Friday, January 3, 2014

जो ईमानदार है वह आम आदमी है और जो बेईमान है वह खास

दिल्ली में 5 दिन पुरानी अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत पेश कर दिया है। सरकार की ओर से शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत पेश किया। इस पर बहस जारी है। अरविंद केजरीवाल के भाषण के बाद कुछ ही देर में वोटिंग होगी। अपने भाषण में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो ईमानदार है वह आम आदमी है और जो बेईमान है वह खास। कांग्रेस के 8 विधायकों के समर्थन की बदौलत यह तय है कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि लोगों को 'आप' पर भरोसा है और हमें सरकार गिरने का डर नहीं है।
विश्वास मत पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें नैतिक बहुमत दिया है, लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पार्टी के सारे वादों का जिक्र करते हुए विश्वास मत को सदन में रखा। उन्होंने पार्टी और विचारधारा से ऊपर उठकर विधायकों से विश्वास मत के पक्ष में वोट करने की अपील की। सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी के नेता हर्षवर्धन ने विश्वास मत का विरोध किया है, जबकि कांग्रेस के नेता अरविंदर सिंह लवली ने समर्थन किया।
सरकार की ओर से पेश विश्वास मत का विरोध करते हुए विपक्ष के नेता हर्षवर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कसम खाई थी कि भ्रष्ट कांग्रेस से न तो समर्थन लेंगे और न देंगे, लेकिन उन्होंने यह कसम तोड़ दी। बीजेपी के नेता ने कहा कि देश जानना चाहता है कि केजरीवाल ने किस मजबूरी में कांग्रेस से हाथ मिलाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि 29 दिसंबर को रामलीला मैदान में जनलोकपाल पास कराएंगे, जबकि आप जानते हैं कि यह संभव नहीं है। केंद्र की मंजरी के बिना लोकपाल कानून पास नहीं कराया जा सकता है, इसके बवजूद आप ने झूठा वादा किया।
 
उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि आप ने कहा था कि आप सुरक्षा या घर नहीं लेंगे। लेकिन हकीकत यह है कि आपको तीन स्तरीय सुरक्षा मिल रही है और हमारे पास आधिकारिक जानकारी है कि तिलक मार्ग पर आपके लिए दो फ्लैट्स रिजर्व रखे गए हैं। उन्होंने शपथ ग्रहण के दिन केजरीवाल के मेट्रो सफर पर भी सवाल उठाया और कहा कि कई विधायक प्रतिदिन मेट्रो में सफर करते हैं, लेकिन इसका प्रचार नहीं करते हैं। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के एनजीओ के फोर्ड फाउंडेशन से फंडिंग पर भी हर्षवर्धन ने सवाल उठाए।
कांग्रेस के विधायक मतीन अहमद प्रोटेम स्पीकर हैं और ऐसे में सदन की कुल संख्या 69 है। इस स्थिति में केजरीवाल को 35 का आंकड़ा चाहिए। इसमें आम आदमी पार्टी के 28, कांग्रेस के 7 और जेडी(यू) के शोएब इकबाल मिलकर होते हैं 36। बीजेपी और अकाली दल को मिलाकर 32 विधायक हैं। आंकड़ों के लिहाज से आप की सरकार सुरक्षित दिख रही है। समीकरण से साफ है कि केजरीवाल की सरकार कांग्रेस पर टिकी है यानी सरकार को गिराने और बचाने का दारोमदार भी उसी पर है।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने दर्शक दीर्घा में 'आम आदमी पार्टी' की टोपी पहनकर पहुंचे लोगों पर आपत्ति जताई। हालांकि, प्रोटेम स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया। इससे पहले बीजेपी ने कल भी 'आप' के विधायकों के आम आदमी पार्टी लिखी टोपी पहनकर आने पर आपत्ति जताई थी और इसे सदन के नियम के खिलाफ बताया था। इसे देखते हुए 'आप' के विधायक आज बिना टोपी पहने सदन में पहुंचे थे।

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