पूर्व क्रिकेटरों ने ट्वेंटी 20 वर्ल्ड कप से भारतीय टीम की शर्मनाक विदाई के बाद कहा कि खराब रणनीति, आईपीएल की थकान और शॉर्ट पिच गेंदों से तालमेल नहीं बिठा पाने के कारण महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई वाली टीम की यह हालत हुई। पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री का मानना है कि भारत की यह निराशाजनक हार भारतीय कप्तान के तौर पर धोनी का सबसे बुरा प्रदर्शन है और उन्होंने धोनी को अपने दृष्टिकोण में और लचीलापन लाने की सलाह दी है। शास्त्री ने कहा, 'हार का केवल एक कारण बताना काफी मुश्किल है लेकिन धोनी ने जितने भी टूर्नामेंटों में भारत की कप्तानी की है, उनमें से यह सबसे निराशाजनक है।' उन्होंने कहा, 'कुछ मौकों पर आप अपने विचार को लेकर जिद्दी हो सकते हैं लेकिन उन्हें भविष्य में कुछ ज्यादा लचीला रुख अपनाने की जरूरत है।' शास्त्री ने साथ ही कहा कि टीम को ऐसे ट्वेंटी20 खिलाड़ियों को तलाशना चाहिए जो हर परिस्थिति में खेल सकते हों।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी शास्त्री की बात से पूरा इत्तेफाक रखते हैं और उन्होंने कहा कि अगर आप रात भर जागते हो तो इसका आप पर असर पड़ता है। खिलाड़ी भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। पार्टी से ज्यादा खेल जरूरी है। हार के बाद इस तरह के बहाने नहीं बनाए जा सकते। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के लिए क्रिकेट सर्वोपरि है, जबकि बाकी चीजें बाद में आती हैं। वहीं 1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे मदन लाल ने धोनी के बहानों पर नाखुशी जताई। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह कारण है। इन पार्टियों में शामिल होने के लिए उन पर किसका दबाव था। वह मना कर सकते थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें यह सब कहना चाहिए। यह बचकाने बहाने हैं।' पूर्व मुख्य चयनकर्ता सैयद किरमानी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों में एकाग्रता की कमी दिखी और वे हार के लिए थकान को दोषी नहीं ठहरा सकते। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी थके हुए थे तो उन्हें बोर्ड से आराम के लिए कहना चाहिए था। मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता क्योंकि वे फिलहाल बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन भी शास्त्री की बात से पूरा इत्तेफाक रखते हैं और उन्होंने कहा कि अगर आप रात भर जागते हो तो इसका आप पर असर पड़ता है। खिलाड़ी भी इसके लिए काफी हद तक जिम्मेदार हैं। पार्टी से ज्यादा खेल जरूरी है। हार के बाद इस तरह के बहाने नहीं बनाए जा सकते। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी के लिए क्रिकेट सर्वोपरि है, जबकि बाकी चीजें बाद में आती हैं। वहीं 1983 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के सदस्य रहे मदन लाल ने धोनी के बहानों पर नाखुशी जताई। उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि यह कारण है। इन पार्टियों में शामिल होने के लिए उन पर किसका दबाव था। वह मना कर सकते थे। मुझे नहीं लगता कि उन्हें यह सब कहना चाहिए। यह बचकाने बहाने हैं।' पूर्व मुख्य चयनकर्ता सैयद किरमानी ने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों में एकाग्रता की कमी दिखी और वे हार के लिए थकान को दोषी नहीं ठहरा सकते। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी थके हुए थे तो उन्हें बोर्ड से आराम के लिए कहना चाहिए था। मैं उनकी आलोचना नहीं करना चाहता क्योंकि वे फिलहाल बुरे दौर से गुजर रहे हैं।
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