सोनिया गांधी पर लिखी गई लेखक जेवियर मोरो की किताब 'रेड साड़ी' का विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। मोरो ने कांग्रेस नेता व वकील अभिषेक मनु सिंघवी पर मुकदमा दायर करने की धमकी दी है। सिंघवी ने मोरो के आरोप को हास्यास्पद करार दिया है। वर्ष 2008 में मोरो की किताब स्पेनिश भाषा में छपी थी और अब यह भारत में छपने को तैयार है। लेकिन भारत में छपने से पहले ही किताब ने बवंडर ला दिया है। कांग्रेस के प्रमुख वकीलों ने मोरो की किताब को झूठ का पुलिंदा, बकवास और अपमानजनक टिप्पणियों से भरा हुआ बताया है और मोरो को कानूनी नोटिस थमाया है। मोरो ने आरोप लगाया है कि सिंघवी पब्लिशरों को धमका रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी किताब तो बाजार में आई ही नहीं है, तो मुझे समझ में नहीं आता कि सिंघवी और अन्य लोगों के हाथ यह किस तरह लग गई। उन्होंने किताब का संस्करण अवैध तरीके से हासिल किया है। मैं उन पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी में हूं।
मोरो ने मैड्रिड से फोन पर बातचीत में कहा, 'मेरी किताब में गांधी परिवार की गौरवगाथा है। इसमें गांधी परिवार के आदर्शों का पक्ष लिया गया है। इन आदर्शों का मैं खुद भी पक्षधर हूं। सिंघवी पब्लिशर्स को डरा-धमका कर रहे हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर पाबंदी लगा दी है। कांग्रेस पार्टी का भी इससे कुछ लेना-देना नहीं है।' मोरो ने कहा, 'लगता है कि कांग्रेस में भी किसी ने किताब नहीं पढ़ी है। वे बिना बिना संदर्भ के किताब के अंशों को उद्धृत कर रहे हैं और पाठों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं- पहले से ही इसे तोड़ मरोड़ करने का काम हो रहा है। सिंघवी भी ऐसा ही कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सोनिया गांधी इस प्रकार के लोगों से घिरी हैं जो दिखाना चाहते हैं कि वह दमदार वकील हो सकते हैं। इन सब कारणों से बिना मतलब विवाद पैदा हुआ है।' इधर सिंघवी ने कहा कि मोरो को उनकी अपमानजनक किताब के कारण छह महीने पहले ही कानूनी नोटिस थमाया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'मोरो की टिप्पणी दुखद नहीं, तो हास्यास्पद जरूर है। लगता है कि वह कानून या वकालत का ककहरा तक नहीं समझते हैं।' सिंघवी ने कहा, 'मैं केवल कानूनी सलाहकार हूं। मैंने खासतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से कानूनी नोटिस दिया है। या तो मोरो भोले-भाले हैं या अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं कि किताब कांग्रेस अध्यक्ष पर नहीं लिखी गई है और कानूनी नोटिस मैंने सोनिया गांधी की ओर से भेजा गया है। किताब न तो अंग्रेजी में आई है और न ही इसका कोई भारतीय संस्करण है। हमने तो केवल किताब की पांडुलिपि देखी है और हमारा सोर्स क्या है, मोरो को हम नहीं बताना चाहते।' सोनिया के काल्पनिक जीवनवृतांत का हवाला देकर मोरो ने किताब में कथित तौर पर सोनिया गांधी का मूल देश इटली बताया है। इसमें राजीव गांधी से उनकी शादी और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद के कठिन दौर का वर्णन है।
मोरो ने मैड्रिड से फोन पर बातचीत में कहा, 'मेरी किताब में गांधी परिवार की गौरवगाथा है। इसमें गांधी परिवार के आदर्शों का पक्ष लिया गया है। इन आदर्शों का मैं खुद भी पक्षधर हूं। सिंघवी पब्लिशर्स को डरा-धमका कर रहे हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर पाबंदी लगा दी है। कांग्रेस पार्टी का भी इससे कुछ लेना-देना नहीं है।' मोरो ने कहा, 'लगता है कि कांग्रेस में भी किसी ने किताब नहीं पढ़ी है। वे बिना बिना संदर्भ के किताब के अंशों को उद्धृत कर रहे हैं और पाठों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं- पहले से ही इसे तोड़ मरोड़ करने का काम हो रहा है। सिंघवी भी ऐसा ही कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सोनिया गांधी इस प्रकार के लोगों से घिरी हैं जो दिखाना चाहते हैं कि वह दमदार वकील हो सकते हैं। इन सब कारणों से बिना मतलब विवाद पैदा हुआ है।' इधर सिंघवी ने कहा कि मोरो को उनकी अपमानजनक किताब के कारण छह महीने पहले ही कानूनी नोटिस थमाया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'मोरो की टिप्पणी दुखद नहीं, तो हास्यास्पद जरूर है। लगता है कि वह कानून या वकालत का ककहरा तक नहीं समझते हैं।' सिंघवी ने कहा, 'मैं केवल कानूनी सलाहकार हूं। मैंने खासतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से कानूनी नोटिस दिया है। या तो मोरो भोले-भाले हैं या अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं कि किताब कांग्रेस अध्यक्ष पर नहीं लिखी गई है और कानूनी नोटिस मैंने सोनिया गांधी की ओर से भेजा गया है। किताब न तो अंग्रेजी में आई है और न ही इसका कोई भारतीय संस्करण है। हमने तो केवल किताब की पांडुलिपि देखी है और हमारा सोर्स क्या है, मोरो को हम नहीं बताना चाहते।' सोनिया के काल्पनिक जीवनवृतांत का हवाला देकर मोरो ने किताब में कथित तौर पर सोनिया गांधी का मूल देश इटली बताया है। इसमें राजीव गांधी से उनकी शादी और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद के कठिन दौर का वर्णन है।
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