Wednesday, June 9, 2010

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक सीट खाली रखने के निर्देश दिए

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक सीट खाली रखने के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट के जज आर. सी. सिन्हा और आलोक अराधे की डिविजन बेंच ने सागर की विनिता साहू की एक याचिका पर सोमवार को यह नोटिस जारी किया। इस याचिका में कहा गया था कि 2009-10 की यूपीएससी एग्जाम में याचिकाकर्ता की 134वीं रैंक आई थी और एग्जाम का कट ऑफ 131 पर गया था। विनिता का दावा था कि वह ओबीसी में आती है, पर उसे कास्ट सर्टिफिकेट का लाभ यह कहकर नहीं दिया गया कि वह ओबीसी में होने के बावजूद क्रीमी लेयर के दायरे में हैं। इस मामले में विनीता को जनरल कैंडिडेट की कैटिगरी में मानते हुए आईएएस की जगह आईपीएस अलॉट कर दिया गया। याचिका में कहा गया था कि साल 2004 में सरकार द्वारा क्रीमी लेयर के बारे में जारी की गई नोटिफिकेशन में साफ था कि क्रीमी लेयर में वही परिवार माने जाएंगे, जिनकी सालाना इनकम लगातार 3 साल तक 4.50 लाख रुपये से ज्यादा रही हो, पर विनीता के पिता की इनकम सिर्फ एक साल ही साढे़ चार लाख रुपये हुई थी। याचिका में यह भी कहा गया कि इस मामले में विनिता ने रेवेन्यू डिपार्टमेंट से कास्ट सर्टिफिकेट लेकर जब यूपीएससी के सामने पेश किया, तो उन्हें बताया गया कि अब इंटरव्यू की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और उन्हें कास्ट सर्टिफिकेट का फायदा नहीं दिया जा सकता। अदालत ने इस याचिका के आधार पर यूपीएससी और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए आईएएस की एक सीट खाली रखने के निर्देश दिए हैं।

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