाब को मुंबई की ऑर्थर रोड जेल से पुणे
की यरवदा जेल में गुपचुप तरीके से शिफ्ट कर दिया गया था। ऐसा इसलिए किया गया
क्योंकि यरवदा जेल में फांसी देने का इंतजाम है। उसकी फांसी बुधवार सुबह साढ़े सात
बजे तय की गई थी, जिसे तय समय पर अंजाम दे दिया गया। 25
वर्षीय कसाब को जनवरी 2008 से ऑर्थर रोड जेल
में था।
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने भी कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के बाद आज सुबह 7.30 मिनट पर यरवदा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया के सामने कसाब का अपराध साबित हुआ और आखिरकार उसे फांसी दे दी गई। यह 26/11 के हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि है।'
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कसाब की डेड बॉडी का क्या किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक इस बारे में पहले ही पाकिस्तान को लेटर भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक फैक्स भेजकर कसाब को फांसी दिए जाने की जानकारी दी गई है। शिंदे के मुताबिक अगर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कसाब का शरीर लिए जाने का अनुरोध आता है, तब इस पर विचार किया जाएगा।
कसाब उन 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हमला करने से पहले इन आतंकियों ने गुजरात कोस्ट से एक भारतीय बोट को हाइजैक करके उसके कैप्टन को भी मार दिया था।
कसाब ने सितंबर में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को बेहद 'रेयर' बताकर कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। जस्टिस आफताब आलम और सी. के. प्रसाद ने मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि जेल में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाए। वह खुद को हीरो और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में कोर्ट ने माना था कि कसाब के लिए फांसी ही एकमात्र सजा है।
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री आर.आर. पाटिल ने भी कसाब को फांसी दिए जाने की पुष्टि की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के बाद आज सुबह 7.30 मिनट पर यरवदा जेल में कसाब को फांसी दे दी गई। उन्होंने कहा, 'पूरी दुनिया के सामने कसाब का अपराध साबित हुआ और आखिरकार उसे फांसी दे दी गई। यह 26/11 के हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और शदीह ऑफिसर्स के लिए श्रद्धांजलि है।'
अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि कसाब की डेड बॉडी का क्या किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री के मुताबिक इस बारे में पहले ही पाकिस्तान को लेटर भेजा गया था, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। कसाब को फांसी देने के बाद पाकिस्तान को दोबारा एक फैक्स भेजकर कसाब को फांसी दिए जाने की जानकारी दी गई है। शिंदे के मुताबिक अगर पाकिस्तान सरकार की तरफ से कसाब का शरीर लिए जाने का अनुरोध आता है, तब इस पर विचार किया जाएगा।
कसाब उन 10 पाकिस्तानी आतंकियों में से एक था, जिन्होंने समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल होकर 26/11 हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। हमला करने से पहले इन आतंकियों ने गुजरात कोस्ट से एक भारतीय बोट को हाइजैक करके उसके कैप्टन को भी मार दिया था।
कसाब ने सितंबर में राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजी थी। इससे पहले 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को बेहद 'रेयर' बताकर कसाब की फांसी की सजा पर मुहर लगा दी थी। जस्टिस आफताब आलम और सी. के. प्रसाद ने मुंबई हमले में पकड़े गए एक मात्र जिंदा आतंकी कसाब के बारे में कहा था कि जेल में उसने पश्चाताप या सुधार के कोई संकेत नहीं दिखाए। वह खुद को हीरो और देशभक्त पाकिस्तानी बताता था। ऐसे में कोर्ट ने माना था कि कसाब के लिए फांसी ही एकमात्र सजा है।
अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना दिया गया
आतंकी अजमल आमिर कसाब के शव को यरवदा जेल में दफना
दिया गया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बताया कि कसाब के शव
को पाकिस्तान को न सौंपकर जेल के अंदर ही दफन कर दिया गया। इससे पहले कयास लग रहे
थे कि कसाब के शरीर को या तो पाकिस्तान के हवाले किया जाएगा, या
ओसामा-बिन-लादेन की ही तरह पर समंदर में दफन किया जाएगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने जानकारी दी कि कसाब को यरवदा जेल के अंदर ही दफनाया गया है। इस बात के लिए खास इंतजाम किए गए हैं कि कसाब की कब्र की कोई पहचान न हो। मुंबई हमले के दौरान मार गिराए गए कसाब के साथियों के शवों को भी गुमनाम जगह पर दफन किया गया था। उस वक्त समस्या यह थी कि पाकिस्तान ने शव लिए नहीं और भारत में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील की थी आतंकियों को यहां न दफनाया जाए। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुबह बताया था कि पाकिस्तान को इस बारे में एक लेटर भी भेजा गया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।
कुछ लोग मांग कर रहे थे कि कसाब के शरीर को भारत में दफनाने के बजाए समंदर में दफन कर दिया जाए। आशंका थी कि अगर कसाब को भारत में दफन किया जाता है, तो कट्टरपंथी और राष्ट्र विरोधी लोग उसे हीरो बना सकते हैं। इसी तरह की आशंका के डर से अमेरिका ने 9/11 के गुनहगार ओसामा बिना लादेन को मार गिराने के बाद उसकी डेड बॉडी को समंदर में दफन कर दिया था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कसाब के शरीर को जेल में दफनाने का फैसला किया, ताकि वहां कोई पहुंच न सके।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान ने जानकारी दी कि कसाब को यरवदा जेल के अंदर ही दफनाया गया है। इस बात के लिए खास इंतजाम किए गए हैं कि कसाब की कब्र की कोई पहचान न हो। मुंबई हमले के दौरान मार गिराए गए कसाब के साथियों के शवों को भी गुमनाम जगह पर दफन किया गया था। उस वक्त समस्या यह थी कि पाकिस्तान ने शव लिए नहीं और भारत में मुस्लिम धर्म गुरुओं ने अपील की थी आतंकियों को यहां न दफनाया जाए। इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुबह बताया था कि पाकिस्तान को इस बारे में एक लेटर भी भेजा गया था, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया।
कुछ लोग मांग कर रहे थे कि कसाब के शरीर को भारत में दफनाने के बजाए समंदर में दफन कर दिया जाए। आशंका थी कि अगर कसाब को भारत में दफन किया जाता है, तो कट्टरपंथी और राष्ट्र विरोधी लोग उसे हीरो बना सकते हैं। इसी तरह की आशंका के डर से अमेरिका ने 9/11 के गुनहगार ओसामा बिना लादेन को मार गिराने के बाद उसकी डेड बॉडी को समंदर में दफन कर दिया था। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कसाब के शरीर को जेल में दफनाने का फैसला किया, ताकि वहां कोई पहुंच न सके।
Sunday, November 18, 2012
बेशकीमती उपहार।
देवी पद्मावती को रविवार को उनके
जन्मदिन पर मिला एक बेशकीमती उपहार। तिरुपति के पास तिरुचूर के रहने वाले देवी के
एक भक्त ने उन्हें उनके जन्मदिन पर एक खास भेंट पेश की। उन्होंने देवी पर करीब 5 करोड़ रुपयों की हीरों से जड़ी साड़ी चढ़ाई,
जो कि सदियों पुराने इस मंदिर को मिला इतिहास का सबसे महंगा
तोहफा है। यह तोहफा मंदिर में कार्तिक ब्रह्मोत्सव के मौके पर प्रसिद्ध
इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी ट्रांसस्ट्रॉय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा पेश किया गया,
जिसका प्रचार गंतूर से कांग्रेस के एमपी रायापति संबाशिव राव ने
किया।
कंपनी की ओर से कंपनी के चेयरमैन और एमडी चेरुकुरी सुधाकर ने शनिवार शाम यह उपहार मंदिर के अधिकारियों को सौंपा। यह कार्य रायापति और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया।
देवी को यह साड़ी, हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक पंचमी के दिन उनके जन्मदिन पर चढ़ाई गई। इससे पहले इस गोल्डन साड़ी को चढ़ाने के लिए पसुपुमंदापम से तिरुचूर मंदिर तक भव्य समारोह किया गया। देवी पद्मावती की तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी के रूप में पूजा की जाती है।
कंपनी की ओर से कंपनी के चेयरमैन और एमडी चेरुकुरी सुधाकर ने शनिवार शाम यह उपहार मंदिर के अधिकारियों को सौंपा। यह कार्य रायापति और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम्स (टीटीडी) के अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया।
देवी को यह साड़ी, हिंदू पंचांग के मुताबिक, कार्तिक पंचमी के दिन उनके जन्मदिन पर चढ़ाई गई। इससे पहले इस गोल्डन साड़ी को चढ़ाने के लिए पसुपुमंदापम से तिरुचूर मंदिर तक भव्य समारोह किया गया। देवी पद्मावती की तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर की पत्नी के रूप में पूजा की जाती है।
Thursday, November 15, 2012
नौकर 3 करोड़ की जूलरी पर हाथ साफ कर गया, लेकिन किसी को पता ही नहीं चला।
सोचिए उस शख्स के पास कितनी दौलत होगी,
कि 3 करोड़ रुपये पर कोई हाथ साफ कर ले
और उसे पता भी न चले। शराब कारोबारी और कर्नाटक से पूर्व एमपी डी. के अदिकेश्वल्लू
नायड के घर में काम करने वाला नौकर 3 करोड़ की जूलरी पर
हाथ साफ कर गया, लेकिन किसी को पता ही नहीं चला। मामले का
खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने गहने बेचते हुए अरेस्ट किया।
नामी बिजनसमैन और पूर्व सांसद नायडू की बालाजी में गहरी आस्था है। इस बात का फायदा उठाकर साल 2009 में अजय नाम का एक शख्स उनसे मिला। उसने बताया कि वह भी बालाजी का भक्त और उसे काम चाहिए। नायडू ने उसे अपने ऑफिस में असिस्टेंट के तौर पर काम दे दिया। अजय के काम से नायडू इतने प्रभावित हुए कि उसे घर में काम करने के लिए बुला लिया।
नायडू परिवार ने उसे घर के सदस्य की तरह समझा और इस दौरान वह करीब 40 बार परिवार के साथ ही तिरुपति गया। परिवार के भरोसे का नाजायज फायदा उठाते हुए अजय ने जूलरी चुराना शुरू कर दिया। वह इतना शातिर था कि इस बात का पूरा ख्याल रखता था कि परिवार की महिलाएं किस गहने को लंबे वक्त से नहीं पहन रही हैं। ऐसे में मौका पाकर वह उस जेवर को उठाता और तिरुपति जाने के बहाने कोलार जाकर बेच आता।
जिस सुनार के पास वह जेवर बेचा करता था, उसे शक हुआ। सुनार की शिकायत मिलते ही पुलिस ने अजय को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ के दौरान अजय ने बताया कि उसका असली नाम अकरम उर्फ कुट्टी है और वह आंध्र प्रदेश के मनापल्ली का रहने वाला है। उसने बताया कि पिछले 3 साल में वह पूर्व सांसद के घर से करीब 3 करोड़ रुपये के जेवर चुराकर बेच चुका है।
नामी बिजनसमैन और पूर्व सांसद नायडू की बालाजी में गहरी आस्था है। इस बात का फायदा उठाकर साल 2009 में अजय नाम का एक शख्स उनसे मिला। उसने बताया कि वह भी बालाजी का भक्त और उसे काम चाहिए। नायडू ने उसे अपने ऑफिस में असिस्टेंट के तौर पर काम दे दिया। अजय के काम से नायडू इतने प्रभावित हुए कि उसे घर में काम करने के लिए बुला लिया।
नायडू परिवार ने उसे घर के सदस्य की तरह समझा और इस दौरान वह करीब 40 बार परिवार के साथ ही तिरुपति गया। परिवार के भरोसे का नाजायज फायदा उठाते हुए अजय ने जूलरी चुराना शुरू कर दिया। वह इतना शातिर था कि इस बात का पूरा ख्याल रखता था कि परिवार की महिलाएं किस गहने को लंबे वक्त से नहीं पहन रही हैं। ऐसे में मौका पाकर वह उस जेवर को उठाता और तिरुपति जाने के बहाने कोलार जाकर बेच आता।
जिस सुनार के पास वह जेवर बेचा करता था, उसे शक हुआ। सुनार की शिकायत मिलते ही पुलिस ने अजय को अरेस्ट कर लिया। पूछताछ के दौरान अजय ने बताया कि उसका असली नाम अकरम उर्फ कुट्टी है और वह आंध्र प्रदेश के मनापल्ली का रहने वाला है। उसने बताया कि पिछले 3 साल में वह पूर्व सांसद के घर से करीब 3 करोड़ रुपये के जेवर चुराकर बेच चुका है।
Sunday, November 11, 2012
गुजरात के पुलिस थानों में पोस्टेड पुलिसकर्मियों में 10.6% मुसलमान हैं।
देश के किस राज्य में थानों में सबसे ज्यादा मुस्लिम पुलिसवाले हैं? इस सवाल का जवाब सुनकर आप चौंक सकते हैं। 10
साल पहले हुए दंगों की वजह से गुजरात की नरेंद्र मोदी सरकार की
मुस्लिम विरोधी छवि जगजाहिर है, लेकिन इस मामले में उसका
रिकॉर्ड सबसे शानदार है। एक आरटीआई से पता चला है कि वहां के थानों में किसी भी
राज्य के मुकाबले ज्यादा मुस्लिम पुलिसवाले हैं।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने जो जानकारियां दी हैं, उसके मुताबिक गुजरात के पुलिस थानों में पोस्टेड पुलिसकर्मियों में 10.6% मुसलमान हैं। यह अनुपात राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या के मुकाबले ज्यादा है। 2001 की जनगणना के मुताबिक सूबे में मुस्लिम आबादी 9.1% है। गुजरात के 501 पुलिस थानों में पोस्टेड 47,424 पुलिसकर्मियों में से 5021 मुस्लिम समुदाय से हैं। इस लिहाज से देखें तो गुजरात के हर थाने में औसतन 10 मुस्लिम पुलिसकर्मी हैं।
गुजरात से अधिक मुस्लिम आबादी अनुपात वाले सूबों में से केरल के 451 थानों में 2210 पुलिसकर्मी मुस्लिम हैं, जबकि लगातार तीन दशक से भी ज्यादा समय तक लेफ्ट पार्टियों द्वारा शासित पश्चिम बंगाल के 525 थानों में केवल 2048 पुलिसवाले ही मुस्लिम हैं। सबसे खराब रिकॉर्ड राजस्थान का है, जहां के 773 थानों में केवल 930 पुलिसकर्मी ही मुस्लिम हैं। झारखंड में भी आंकड़ा कोई खास अच्छा नहीं है। यहां 417 पुलिस थानों में 616 पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय से हैं।
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने जो जानकारियां दी हैं, उसके मुताबिक गुजरात के पुलिस थानों में पोस्टेड पुलिसकर्मियों में 10.6% मुसलमान हैं। यह अनुपात राज्य में मुस्लिमों की जनसंख्या के मुकाबले ज्यादा है। 2001 की जनगणना के मुताबिक सूबे में मुस्लिम आबादी 9.1% है। गुजरात के 501 पुलिस थानों में पोस्टेड 47,424 पुलिसकर्मियों में से 5021 मुस्लिम समुदाय से हैं। इस लिहाज से देखें तो गुजरात के हर थाने में औसतन 10 मुस्लिम पुलिसकर्मी हैं।
गुजरात से अधिक मुस्लिम आबादी अनुपात वाले सूबों में से केरल के 451 थानों में 2210 पुलिसकर्मी मुस्लिम हैं, जबकि लगातार तीन दशक से भी ज्यादा समय तक लेफ्ट पार्टियों द्वारा शासित पश्चिम बंगाल के 525 थानों में केवल 2048 पुलिसवाले ही मुस्लिम हैं। सबसे खराब रिकॉर्ड राजस्थान का है, जहां के 773 थानों में केवल 930 पुलिसकर्मी ही मुस्लिम हैं। झारखंड में भी आंकड़ा कोई खास अच्छा नहीं है। यहां 417 पुलिस थानों में 616 पुलिसकर्मी मुस्लिम समुदाय से हैं।
Tuesday, November 6, 2012
अखरोट के दाम क्यों चढ़ रहे हैं?
पिछले 6-7 महीनों में अखरोट की कीमत आसमान पर पहुंच गई
है। जब दिवाली से पहले सभी ड्राई फ्रूट्स की कीमतें सुस्त पड़ी हुई हैं, अखरोट के दाम क्यों चढ़ रहे हैं? ट्रेडर्स की
मानें तो इसके पीछे योग गुरु स्वामी रामदेव का हाथ है।
दरअसल, लोगों ने रामदेव की इस बात को गांठ बांध लिया है कि अखरोट घुटनों में दर्द से मुक्ति का रामबाण इलाज है। रामदेव की वजह से पहले भी लौकी और करेला की मांग बढ़ चुकी है। जम्मू-कश्मीर अखरोट एक्सपोर्टर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट विजय जैन ने बताया कि पिछले 6 महीने से अखरोट की मांग में तेजी है।
अखरोट की ट्रेडिंग करने वाली कंपनी अमन इंटरनैशनल की दीप्ति अरोड़ा ने बताया, 'अखरोट की कीमत में तेजी का क्रेडिट रामदेव को जाता है।' जम्मू के नरवाल मंडी में छिलके वाले अखरोट की होलसेल कीमत 17-20% बढ़कर 200-300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। बिना छिलके वाला अखरोट 50 फीसदी तेजी के साथ 1,100 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। औसतन पूरे राज्य से 10 किलो के 5,000-7,500 अखरोट के बैग जम्मू मंडी में पहुंच रहे हैं।
दरअसल, लोगों ने रामदेव की इस बात को गांठ बांध लिया है कि अखरोट घुटनों में दर्द से मुक्ति का रामबाण इलाज है। रामदेव की वजह से पहले भी लौकी और करेला की मांग बढ़ चुकी है। जम्मू-कश्मीर अखरोट एक्सपोर्टर्स असोसिएशन के प्रेजिडेंट विजय जैन ने बताया कि पिछले 6 महीने से अखरोट की मांग में तेजी है।
अखरोट की ट्रेडिंग करने वाली कंपनी अमन इंटरनैशनल की दीप्ति अरोड़ा ने बताया, 'अखरोट की कीमत में तेजी का क्रेडिट रामदेव को जाता है।' जम्मू के नरवाल मंडी में छिलके वाले अखरोट की होलसेल कीमत 17-20% बढ़कर 200-300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है। बिना छिलके वाला अखरोट 50 फीसदी तेजी के साथ 1,100 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिक रहा है। औसतन पूरे राज्य से 10 किलो के 5,000-7,500 अखरोट के बैग जम्मू मंडी में पहुंच रहे हैं।
Thursday, November 1, 2012
अरविंद केजरीवाल को सत्ता का लालच
भ्रष्टाचार विरोधी
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे को लगता है कि उनके पुराने साथी अरविंद केजरीवाल
को सत्ता का लालच हो सकता है। अन्ना ने कहा कि इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नेता
अरविंद केजरीवाल को पैसे का लालच नहीं है लेकिन उन्हें सत्ता का लालच हो सकता है।
अन्ना ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अरविंद के बारे में कहा 'उनके अंदर बलिदान की भावना तो है। वह अपने परिवार के बारे में भी इतना नहीं सोचते जितना देश और समाज के बारे में सोचते हैं। उन्हें पैसे का लालच नहीं है। लेकिन अब जबकि वह राजनीति में आ गए हैं तो एक अलग तरह का लालच... मेरा मतलब वह खुद मंत्री नहीं बनेंगे...।'
जब अन्ना से सीधे-सीधे पूछा गया कि क्या अरविंद भी आखिरकार सत्ता के लालच में फंस सकते हैं? तो उन्होंने कहा, 'हां ऐसा संभव है लेकिन उन्हें कोई और लालच नहीं है।'
अन्ना ने एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में अरविंद के बारे में कहा 'उनके अंदर बलिदान की भावना तो है। वह अपने परिवार के बारे में भी इतना नहीं सोचते जितना देश और समाज के बारे में सोचते हैं। उन्हें पैसे का लालच नहीं है। लेकिन अब जबकि वह राजनीति में आ गए हैं तो एक अलग तरह का लालच... मेरा मतलब वह खुद मंत्री नहीं बनेंगे...।'
जब अन्ना से सीधे-सीधे पूछा गया कि क्या अरविंद भी आखिरकार सत्ता के लालच में फंस सकते हैं? तो उन्होंने कहा, 'हां ऐसा संभव है लेकिन उन्हें कोई और लालच नहीं है।'
Wednesday, October 31, 2012
केजी बेसिन में गैस खोजने का कॉन्ट्रैक्ट देने में फायदा पहुंचाया
अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि यूपीए और पहले की एनडीए सरकार, दोनों ने ही रिलायंस इंडस्ट्रीज को केजी बेसिन
में गैस खोजने का कॉन्ट्रैक्ट देने में फायदा पहुंचाया है। इसके अलावा, रिलायंस केजी बेसिन में गैस का प्रॉडक्शन कम करके न केवल सरकार को
ब्लैकमेल कर रही है, बल्कि इसके जरिए गैस की कीमत बढ़ाने
का दबाव भी डाल रही है।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने दोहराया कि पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए गए जयपाल रेड्डी को रिलायंस का विरोध करने का ही खमियाजा उठाना पड़ा। केजरीवाल के मुताबिक, 2006 में पेट्रोलियम मंत्री के पद से मणिशंकर अय्यर को हटाकर मुरली देवड़ा को लाने की वजह भी रिलायंस को फायदा पहुंचाना था। केजरीवाल ने मांग की कि केजी बेसिन का ठेका रद्द कर दिया जाए।
बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल ने दोहराया कि पेट्रोलियम मंत्रालय से हटाए गए जयपाल रेड्डी को रिलायंस का विरोध करने का ही खमियाजा उठाना पड़ा। केजरीवाल के मुताबिक, 2006 में पेट्रोलियम मंत्री के पद से मणिशंकर अय्यर को हटाकर मुरली देवड़ा को लाने की वजह भी रिलायंस को फायदा पहुंचाना था। केजरीवाल ने मांग की कि केजी बेसिन का ठेका रद्द कर दिया जाए।
Sunday, October 21, 2012
आज़म खान ने मांग की है कि रॉबर्ट वाड्रा और सलमान खुर्शीद पर लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच होनी चाहि
रॉबर्ट वाड्रा
और सलमान खुर्शीद पर लगे आरोपों के मामले में भले ही एसपी चीफ मुलायम सिंह यादव और
यूपी के सीएम अखिलेश यादव कुछ भी बोलने से बच रहे हों,
लेकिन एसपी के सीनियर लीडर और यूपी के मंत्री आज़म खान दोनों मामलों
पर खुलकर बोल रहे हैं। आज़म खान ने मांग की है कि रॉबर्ट वाड्रा और सलमान खुर्शीद
पर लगे आरोपों की स्वतंत्र जांच होनी चाहिए।
खान ने तो यहां
तक आरोप लगाए हैं कि वाड्रा को 2010 के कॉमनवेल्थ
गेम्स के दौरान कई सारे प्रॉजेक्ट्स के कॉन्ट्रैक्ट मिले थे। ऐसे में उन्होंने 10,000
करोड़ रुपये के कॉमनवेल्थ घोटाले में वाड्रा की भूमिका की भी जांच
करने की मांग की है। आजम खान ने कहा, 'लोग जानना चाहते हैं
कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा को कॉमनवेल्थ गेम्स के
प्रॉजेक्ट किस आधार पर मिले और जो काम किए भी गए, उनकी क्वॉलिटी
क्या रही।' खान ने मांग की है कि डीएलएफ के साथ वाड्रा के
रिश्तों की भी जांच होनी चाहिए।
Friday, October 12, 2012
'90% लड़कियां जाती सहमति से हैं, लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि आगे चल कर उनका गैंगरेप भी हो सकता है।'
हरियाणा में
बलात्कारी ही महिलाओं के साथ बलात्कार नहीं कर रहे है,
उनके बचाव में नए नए तर्क गढ़ने वाले भी कुछ वैसा ही काम कर रहे
हैं। प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सदस्य और पार्टी प्रवक्ता धर्मवीर गोयत ने कहा है
कि हरियाणा में सामने आए बलात्कार के ज्यादातर मामले दरअसल सहमति से सेक्स के
मामले हैं। उन्होंने कहा, '90% लड़कियां जाती सहमति से हैं,
लेकिन उन्हें पता नहीं होता है कि आगे चल कर उनका गैंगरेप भी हो
सकता है।'
इससे पहले
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जब जींद में गैंग रेप की शिकार दलित लड़की के
परिवार से मिलने गई थीं, तो उन्होंने हुड्डा सरकार का बचाव करते हुए कहा था
कि पूरे देश में बलात्कार की घटनाएं बढ़ी हैं। सोनिया के इस बयान की काफी निंदा
हुई थी।
हिसार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोयत ने एक समाचार पत्र में छपी गैंग रेप की घटना का जिक्र करते कहा,'मुझे इस मामले में यह बोलने में कोई संकोच नहीं है कि 90 फीसद युवतियां आपसी सहमति से जाती हैं। आगे आपराधिक प्रवृति के लोग मिल जाते हैं, जो उनके शिकार के लिए तैयार रहते हैं। युवती को पता नहीं होता कि आगे पांच-सात-दस लोग हैं। फिर वे कहती हैं कि हमारे साथ बलात्कार हुआ है।।'
गोयत के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की भौंहें टेढ़ी हो गई हैं। आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने गोयत के बयान की आलोचना करते हुए उन्हें नसीहत दी कि ऐसे घिनौने अपराध के बारे ऐसी पिछड़ी हुई राय जाहिर करने से पहले महिलाओं की सम्मान के बारे में सोचें।
ममता शर्मा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'हरियाणा में बलात्कार बढ़ रहे हैं। इन पर नियंत्रण के उपाय सुझाने और अपनी सरकार का काम काज ठीक करने के बजाय वह (गोयत) ऐसे और मामलों को भड़काने का काम कर रहे हैं।'
बलात्कार के बारे में हरियाणा के नेताओं का यह पहला ऊल-जुलूल बयान नहीं है। इससे पहले विपक्ष के नेता ओम प्रकाश चौटाला और एक खाप पंचायत के अध्यक्ष ने कहा था कि शादी की उम्र कम करने से बलात्कार पर काबू पाया जा सकता है। चौटाला ने मुगल काल की मिसाल देते हुए कहा था कि तब लड़कियों को बलात्कार से बचाने के लिए उनकी जल्दी शादी कर दी जाती थी।
हिसार में पत्रकारों से बातचीत के दौरान गोयत ने एक समाचार पत्र में छपी गैंग रेप की घटना का जिक्र करते कहा,'मुझे इस मामले में यह बोलने में कोई संकोच नहीं है कि 90 फीसद युवतियां आपसी सहमति से जाती हैं। आगे आपराधिक प्रवृति के लोग मिल जाते हैं, जो उनके शिकार के लिए तैयार रहते हैं। युवती को पता नहीं होता कि आगे पांच-सात-दस लोग हैं। फिर वे कहती हैं कि हमारे साथ बलात्कार हुआ है।।'
गोयत के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग की भौंहें टेढ़ी हो गई हैं। आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने गोयत के बयान की आलोचना करते हुए उन्हें नसीहत दी कि ऐसे घिनौने अपराध के बारे ऐसी पिछड़ी हुई राय जाहिर करने से पहले महिलाओं की सम्मान के बारे में सोचें।
ममता शर्मा ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'हरियाणा में बलात्कार बढ़ रहे हैं। इन पर नियंत्रण के उपाय सुझाने और अपनी सरकार का काम काज ठीक करने के बजाय वह (गोयत) ऐसे और मामलों को भड़काने का काम कर रहे हैं।'
बलात्कार के बारे में हरियाणा के नेताओं का यह पहला ऊल-जुलूल बयान नहीं है। इससे पहले विपक्ष के नेता ओम प्रकाश चौटाला और एक खाप पंचायत के अध्यक्ष ने कहा था कि शादी की उम्र कम करने से बलात्कार पर काबू पाया जा सकता है। चौटाला ने मुगल काल की मिसाल देते हुए कहा था कि तब लड़कियों को बलात्कार से बचाने के लिए उनकी जल्दी शादी कर दी जाती थी।
एलपीजी सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर साल में 12 करने पर सरकार में मंथन जारी
रसोई गैस सिलिंडर पर सब्सिडी कटौती को लेकर सरकार दो कदम आगे,
एक कदम पीछे की मुद्रा में आ गई है। गुजरात और हिमाचल प्रदेश में
विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यूपीए सरकार इस कदम के राजनीतिक नफा-नुकसान का आकलन
करने के बाद सरकार हर परिवार को साल में छह सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिडर देने के
फैसले को बदलने के मूड में है। सूत्रों के मुताबिक, एलपीजी
सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर साल में 12 करने पर सरकार में
मंथन जारी है।
गुरुवार को
कैबिनेट की बैठक में कृषि मंत्री शरद पवार ने सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलिंडरों की
संख्या बढ़ाए जाने की मांग प्रमुखता से उठाई। उनकी इस मांग का सोनिया गांधी के
करीबी समझे जाने वाले रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी और अजित सिंह जैसे वरिष्ठ
मंत्रियों ने भी समर्थन किया। प्रमुख मंत्रियों द्वारा इस मामले को उठाने के बाद सरकार
ने भी अपनी ओर से कदम आगे बढ़ाने का मन बना लिया है। बताया जाता है कि कांग्रेस
अध्यक्ष सोनिया गांधी और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम पर इस मसले को लेकर पहले ही बात
हो चुकी है।
कांग्रेस और घटक
दल के कई नेता सिलिंडर के मसले पर दबी जुबान में नेतृत्व के सामने अपनी पीड़ा बता
चुके थे, लेकिन ममता बनर्जी इस मुद्दे को काफी तूल दे चुकी
थीं इसलिए सरकार यह नहीं दिखाना चाहती थी कि वह दबाव में फैसला ले रही है। अब संभव
है कि बहुत ही जल्द सब्सिडी वाले सिलिंडरों की संख्या बढ़ाकर 12 करने की घोषणा कर दी जाए। इस बारे में तैयारी करने की जिम्मेदारी
पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी पर डाल दी गई है।
Monday, October 8, 2012
रॉबर्ट वाड्रा और देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के बीच विवादास्पद ट्रांजैक्शन पर बोर्ड ने कोई चर्चा नहीं
डीएलएफ लिमिटेड के इंडिपेंडेंट डायरेक्टर्स ने कहा है कि रॉबर्ट
वाड्रा और देश की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी के बीच विवादास्पद ट्रांजैक्शन पर
बोर्ड ने कोई चर्चा नहीं की। उन्होंने कहा है कि अगर आसान लोन और सस्ती डील के
आरोप बनते हैं, तो उनकी जांच
होनी चाहिए।
डीएलएफ के एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और अर्न्स्ट ऐंड यंग इंडिया के पूर्व चेयरमैन के एन मेमानी ने कहा, 'किसी बोर्ड मीटिंग में यह मामला नहीं आया। हमें इस तरह का कोई मामला नहीं मिला है, जिसमें फेवर किया गया है। यह हमारे नोटिस में नहीं आया। हर सेल ट्रांजैक्शन पर विचार करना संभव नहीं है। हालांकि, हम पक्का करने की कोशिश करते हैं कि सभी ट्रांजैक्शन मार्केट प्राइस पर हों।'
एक दूसरे इंडिपेंडेंट डायरेक्टर डी. वी. कपूर ने कहा कि वह तब तक कुछ कहना नहीं चाहेंगे, जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, 'अगर इसके बाद कोई चीज सामने आती है, हमें इसकी जांच करनी चाहिए। यह लिस्टेड कंपनी है।' कपूर पूर्व पावर सेक्रेटरी हैं। वह रिलायंस इंडस्ट्रीज और होंडा सिएल पावर प्रॉडक्ट्स के बोर्ड में भी शामिल हैं।
डीएलएफ के एक इंडिपेंडेंट डायरेक्टर और अर्न्स्ट ऐंड यंग इंडिया के पूर्व चेयरमैन के एन मेमानी ने कहा, 'किसी बोर्ड मीटिंग में यह मामला नहीं आया। हमें इस तरह का कोई मामला नहीं मिला है, जिसमें फेवर किया गया है। यह हमारे नोटिस में नहीं आया। हर सेल ट्रांजैक्शन पर विचार करना संभव नहीं है। हालांकि, हम पक्का करने की कोशिश करते हैं कि सभी ट्रांजैक्शन मार्केट प्राइस पर हों।'
एक दूसरे इंडिपेंडेंट डायरेक्टर डी. वी. कपूर ने कहा कि वह तब तक कुछ कहना नहीं चाहेंगे, जब तक कुछ साबित नहीं हो जाता। उन्होंने कहा, 'अगर इसके बाद कोई चीज सामने आती है, हमें इसकी जांच करनी चाहिए। यह लिस्टेड कंपनी है।' कपूर पूर्व पावर सेक्रेटरी हैं। वह रिलायंस इंडस्ट्रीज और होंडा सिएल पावर प्रॉडक्ट्स के बोर्ड में भी शामिल हैं।
Monday, September 24, 2012
जब पीएम को भाषण देने के लिए बढ़ते देखा तो मुझे गुस्सा आ ग
विज्ञान भवन में एक
सेमिनार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ कमीज उतारकर नारेबाजी करने वाले
वकील संतोष कुमार सुमन का
कहना है कि उनका इस तरह विरोध करने का कोई इरादा नहीं था। संतोष का कहना है कि
दरअसल उन्हें पीएम को देखते ही गुस्सा आ गया था।
संसद मार्ग थाने से छूटने के बाद संतोष ने कहा, 'मैंने जब पीएम को भाषण देने के लिए बढ़ते देखा तो मुझे गुस्सा आ गया। मुझे लगा कि ऐसे भ्रष्ट पीएम को लोगों को संबोधित करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद मैं मेज पर चढ़ गया और मैंने नारेबाजी शुरू कर दी।'
संसद मार्ग थाने से छूटने के बाद संतोष ने कहा, 'मैंने जब पीएम को भाषण देने के लिए बढ़ते देखा तो मुझे गुस्सा आ गया। मुझे लगा कि ऐसे भ्रष्ट पीएम को लोगों को संबोधित करने का अधिकार नहीं है। इसके बाद मैं मेज पर चढ़ गया और मैंने नारेबाजी शुरू कर दी।'
Wednesday, September 12, 2012
भ्रष्टाचार पर अपने सख्त रुख के लिए नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में जाने जाते हैं
गुजरात के मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी को अमेरिकी वीजा देने पर सात साल से लगे प्रतिबंध को हटवाने के लिए
एक अमेरिकी सांसद ने मुहिम शुरू की है। विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन को लिखे पत्र
में सांसद ने कहा है, 'जिस
बात को लेकर मोदी को वीजा देने से इन्कार किया गया है, उसका
कोई आधार नहीं है और यह अमेरिकी कानून से मेल भी नहीं खाता।' सांसद का कहना है कि अमेरिका मोदी से बहुत कुछ सीख सकता है।
इलिनॉयस से रिपब्लिकन सांसद जोए वाल्श ने कहा, 'भ्रष्टाचार पर अपने सख्त रुख के लिए नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। उनके प्रयासों के चलते ही गुजरात की तरक्की की मिसाल दी जाती है। मोदी को वीजा देने से इनकार करने के बजाय हमें उन्हें अमेरिका आमंत्रित करना चाहिए।
वाल्श एक विवादास्पद हस्ती रहे हैं, जो अपने सरकार विरोधी विचारों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, शिकागो में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय के जो लोग मोदी का समर्थन करते हैं उनके बीच वाल्श बेहद लोकप्रिय हैं।
इलिनॉयस से रिपब्लिकन सांसद जोए वाल्श ने कहा, 'भ्रष्टाचार पर अपने सख्त रुख के लिए नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। उनके प्रयासों के चलते ही गुजरात की तरक्की की मिसाल दी जाती है। मोदी को वीजा देने से इनकार करने के बजाय हमें उन्हें अमेरिका आमंत्रित करना चाहिए।
वाल्श एक विवादास्पद हस्ती रहे हैं, जो अपने सरकार विरोधी विचारों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, शिकागो में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय के जो लोग मोदी का समर्थन करते हैं उनके बीच वाल्श बेहद लोकप्रिय हैं।
1999 में एयर इंडिया के विमान IC-814 के अपहरण में मेहराजुद्दीन का अहम रोल था
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने
गुरुवार को कंधार विमान अपहरण कांड के गुनहगारों में से एक आतंकवादी मेहराजुद्दीन
उर्फ जावेद को गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले 20 साल से कश्मीर में सक्रिय था।
1999 में एयर इंडिया के विमान IC-814 के अपहरण में मेहराजुद्दीन का अहम रोल था। उसने प्लेन को हाइजैक करमें में आतंकवादियों की मदद की थी। देशभर में हुई कई आतंकी वारदातों से भी उसके जुड़े होने की आशंका है। यह भी बताया जा रहा है कि उसके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी संबंध हैं।
सूत्रों के मुताबिक मेहराजुद्दीन फिलहाल किसी आतंकवादी संगठन का सदस्य नहीं है, लेकिन वह विभिन्न आतंकवादी संगठनों के बीच तालमेल का काम करता था। इसके अलावा वह पाकिस्तान के लिए भी जासूसी करता था। वह कुछ साल नेपाल में भी रहा।
1999 में एयर इंडिया के विमान IC-814 के अपहरण में मेहराजुद्दीन का अहम रोल था। उसने प्लेन को हाइजैक करमें में आतंकवादियों की मदद की थी। देशभर में हुई कई आतंकी वारदातों से भी उसके जुड़े होने की आशंका है। यह भी बताया जा रहा है कि उसके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी संबंध हैं।
सूत्रों के मुताबिक मेहराजुद्दीन फिलहाल किसी आतंकवादी संगठन का सदस्य नहीं है, लेकिन वह विभिन्न आतंकवादी संगठनों के बीच तालमेल का काम करता था। इसके अलावा वह पाकिस्तान के लिए भी जासूसी करता था। वह कुछ साल नेपाल में भी रहा।
Monday, September 10, 2012
देशद्रोह और अन्य आरोपों मंे पकड़े गए कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी (25) को हिरासत में रखने से पैदा हुए विवाद
देशद्रोह और अन्य
आरोपों मंे पकड़े गए कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी (25)
को हिरासत में रखने से पैदा हुए विवाद के बाद मुंबई पुलिस ने
उनकी कस्टडी बढ़ाने से इनकार कर दिया। असीम ने देशद्रोह का आरोप हटाए जाने तक
जमानत मांगने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने त्रिवेदी को दो हफ्ते की जुडिशल कस्टडी
में जेल भेज दिया। कांग्रेस ने त्रिवेदी की गिरफ्तारी को प्रशासन की अति सक्रियता
करार देते हुए कहा कि इस मामले को जरूरत से ज्यादा तूल दिया गया। कांग्रेस
प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर आप सारी चीजों को ताक
पर नहीं रख सकते। वहीं, सूचना व प्रसारण मंत्री अंबिका
सोनी ने कहा कि संविधान ने हमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता दी है तो यह भी कहा है
कि भारतीय नागरिक होने के नाते हम सभी को राष्ट्रीय चिह्नों का आदर करना चाहिए।
Friday, September 7, 2012
सूचना एवं प्रसरण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन ने तो अलॉटमें
कांग्रेसी नेता सुबोध
कांत सहाय और विजय दर्डा के बाद दो और नेताओं का नाता 2005-2009 के बीच कोयला ब्लॉक आवंटन पाने वालीं कंपनियों
से जुड़ गया है। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता प्रेम चंद गुप्ता के बेटों ने
उस समय कोयला ब्लॉक के लिए आवेदन किया था जब वह केंद्र सरकार में कंपनी मामलों के
मंत्री थे। गुप्ता का बेटा स्टील के कारोबार में बिल्कुल नया था, इसके बावजूद उन्हें ब्लॉक मिल गया।
सूचना एवं प्रसरण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन ने तो अलॉटमेंट से पांच दिन पहले जेआर पावर नामक कंपनी बनाई और सरकारी कंपनी पुड्डुचेरी इंड्स्ट्रियल प्रमोशन डिवलपमेंट ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (पीआईपीडीआईसी) के साथ एमओयू साइन करके 17 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए दावेदारी ठोक दी। 25 जुलाई को कंपनी को उड़ीसा के नैनी में कोल ब्लॉक मिल गया और एक महीने के भीतर ही जेआर पावर ने अपनी हिस्सेदारी हैदराबाद की कंपनी केएसके एनर्जी वेंचर्स को बेच दी, जिससे इस कंपनी को ब्लॉक से कोयला निकालने का अधिकार मिल गया।
सूचना एवं प्रसरण राज्यमंत्री एस. जगतरक्षकन ने तो अलॉटमेंट से पांच दिन पहले जेआर पावर नामक कंपनी बनाई और सरकारी कंपनी पुड्डुचेरी इंड्स्ट्रियल प्रमोशन डिवलपमेंट ऐंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन (पीआईपीडीआईसी) के साथ एमओयू साइन करके 17 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए दावेदारी ठोक दी। 25 जुलाई को कंपनी को उड़ीसा के नैनी में कोल ब्लॉक मिल गया और एक महीने के भीतर ही जेआर पावर ने अपनी हिस्सेदारी हैदराबाद की कंपनी केएसके एनर्जी वेंचर्स को बेच दी, जिससे इस कंपनी को ब्लॉक से कोयला निकालने का अधिकार मिल गया।
Thursday, August 23, 2012
इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को 16 ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉ
टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को 16 ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉक करने के निर्देश दिए हैं। इनमें दक्षिणपंथी संगठनों आरएसएस, पांचजन्य अखबार और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता प्रवीण तोगड़िया जैसे लोगों के अकाउंट भी शामिल हैं। इसके अलावा फेसबुक और यूट्यूब पर यूजर-जेनरेटेड कंटेंट वाले सैकड़ों वेबपेज और ब्लॉगपोस्ट्स को ब्लॉक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने 18 अगस्त से 21 अगस्त के बीच इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को दिए चार निर्देश के जरिए कई वेब पेजों को ब्लॉक कराया है। डिपार्टमेंट को आशंका थी कि असम के सीमावर्ती जिलों में हिंसा के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा था। 18 अगस्त को मुंबई में विरोध के हिंसक हो जाने के बाद सरकार ने कहा था पाकिस्तान स्थित समूहों द्वारा घृणा पैदा करने वाली सामग्री फैलाई जा रही है
डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम ने 18 अगस्त से 21 अगस्त के बीच इंटरनेट सर्विस प्रवाइडर्स को दिए चार निर्देश के जरिए कई वेब पेजों को ब्लॉक कराया है। डिपार्टमेंट को आशंका थी कि असम के सीमावर्ती जिलों में हिंसा के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा था। 18 अगस्त को मुंबई में विरोध के हिंसक हो जाने के बाद सरकार ने कहा था पाकिस्तान स्थित समूहों द्वारा घृणा पैदा करने वाली सामग्री फैलाई जा रही है
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