दिल्ली की महिला
एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला की कार पर मंगोलपुरी में हुए 'अटैक' मामले में पता लगा है कि 11 साल के जिस लड़के की बॉल
से उनकी कार का शीशा चटका था, वह और उसके माता-पिता अपना घर
छोड़कर कहीं और चले गए हैं। उनके घर की विजिट की गई तो पड़ोसियों ने बताया कि यह
सच है। वे बहुत डरे हुए थे। बच्चे ने तो दो दिन तक खाना भी नहीं खाया और न ही सो
पाया।
इस परिवार के लोग शायद बच्चे की नानी के घर चले गए हैं। लेकिन नानी का घर कहां है, यह जानकारी वहां किसी के पास नहीं। पता लगा है कि वे लोग बुधवार सुबह कहीं चले गए। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि शायद बच्चे के सामान्य होने के बाद वे लोग आ जाएंगे, लेकिन कब यह पता नहीं।
5 जनवरी की शाम करीब 6 बजे हुई इस घटना के बाद से बच्चे के परिजन पड़ोसियों से सारी बातें शेयर करते रहते थे। उन्होंने बताया था कि घटना के बाद बच्चा और उसके पैरेंटस काफी सहम गए थे। बच्चे के पिता चप्पल फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका यह एकलौता बेटा है। पड़ोसियों ने बताया कि वे लोग तीसरी मंजिल पर किराए पर रहते हैं। वहां बच्चा अक्सर अकेले ही बॉल से खेलता रहता था। लेकिन घटना के बाद से उसने बॉल को देखा तक नहीं। 5-6 जनवरी को उसने कुछ नहीं खाया और रात को सोया भी नहीं। मां-बाप उसकी हालत देखकर उसके नानी के पास लेकर चले गए।
पड़ोसियों के मुताबिक, जब राखी की कार की विंड स्क्रीन चटकी, तो सभी को लगा था कि कार पर किसी ने हमला कर दिया है। लेकिन पास स्थित मकान की तीसरी मंजिल की रैलिंग से नीचे झांककर बच्चा सब देख रहा था। उसने अपनी मां को बताया कि वह गोल्फ बॉल से खेल रहा था कि अचानक बॉल नीचे गिर पड़ी और वह कार के शीशे पर जा लगी। उसकी मां ने यह बात पड़ोसियों को बताई। फिर बच्चे और उसकी मां ने नीचे आकर मिनिस्टर राखी से माफी मांगी थी। बच्चे ने भी मंत्री से माफी मांगी थी, लेकिन यह साफ नहीं है कि राखी ने उसे सुना या नहीं।
लोगों का कहना है कि घटना के तुरंत बाद पुलिस आ गई थी। इसके करीब एक घंटे बाद एक एसआई और हवलदार ने वहां आकर बच्चे और परिजनों के बयान दर्ज किए थे। उसके कुछ देर बाद फिर से सीनियर पुलिस अफसरों के साथ भारी संख्या में और पुलिस यहां आई थी। पुलिस को यह साफ हो गया था कि यह कोई हमला नहीं था। इलाके के लोगों का कहना है कि सारी सचाई जानने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। आउटर दिल्ली के अडिशनल कमिश्नर संजय सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। वहीं लोगों का कहना है कि जब मामला पानी की तरह साफ है, तो पुलिस किस बात की जांच कर रही है, यह समझ से परे है।
इस परिवार के लोग शायद बच्चे की नानी के घर चले गए हैं। लेकिन नानी का घर कहां है, यह जानकारी वहां किसी के पास नहीं। पता लगा है कि वे लोग बुधवार सुबह कहीं चले गए। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि शायद बच्चे के सामान्य होने के बाद वे लोग आ जाएंगे, लेकिन कब यह पता नहीं।
5 जनवरी की शाम करीब 6 बजे हुई इस घटना के बाद से बच्चे के परिजन पड़ोसियों से सारी बातें शेयर करते रहते थे। उन्होंने बताया था कि घटना के बाद बच्चा और उसके पैरेंटस काफी सहम गए थे। बच्चे के पिता चप्पल फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका यह एकलौता बेटा है। पड़ोसियों ने बताया कि वे लोग तीसरी मंजिल पर किराए पर रहते हैं। वहां बच्चा अक्सर अकेले ही बॉल से खेलता रहता था। लेकिन घटना के बाद से उसने बॉल को देखा तक नहीं। 5-6 जनवरी को उसने कुछ नहीं खाया और रात को सोया भी नहीं। मां-बाप उसकी हालत देखकर उसके नानी के पास लेकर चले गए।
पड़ोसियों के मुताबिक, जब राखी की कार की विंड स्क्रीन चटकी, तो सभी को लगा था कि कार पर किसी ने हमला कर दिया है। लेकिन पास स्थित मकान की तीसरी मंजिल की रैलिंग से नीचे झांककर बच्चा सब देख रहा था। उसने अपनी मां को बताया कि वह गोल्फ बॉल से खेल रहा था कि अचानक बॉल नीचे गिर पड़ी और वह कार के शीशे पर जा लगी। उसकी मां ने यह बात पड़ोसियों को बताई। फिर बच्चे और उसकी मां ने नीचे आकर मिनिस्टर राखी से माफी मांगी थी। बच्चे ने भी मंत्री से माफी मांगी थी, लेकिन यह साफ नहीं है कि राखी ने उसे सुना या नहीं।
लोगों का कहना है कि घटना के तुरंत बाद पुलिस आ गई थी। इसके करीब एक घंटे बाद एक एसआई और हवलदार ने वहां आकर बच्चे और परिजनों के बयान दर्ज किए थे। उसके कुछ देर बाद फिर से सीनियर पुलिस अफसरों के साथ भारी संख्या में और पुलिस यहां आई थी। पुलिस को यह साफ हो गया था कि यह कोई हमला नहीं था। इलाके के लोगों का कहना है कि सारी सचाई जानने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। आउटर दिल्ली के अडिशनल कमिश्नर संजय सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। वहीं लोगों का कहना है कि जब मामला पानी की तरह साफ है, तो पुलिस किस बात की जांच कर रही है, यह समझ से परे है।
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