भोपाल गैस कांड मामले में विपक्ष के प्रचार के जवाब के तौर पर तैयार किए गए कांग्रेस के एक आंतरिक दस्तावेज में कहा गया है कि 1984 में भोपाल में जहरीली गैस के रिसाव के बाद गुस्साई भीड़ यूनियन कार्बाइड के प्रमुख वॉरेन एंडरसन की हत्या भी कर सकती थी। विपक्ष के इस प्रचार के जवाब में यह आंतरिक दस्तावेज तैयार किया गया है कि मध्य प्रदेश और केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने एंडरसन की देश से निकल जाने में मदद की थी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी की ओर से तैयार इस दस्तावेज में कहा गया कि दिसंबर 1984 में भोपाल में हुई त्रासदी में कई लोगों की जान जाने के बाद माहौल गरमाया हुआ और हिंसक था। इस तरह के माहौल में अगर एंडरसन भोपाल में ही रहता तो नाराज भीड़ उसकी हत्या कर सकती थी। कानून व्यवस्था से जुड़ी गंभीर समस्या भी खड़ी हो सकती थी। दस्तावेज के मुताबिक, इस तरह के गंभीर हालात में यह जरूरी था कि एंडरसन भोपाल से चले जाते। यह स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए बेहद जरूरी था। पार्टी का कहना है कि एंडरसन के खिलाफ प्राथमिकी धारा 304 ए के तहत दर्ज की गई। यह जमानती धारा थी और एंडरसन को सही तरीके से जमानत मिली थी।
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