Monday, June 28, 2010
संकीर्ण राजनीतिक लाभों के लिए यह मांग की जा रही है।
Thursday, June 24, 2010
देसी मट्ठा, लस्सी, पेड़ा और गुलाबजामुन नाश्ते में दिया जाएगा
Tuesday, June 22, 2010
अफजल गुरु की ओर से भेजी गई दया यचिका को खारिज कर दिया जाए।
Thursday, June 17, 2010
केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने एंडरसन की देश से निकल जाने में मदद की
भोपाल गैस कांड मामले में विपक्ष के प्रचार के जवाब के तौर पर तैयार किए गए कांग्रेस के एक आंतरिक दस्तावेज में कहा गया है कि 1984 में भोपाल में जहरीली गैस के रिसाव के बाद गुस्साई भीड़ यूनियन कार्बाइड के प्रमुख वॉरेन एंडरसन की हत्या भी कर सकती थी। विपक्ष के इस प्रचार के जवाब में यह आंतरिक दस्तावेज तैयार किया गया है कि मध्य प्रदेश और केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकारों ने एंडरसन की देश से निकल जाने में मदद की थी। कांग्रेस के एक पदाधिकारी की ओर से तैयार इस दस्तावेज में कहा गया कि दिसंबर 1984 में भोपाल में हुई त्रासदी में कई लोगों की जान जाने के बाद माहौल गरमाया हुआ और हिंसक था। इस तरह के माहौल में अगर एंडरसन भोपाल में ही रहता तो नाराज भीड़ उसकी हत्या कर सकती थी। कानून व्यवस्था से जुड़ी गंभीर समस्या भी खड़ी हो सकती थी। दस्तावेज के मुताबिक, इस तरह के गंभीर हालात में यह जरूरी था कि एंडरसन भोपाल से चले जाते। यह स्थिति को बिगड़ने से रोकने के लिए बेहद जरूरी था। पार्टी का कहना है कि एंडरसन के खिलाफ प्राथमिकी धारा 304 ए के तहत दर्ज की गई। यह जमानती धारा थी और एंडरसन को सही तरीके से जमानत मिली थी।
Tuesday, June 15, 2010
विमान की लैंडिंग के दौरान उसके दो टायर फट गए।
Wednesday, June 9, 2010
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की एक सीट खाली रखने के निर्देश दिए
Sunday, June 6, 2010
राजीव गांधी से उनकी शादी और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद के कठिन दौर का वर्णन
मोरो ने मैड्रिड से फोन पर बातचीत में कहा, 'मेरी किताब में गांधी परिवार की गौरवगाथा है। इसमें गांधी परिवार के आदर्शों का पक्ष लिया गया है। इन आदर्शों का मैं खुद भी पक्षधर हूं। सिंघवी पब्लिशर्स को डरा-धमका कर रहे हैं, पर इसका मतलब यह नहीं कि कांग्रेस पार्टी ने मुझ पर पाबंदी लगा दी है। कांग्रेस पार्टी का भी इससे कुछ लेना-देना नहीं है।' मोरो ने कहा, 'लगता है कि कांग्रेस में भी किसी ने किताब नहीं पढ़ी है। वे बिना बिना संदर्भ के किताब के अंशों को उद्धृत कर रहे हैं और पाठों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं- पहले से ही इसे तोड़ मरोड़ करने का काम हो रहा है। सिंघवी भी ऐसा ही कर रहे हैं। मुझे लगता है कि सोनिया गांधी इस प्रकार के लोगों से घिरी हैं जो दिखाना चाहते हैं कि वह दमदार वकील हो सकते हैं। इन सब कारणों से बिना मतलब विवाद पैदा हुआ है।' इधर सिंघवी ने कहा कि मोरो को उनकी अपमानजनक किताब के कारण छह महीने पहले ही कानूनी नोटिस थमाया जा चुका है। उन्होंने कहा, 'मोरो की टिप्पणी दुखद नहीं, तो हास्यास्पद जरूर है। लगता है कि वह कानून या वकालत का ककहरा तक नहीं समझते हैं।' सिंघवी ने कहा, 'मैं केवल कानूनी सलाहकार हूं। मैंने खासतौर पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से कानूनी नोटिस दिया है। या तो मोरो भोले-भाले हैं या अनजान बनने की कोशिश कर रहे हैं कि किताब कांग्रेस अध्यक्ष पर नहीं लिखी गई है और कानूनी नोटिस मैंने सोनिया गांधी की ओर से भेजा गया है। किताब न तो अंग्रेजी में आई है और न ही इसका कोई भारतीय संस्करण है। हमने तो केवल किताब की पांडुलिपि देखी है और हमारा सोर्स क्या है, मोरो को हम नहीं बताना चाहते।' सोनिया के काल्पनिक जीवनवृतांत का हवाला देकर मोरो ने किताब में कथित तौर पर सोनिया गांधी का मूल देश इटली बताया है। इसमें राजीव गांधी से उनकी शादी और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या के बाद के कठिन दौर का वर्णन है।
Thursday, June 3, 2010
अगर पायलट ने वॉशरूम में 2 मिनट और लगाए होते, तो 26 मई को भी मेंगलुरु या उससे भी भयंकर हादसा हो सकता था।
एयर इंडिया की दुबई-पुणे फ्लाइट पर सवार लोगों की जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ 2 मिनट का फासला रह गया। अगर पायलट ने वॉशरूम में 2 मिनट और लगाए होते, तो 26 मई को भी मेंगलुरु या उससे भी भयंकर हादसा हो सकता था। पर पायलट ने ऐन वक्त पर आकर फ्लाइट की कमान संभाल ली और विमान अरब सागर में गोता लगाने से बच गया। इस घटना की शुरुआती जांच के बाद पता चला है कि अगर ऐन वक्त पर पायलट ने प्लेन को संभाला न होता तो यह अरब सागर में गिर जाता। जांच में यह चौंकानेवाली बात सामने आई है कि अगर पायलट ने 2 मिनट की देरी की होती, तो प्लेन को क्रैश होने से कोई नहीं बचा सकता था। गौरतलब है कि 26 मई को एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट IX-212 दुबई से पुणे आ रही थी। उड़ान के दौरान पायलट विमान को 37 हजार फीट की ऊंचाई पर ऑटो पायलट करके वॉशरूम चला गया।
उसने को-पायलट को जहाज की निगरानी करने का आदेश दिया था। वॉशरूम से लौट कर आने के बाद पायलट ने कॉकपिट खोलने के लिए बटन दबाया, पर कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। यह देखकर पायलट को लग गया कि जरूर कुछ गड़बड़ है। बाद में इमर्जेंसी कोड के जरिए उसने कॉकपिट का दरवाजा खोला लेकिन करीब 35 सेकंड का वक्त लगा। कॉकपिट के अंदर घुसते ही प्राइमरी फ्लाइट डिस्प्ले पर आ रहे इन्फर्मेशन को देखकर पायलट सन्न रह गया। उसने देखा कि एयरक्राफ्ट अपने नियत स्थिति से -23 डिग्री नीचे की दिशा में उड़ रहा है। इसके चलते इसकी स्पीड 0.88 माक हो गई। (1 माक यानी ध्वनि की गति जो करीब 1225 किमी प्रति घंटा है) यह ऐसी स्पीड है जिस पर आमतौर पर प्लेन नहीं उड़ते। साउंड की स्पीड लगभग 1 माक होती और यह विमान लगभग साउंड की स्पीड से चल रहा था। प्लेन की स्पीड इतनी तेज हो गई थी कि इसे संभालना काफी मुश्किल था। इतनी तेज स्पीड के चलते विमान में कई तरह की गड़बड़ियां आ जाती हैं और ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पायलट को असाधारण स्किल दिखाना पड़ता है। मगर पायलट ने प्लेन को क्रैश होने से बचा लिया। इस घटना से एयर इंडिया एक्सप्रेस के पायलटों की ट्रेनिंग को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इस फ्लाइट के को-पायलट को लगभग 1000 घंटों का उड़ान का अनुभव था जो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त है। उधर, घटना के बाद डीजीसीए ने एयरलाइंस को निर्देश दिया है कि उड़ान के दौरान कॉकपिट में कोई पायलट अकले न रहे। यदि एक पायलट को कॉकपिट छोड़ना भी है तो फ्लाइट अटेंडेंट को उसकी सीट के पीछे स्थित ऑब्सर्वर सीट पर बैठना चाहिए।
संसाधन विकास मंत्रालय ने देश में करीब 44 डीम्ड यूनिवर्सिटीज की मान्यता रद्द करने का आदेश
धूम्रपान न करने वाला जीवनसाथी चाहते हैं।
धूम्रपान से होने वाले नुकसान को लेकर लोग न केवल काफी जागरूक हो रहे हैं बल्कि ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है जो धूम्रपान न करने वाला जीवनसाथी चाहते हैं। इस मामले में मुंबई के युवाओं ने दिल्ली को पीछे छोड़ दिया है। अंतरराष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के मौके पर एक प्रतिष्ठित संस्था द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के नतीजों से पता चलता है कि मुंबई में 90.26 फीसदी और दिल्ली में 89 .76 फीसदी युवाओं ने कहा कि वे ऐसे जीवनसाथी का हाथ थामना पसंद करेंगे जो धूम्रपान न करता हो। गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जनता को जागरूक करने के लिए 31 मई को हर साल नो टोबैको डे मनाने की घोषणा कई साल पहले से ही कर रखी है। दुनिया भर में प्रत्येक दस वयस्क लोगों की मौत में से एक मौत का कारण तंबाकू होता है। संभवत: यही कारण है कि शादी के बंधन में बंधने की योजना बना रहा युवा तबका अपने जीवनसाथी में तंबाकू का सेवन नहीं करने को भी एक अतिरिक्त योग्यता मानकर चल रहा है।
सर्वेक्षण संस्था ने यह सर्वे मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, हैदराबाद, बेंगलुरु, पुणे तथा कोलकाता में कराया जिसमें रोचक बात यह रही कि स्मोकिंग लाइफ पार्टनर को तरजीह देने के मामले में मुंबई के युवाओं ने 90.26 फीसदी के साथ दिल्ली के युवाओं को पीछे छोड़ दिया। बेंगलुरु में यह आंकड़ा 87.28 फीसदी, हैदराबाद में 87.41 फीसदी, चेन्नई में 88.75 फीसदी, पुणे में 89.68 फीसदी, कोलकाता में 70.58 फीसदी तथा अहमदाबाद में 91.29 फीसदी था।