कानपुर में अब आप किसी सरकारी प्रेस कॉन्फ्रेंस या मीटिंग में जाएंगे तो आपको वहां कोल्ड ड्रिंक्स, चाय कॉफी और चिप्स खाने को नही मिलेंगे बल्कि आपको देसी मट्ठा, लस्सी, पेड़ा और गुलाबजामुन नाश्ते में दिया जाएगा और वह भी सरकारी दुग्ध कंपनी का। जिला प्रशासन के इस आदेश पर अमल भी शुरू हो गया है और दूध निर्माता सरकारी कंपनी पराग द्वारा बनाए जा रहे यह सारे खाद्य पदार्थ प्रेस कॉन्फ्रेंस और मीटिंग में अधिकारियों और पत्रकारों को दिए जाने लगे हैं। पत्रकार और अधिकारी भौचक्के और चकित है कि आखिर यह बदलाव क्यों और कैसे हुआ। इस बारे में कानपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड पराग के जनरल मैनेजर एस. पी. गुप्ता ने बातचीत में कहा कि जिले में विभिन्न सरकारी विभागों की रोजाना कम से कम 50 मीटिंग होती है जिसमें सैकड़ों की संख्या में अधिकारी और कर्मचारी शामिल होते हैं। इसी तरह शहर में रोजाना आधा दर्जन प्रेस कॉन्फ्रेंस होती हैं। अभी तक इन सभी मीटिंगों और प्रेस कॉन्फ्रेंसों में नाश्ते के नाम पर कोल्ड ड्रिंक, चाय, काफी, चिप्स, सैंडविच और कोई मिठाई दी जाती थी लेकिन अब सभी सरकारी मीटिंगों में नाश्ते और पेय पदार्थों का मेन्यू बदल दिया गया है। अब नाश्ते में पराग का पेड़ा, गुलाबजामुन तथा पेय पदार्थों में लस्सी, मट्ठा, मीठे फ्लेवर का दूध और दही दिया जा रहा है जो शुध्द, साफ सुथरा और सेहत के लिए फायदेमंद भी है। कानपुर के पूर्व जिलाधिकारी अमृत अभिजात ने सभी सरकारी कार्यालयों कों एक पत्र लिख कर निर्देशित किया है कि कानपुर दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड कानपुर की स्थापना 1962 में यूनिसेफ और भारत सरकार के सहयोग से की गयी थी ताकि किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध का कारोबार करने वालों को उचित मूल्य मिल सकें और शहरी लोगों को ताजा और शुध्द दूध, दूध से बने अन्य सामान मिल सकें। जिलाधिकारी ने अपने पत्र में सभी सरकारी कार्यालयों को निर्देश दिए कि आप अपने विभाग की सभी मीटिंग में पराग के दूध से बने पदार्थ जैसे दही, छाछ, मठठा, गुलाब जामुन, रसगुल्ला, पेड़ा और बेसन के लडडू आदि का इस्तेमाल करें। इससे एक तो सरकारी दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ पराग को तो आर्थिक लाभ मिलेगा, साथ ही लोगों को शुद्ध खाद्य पदार्थ खाने को मिलेंगे। शहर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अशोक मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी कार्यालय से सभी सरकारी कार्यालयों को ऐसा आदेश आया है।पराग के जीएम एस. पी. गुप्ता बताते हैं कि जिला प्रशासन के इस आदेश के बाद पराग की मट्ठे, लस्सी और नाश्ते की बिक्री में करीब दस गुना बढ़ोतरी हुई है। वह कहते हैं कि सुबह सुबह ही सरकारी कार्यालयों से फोन आने लगते हैं कि आज हमारी इतने बजे मीटिंग है, हमें इतने पैकेट मट्ठा और नाश्ता भिजवा दिया जाए और हम उसे सही समय पर ताजा ताजा भिजवा देते हैं।
Thursday, June 24, 2010
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