क्या आप यकीन करेंगे कि राजधानी में गरीब लड़कों को दूसरे राज्यों से खरीदकर लाया जाता है और उनसे फिर यहां घरेलू काम कराया जाता है। अभी तक सिर्फ लड़कियों को खरीदकर दिल्ली लाए जाने की खबरें मिलती रही हैं लेकिन यह ऐसा पहला मामला है जब नाबालिग लड़कों को चार-चार हजार रुपये में खरीदकर एजेंट दिल्ली लाए हैं। पश्चिम बंगाल पुलिस ने मंगलवार को प्रीत विहार पुलिस की मदद से ऐसे ही दो बच्चों को बरामद किया। पश्चिम बंगाल पुलिस टीम के इंचार्ज सबइंस्पेक्टर निलोय झा ने बताया कि पश्चिम बंगाल के हंसीमारा इलाके से कई लड़के-लड़कियां गायब हैं। सूचना मिली थी कि वहां सक्रिय एजेंट गरीब मां-बाप से उनके नाबालिग बच्चों को खरीदकर दिल्ली और एनसीआर के शहरों में घरेलू काम के लिए आगे बेच देते हैं। इसके अलावा इन्हें देह व्यापार के धंधे में भी धकेला जाता है। उन्होंने बताया कि एक हफ्ते पहले उन्होंने पश्चिम बंगाल में एक रेलवे स्टेशन से बंधन लाकड़ा उर्फ साधू बाबा (50) नामक एजेंट को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उसके पास से दो बच्चे भी बरामद किए। वह दोनों बच्चों को दिल्ली लेकर आ रहा था। पूछताछ के दौरान एजेंट ने बताया कि पश्चिम बंगाल के दो बच्चे प्रीत विहार स्थित निर्माण विहार की कोठियों में काम कर रहे हैं। दोनों बच्चों की बरामदगी के लिए पश्चिम बंगाल पुलिस प्रीत विहार थाने पहुंची। एजेंट की निशानदेही पर दोनों लड़कों को बरामद कर लिया गया। पश्चिम बंगाल पुलिस की एक टीम ने एजेंट से मिली जानकारी के आधार पर सरस्वती विहार इलाके मंे भी छापा मारा था, लेकिन पुलिस टीम के वहां पहुंचने से पहले ही बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। पुलिस ने निर्माण विहार से बरामद दोनों लड़कों को कोर्ट में पेश किया। इसके बाद पश्चिम बंगाल पुलिस एजेंट और दोनों लड़कों को अपने साथ ले गई।
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