नरेंद्र मोदी की
गुजरात सरकार पर एक महिला आर्किटेक्ट की गैरकानूनी जासूसी (स्नूपगेट) का आरोप है, जिसकी यूपीए
सरकार जांच करवाना चाहती है। वह इसके लिए जल्द ही इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज को
अपॉइंट करने के लिए अप्रोच कर सकती है। केंद्र सरकार इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ
जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ से स्नूपगेट की जांच के लिए किसी जज को अपॉइंट करने
की गुजारिश करेगी। वह जज जांच कमिशन को हेड करेंगे।
होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे ने 'इकनॉमिक टाइम्स' से इस संभावित कदम की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'इस पर काम जारी है और कुछ हो रहा है।' उन्हें नहीं लगता कि स्नूपगेट की जांच के लिए जज अपॉइंट करने पर चुनाव आयोग को ऐतराज होगा। शिंदे ने कहा, 'चुनावी आचार संहिता लागू होने से काफी पहले जांच कमिशन बनाने का ऐलान हुआ था। इसलिए जज की नियुक्ति अभी की जा सकती है। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा।' हालांकि बीजेपी ने पहले कहा था कि अगर यूपीए सरकार स्नूपगेट जांच शुरू करने की फिर कोशिश करती है तो वह चुनाव आयोग के पास इसे रुकवाने के लिए जाएगी।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि इसके लिए ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार है। इस पर कैबिनेट मीटिंग या तो इस हफ्ते या अगले हफ्ते हो सकती है। अधिकारी ने बताया कि सरकार के फैसले के बारे में चुनाव आयोग को भी जानकारी दी जाएगी। इकनॉमिक टाइम्स को सीनियर अधिकारियों से यह भी पता चला है कि स्नूपगेट पर चर्चा के वक्त जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह का नाम आया था।
हालांकि, वर्तमान जज को किसी जांच कमिशन का हेड बनाया जाए या नहीं, इस बारे में आखिरी फैसला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का होता है। एक सीनियर अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'चीफ जस्टिस ही जज का नाम तय कर सकते हैं।' जस्टिस सिंह से इस बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
लोकसभा चुनाव के 7 दौर खत्म होने के बाद स्नूपगेट मामले की न्यायिक जांच शुरू करने से राजनीतिक पारा बढ़ सकता है। बीजेपी इसका विरोध करेगी। इस मामले में कथित तौर पर मोदी और उनके करीबी अमित शाह के जुड़े होने के आरोप हैं। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा, टमेरी यह जानने में दिलचस्पी है कि कौन जज खुद को यूपीए के सुपुर्द करता है। अगर इसके लिए कोई जज मिलता है, तो मुझे हैरानी होगी। मैं उम्मीद करता हूं कि न्यायिक सम्मान की खातिर कोई जज इस जांच आयोग को हेड करने को राजी न हो।'
होम मिनिस्टर सुशील कुमार शिंदे ने 'इकनॉमिक टाइम्स' से इस संभावित कदम की पुष्टि की है। उन्होंने कहा, 'इस पर काम जारी है और कुछ हो रहा है।' उन्हें नहीं लगता कि स्नूपगेट की जांच के लिए जज अपॉइंट करने पर चुनाव आयोग को ऐतराज होगा। शिंदे ने कहा, 'चुनावी आचार संहिता लागू होने से काफी पहले जांच कमिशन बनाने का ऐलान हुआ था। इसलिए जज की नियुक्ति अभी की जा सकती है। यह आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं होगा।' हालांकि बीजेपी ने पहले कहा था कि अगर यूपीए सरकार स्नूपगेट जांच शुरू करने की फिर कोशिश करती है तो वह चुनाव आयोग के पास इसे रुकवाने के लिए जाएगी।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया कि इसके लिए ड्राफ्ट कैबिनेट नोट तैयार है। इस पर कैबिनेट मीटिंग या तो इस हफ्ते या अगले हफ्ते हो सकती है। अधिकारी ने बताया कि सरकार के फैसले के बारे में चुनाव आयोग को भी जानकारी दी जाएगी। इकनॉमिक टाइम्स को सीनियर अधिकारियों से यह भी पता चला है कि स्नूपगेट पर चर्चा के वक्त जस्टिस देवेंद्र प्रताप सिंह का नाम आया था।
हालांकि, वर्तमान जज को किसी जांच कमिशन का हेड बनाया जाए या नहीं, इस बारे में आखिरी फैसला हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस का होता है। एक सीनियर अधिकारी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा, 'चीफ जस्टिस ही जज का नाम तय कर सकते हैं।' जस्टिस सिंह से इस बारे में ईमेल से भेजे गए सवालों के जवाब नहीं दिए।
लोकसभा चुनाव के 7 दौर खत्म होने के बाद स्नूपगेट मामले की न्यायिक जांच शुरू करने से राजनीतिक पारा बढ़ सकता है। बीजेपी इसका विरोध करेगी। इस मामले में कथित तौर पर मोदी और उनके करीबी अमित शाह के जुड़े होने के आरोप हैं। बीजेपी नेता अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा, टमेरी यह जानने में दिलचस्पी है कि कौन जज खुद को यूपीए के सुपुर्द करता है। अगर इसके लिए कोई जज मिलता है, तो मुझे हैरानी होगी। मैं उम्मीद करता हूं कि न्यायिक सम्मान की खातिर कोई जज इस जांच आयोग को हेड करने को राजी न हो।'
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