Wednesday, January 29, 2014

मनमोहन के भाषण का विरोध

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में बुधवार को वक्फ विकास निगम के कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को अपने भाषण के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा। एक शख्स पर्चा लहराते हुए उठ खड़ा हुआ और मनमोहन के भाषण का विरोध करने लगा। वह चिल्लाते हुए अपने इलाके में अल्पसंख्यकों का विकास न होने की बात कह रहा था। इस दौरान मंच पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री फारुख अब्दुल्ला भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बाद में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री को विरोध करने वाले इस शख्स की शिकायत सुनने का निर्देश दिया।
दिल्ली में वक्फ विकास निगम के कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण के कुछ देर बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपना भाषण दे रहे थे। जैसे ही पीएम का भाषण खत्म होने को था, दर्शकों के बीच बैठे एक शख्स ने चिल्लाना शुरू कर दिया। हाथ में एक पर्चा और खुद को दिल्ली के यमुना पार इलाके का बताने वाला यह शख्स चिल्लाते हुए कह रहा था कि उसके इलाके में अल्पसंख्यकों के लिए घोषित योजनाएं लागू नहीं हुई हैं।
इस घटनाक्रम से कुछ देर के लिए बैठक में हंगामा मचा रहा। सुरक्षाकर्मियों ने उस शख्स को बैठने के लिए कहा, लेकिन वह नहीं माना। वह लगातार चिल्ला रहा था। इस दौरान सुरक्षाकर्मी उसका मुंह बंद करते भी देखे गए। आखिरकार उसे पकड़कर बाहर ले जाया गया। गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब पीएम को अपने भाषण के दौरान विरोध का सामना करना पड़ा है। इससे पहले विज्ञान भवन में वकीलों के एक कार्यक्रम में भी ठीक ऐसा ही हंगामा हुआ था।
विज्ञान भवन के बाहर मीडियावालों से बात करते हुए इस शख्स ने अपना नाम फहीम बेग बताया। उसने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह मुसलमानों की हमदर्द बनने की कोशिश करती है, लेकिन उनके लिए जमीनी स्तर पर कुछ नहीं करती है। फहीम के मुताबिक उसने पीएम को करीब 150 चिट्ठियां लिखी थीं, जवाब न मिलने पर उसे यह रास्ता चुनना पड़ा

केजरीवाल ने पूछे गए सवालों के जवाब धैर्यपूर्वक दिए

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की ओर से दिए जाने वाले भोज में मरून स्वेटर और गले में मफलर लपेटे पहुंचे दिल्ली के सीएम आकर्षण के केंद्र में रहे। भोज राष्ट्रपति भवन के विस्तृत प्रांगण में दिया गया। राष्ट्रपति मुखर्जी द्वारा अतिथियों, खास लोगों, नौकरशाहों और राजदूतों को बधाई देने के बाद लोगों ने महसूस किया कि दिल्ली के नए मुख्यमंत्री उनके बीच मौजूद हैं। यह मालूम होने पर तुरंत ही भीड़ ने उन्हें घेर लिया।
मुख्यमंत्री से परिचय के लिए लोग एक-दूसरे से धक्का-मुक्की करते देखे गए। खबरों में छाए रहने वाले पूर्व नौकरशाह केजरीवाल से बात करने के लिए कुछ विदेशी गणमान्य भी लपके। केजरीवाल ने पूछे गए सवालों के जवाब धैर्यपूर्वक दिए। हाल के धरने के पीछे उनकी मंशा क्या थी, यह बताया और आम आदमी पार्टी (आप) को चौतरफा आलोचना के केंद्र में लाने वाले सोमनाथ भारती के हाल के विवादास्पद कार्रवाई और उनकी बयानबाजी का बचाव भी किया।

यह एक ऐसा क्षण था जिसकी कभी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी। दो साल पहले, केजरीवाल प्रणव के साथ समझौते की मेज पर थे। प्रणव उस वक्त लोकपाल बिल पर बनी जॉइंट ड्राफ्टिंग कमिटी के चेयरमैन थे। उस बैठक से केजरीवाल को अंत में खाली हाथ लौटना पड़ा था लेकिन शनिवार को दोनों ने विचारों में सार्वजनिक तौर पर अंतर को दिखाया। प्रणव 'लोकलुभावन अराजकता' के खिलाफ बोले और केजरीवाल ने अपने धरने को लोकतांत्रिक बताते हुए सफाई दी।
रविवार को राष्ट्रपति भवन में कूटनीति, राजनीति, प्रशासन, कला और मीडिया से जुड़े लोगों को आमंत्रित किया गया तब भी पूरे कार्यक्रम में केजरीवाल एक अलग ही माहौल का हिस्सा बनते दिखाई दिए। जर्मनी के राजदूत माइकल स्टेनर केजरीवाल से मुलाकात का कार्यक्रम तय करना चाहते थे। ऐसा अगले महीने जर्मनी के प्रधानमंत्री के होने वाले भारतीय दौरे के लिए था। केजरीवाल ने कार्यक्रम को दोबारा तय करने का आश्वासन भी दिया।
एक अन्य राजनयिक ने केजरीवाल के साथ हल्के-फुल्के चुटकुलों का आनंद लिया। राजनयिक ने कहा कि उनकी टूटी-फूटी हिंदी ने पार्टी के नाम को लेकर उनके सामने दुविधा खड़ी कर दी थी (क्योंकि वह 'आम' का अंग्रेजी अर्थ मैंगो से ही समझते थे)।
सीएम को गिफ्ट के तौर पर एक मफलर भी दिया गया। केजरीवाल पर सवालों की बौछार भी हुई। गणतंत्र दिवस की परेड में वीआईपी एरिया में बैठने पर भी और पार्टी के नाम में 'आम औरत' न होने पर भी। हालत यह रही कि एक दल हटता था तो दूसरा उनके पास जमा हो जाता था। यहां तक कि अधिकांश अतिथि जब जा चुके थे तब भी केजरीवाल भीड़ में घिरे रहे।
कार्यक्रम के बाकी अतिथियों में उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, बीजेपी नेता सुषमा स्वराज, लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, कैबिनेट मंत्री पी. चिदंबरम, वीरप्पा मोइली, एके एंटनी थे।
सूत्रों के मुताबिक तकरीबन 4,500 लोग कार्यक्रम में पहुंचे थे। राष्ट्रपति भवन ने इस साल कार्यक्रम के लिए ई-निमंत्रण पत्र जारी किए थे जिसमें बार-कोड स्कैनिंग से एंट्री थी। लगभग 60 फीसदी अतिथियों को ई-मेल से निमंत्रण भेजा गया था। ऐसा खर्च को कम करने के लिए किया गया।

महिला - बलात्कार के लिए जिम्मेदार

एनसीपी नेता और महाराष्ट्र महिला आयोग की सदस्य आशा मिरगे ने महिलाओं को बलात्कार के लिए जिम्मेदार बताकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। मिरगे ने सवाल किया कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में गैंग रेप की शिकार निर्भया रात में अपने दोस्त के साथ बाहर क्यों थी? उन्होंने मुंबई में शक्ति मिल कंपाउंड के सुनसान इलाके में गैंगरेप की शिकार फोटोजर्नलिस्ट पर भी सवाल खड़े किए।
मिरगे ने एनसीपी की महिला इकाई के सम्मेलन में कहा कि मैं आपको एक कविता सुनाती हूं, 'सावन में हिरणी संभलकर रहो नहीं तो कोई शिकारी शिकार कर लेगा।' इसके बाद उन्होंने कहा, 'हिरणी ही क्यों कहा? हिरण क्यों नहीं?... क्योंकि हिरणी को ही संभलकर जीने की जरूरत है। पर हम संभलकर जीते हैं क्या? निर्भया बलात्कार केस ले लीजिए। रात को 11 बजे कोई बॉयफ्रेंड के साथ सिनेमा देखने जाता है क्या? शाम को 6 बजे शक्ति मिल किसी को जाना चाहिए क्या?...संभलकर रहना चाहिए। वहां जाने की जरूरत है क्या? वहां जाने की सुविधा है क्या? इस उम्र में भी मैं मिर्ची के पैकेट साथ रखती हूं। संभलकर ही जीना चाहिए।'
मिरगे यहीं नहीं रुकी, उन्होंने कहा कि रेप महिला के कपड़े, चाल चलन और गलत जगह पर रहने से होते हैं। उन्होंने कहा कि 20-25% युवतियां सजगता के आभाव में दुष्कर्म का शिकार बनती हैं। केशभूषा, वेशभूषा और देहभूषा अत्याचार के लिए आकर्षक बन जाती है। आशा के बयान के बारे में जब एनसीपी प्रवक्‍ता नवाब मलिक से पूछा गया तो, उन्‍होंने इससे पल्‍ला झाड़ लिया। उन्‍होंने कहा, 'न तो मैंने आशा के बयान को सुना है और न ही मुझे इसके बारे में कोई जानकारी है। यदि उन्‍होंने ऐसा कुछ कहा है, तो यह उनकी व्‍यक्तिगत राय है।'

Wednesday, January 15, 2014

आम आदमी पार्टी को करारा झटका

लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी आम आदमी पार्टी को करारा झटका लगा है। 'आप' के विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने एक बार फिर पार्टी से बगावत कर दी है।
पूर्वी दिल्ली के लक्ष्मीनगर से आम आदमी पार्टी के विधायक विनोद बिन्नी ने अपनी पार्टी के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली में उनकी पार्टी की सरकार जनता से किए गए वादों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार की कथनी और करनी में फर्क है। बिन्नी ने आरोप लगाया कि 'आप' अपने मुद्दों से भटक गई है। उन्होंने कहा कि वह गुरुवार को 10-11 बजे के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल सरकार की कथनी और करनी का भेद खोलेंगे।
'आप' विधायक बिन्नी ने कहा कि पार्टी में मुझे पहले जो समस्या थी, वही आज भी है। उन्होंने कहा कि पहले लिस्ट में मेरा मंत्री के रूप में नाम था, लेकिन मैंने खुद अपना नाम यह कहते हुए कटवाया था कि मैं मंत्री बनने नहीं आया हूं। उन्होंने आरोप लगाया कि आप की मीटिंग में जनता की सारी समस्यायों पर गौर नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में वह जनता के साथ हो रहे छल के बारे में बताएंगे।

Monday, January 13, 2014

प्रशांत भूषण आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत

कश्मीर पर बयान देकर आम आदमी पार्टी के लिए मुसीबत खड़ी कर देने वाले प्रशांत भूषण ने फिर एक विवादास्पद टिप्पणी की है। इस बार भूषण ने नक्सल प्रभावित इलाकों में सुरक्षाबलों की तैनाती को लेकर जनमत संग्रह कराने की वकालत की है। गौरतलब है कि हाल में एक टीवी कार्यक्रम में कश्मीर में सेना की तैनाती पर जनमत संग्रह का पक्ष लेने पर भूषण को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा था। प्रशांत भूषण की पार्टी ने भी इस बयान पर उनसे किनारा कर लिया था।
नक्सल प्रभावित इलाकों को लेकर भूषण के सुझाव को बीजेपी ने आड़े हाथ लिया है। आप ने भी उनके बयान से किनारा कर लिया है। बीजेपी प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने कहा है कि इस तरह के बयानों से मसले से निपटने के लिए राज्य सरकार की मदद से केंद्र सरकार के उठाए जा रहे कदम बेकार हो जाएंगे और सुरक्षाबलों का मनोबल भी टूटेगा। बीजेपी ने 'आप' के नेतृत्व और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

Friday, January 10, 2014

राखी बिड़ला की कार पर बॉल लगने से डरी फैमिली ने घर छोड़ा

दिल्ली की महिला एवं बाल विकास मंत्री राखी बिड़ला की कार पर मंगोलपुरी में हुए 'अटैक' मामले में पता लगा है कि 11 साल के जिस लड़के की बॉल से उनकी कार का शीशा चटका था, वह और उसके माता-पिता अपना घर छोड़कर कहीं और चले गए हैं। उनके घर की विजिट की गई तो पड़ोसियों ने बताया कि यह सच है। वे बहुत डरे हुए थे। बच्चे ने तो दो दिन तक खाना भी नहीं खाया और न ही सो पाया।
इस परिवार के लोग शायद बच्चे की नानी के घर चले गए हैं। लेकिन नानी का घर कहां है, यह जानकारी वहां किसी के पास नहीं। पता लगा है कि वे लोग बुधवार सुबह कहीं चले गए। हालांकि, पड़ोसियों का कहना है कि शायद बच्चे के सामान्य होने के बाद वे लोग आ जाएंगे, लेकिन कब यह पता नहीं।
5 जनवरी की शाम करीब 6 बजे हुई इस घटना के बाद से बच्चे के परिजन पड़ोसियों से सारी बातें शेयर करते रहते थे। उन्होंने बताया था कि घटना के बाद बच्चा और उसके पैरेंटस काफी सहम गए थे। बच्चे के पिता चप्पल फैक्ट्री में काम करते हैं। उनका यह एकलौता बेटा है। पड़ोसियों ने बताया कि वे लोग तीसरी मंजिल पर किराए पर रहते हैं। वहां बच्चा अक्सर अकेले ही बॉल से खेलता रहता था। लेकिन घटना के बाद से उसने बॉल को देखा तक नहीं। 5-6 जनवरी को उसने कुछ नहीं खाया और रात को सोया भी नहीं। मां-बाप उसकी हालत देखकर उसके नानी के पास लेकर चले गए।
पड़ोसियों के मुताबिक, जब राखी की कार की विंड स्क्रीन चटकी, तो सभी को लगा था कि कार पर किसी ने हमला कर दिया है। लेकिन पास स्थित मकान की तीसरी मंजिल की रैलिंग से नीचे झांककर बच्चा सब देख रहा था। उसने अपनी मां को बताया कि वह गोल्फ बॉल से खेल रहा था कि अचानक बॉल नीचे गिर पड़ी और वह कार के शीशे पर जा लगी। उसकी मां ने यह बात पड़ोसियों को बताई। फिर बच्चे और उसकी मां ने नीचे आकर मिनिस्टर राखी से माफी मांगी थी। बच्चे ने भी मंत्री से माफी मांगी थी, लेकिन यह साफ नहीं है कि राखी ने उसे सुना या नहीं।
लोगों का कहना है कि घटना के तुरंत बाद पुलिस आ गई थी। इसके करीब एक घंटे बाद एक एसआई और हवलदार ने वहां आकर बच्चे और परिजनों के बयान दर्ज किए थे। उसके कुछ देर बाद फिर से सीनियर पुलिस अफसरों के साथ भारी संख्या में और पुलिस यहां आई थी। पुलिस को यह साफ हो गया था कि यह कोई हमला नहीं था। इलाके के लोगों का कहना है कि सारी सचाई जानने के बावजूद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली। आउटर दिल्ली के अडिशनल कमिश्नर संजय सिंह का कहना है कि जांच की जा रही है। वहीं लोगों का कहना है कि जब मामला पानी की तरह साफ है, तो पुलिस किस बात की जांच कर रही है, यह समझ से परे है।

Wednesday, January 8, 2014

अब कश्मीर पर और खून-खराबा मत करो

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गाजियाबाद में आम आदमी पार्टी के ऑफिस पर हुए हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा कि अगर मुझे मारने से कश्मीर मुद्दा हल हो सकता है तो जगह और वक्त बता दें, मैं मार खाने आ जाऊंगा।  यूपी के गाजियाबाद में पार्टी ऑफिस पर हुए हमले को दुखद बताते हुए केजरीवाल ने कहा, 'हम इस घटना की कड़ी निंदा करते हैं। आखिर हमला करने वाले चाहते क्या हैं? भगवान का नाम लेते हुए ऐसा हमला करना हैरान करता है। मैं भी हिंदू हूं, भगवान कभी नहीं चाहते होंगे कि उनके नाम पर कोई किसी के घर या दफ्तर में घुसकर हमला करे।'  दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशांत भूषण के बयान पर बेवजह राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा, 'अगर प्रशांत भूषण या मुझे मारने से कश्मीर समस्या का समाधान हो सकता है तो जगह और समय बता दें, मैं आ जाऊंगा।' उन्होंने कहा कि हमारे मन में बदले की भावना नहीं है। 
प्रशांत भूषण के बयान से वह एक बार फिर किनारा करते दिखे। केजरीवाल ने कहा, 'कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। कहां पर सेना की तैनाती होनी है और कहां नहीं, यह आंतरिक सुरक्षा का मामला है। इसमें सरकार को तैनाती करने का अधिकार है, लेकिन जन-भावनाओं का भी सम्मान होना चाहिए।'
केजरीवाल के उक्त बयान पर उमर अब्दुल्लाह का ट्वीट
प्रिय @ArvindKejriwal कश्मीर के नाम पर पहले ही बहुत से अच्छे लोग जान दे चुके हैं, अब कश्मीर पर और खून-खराबा मत करो। शुक्रिया
08 जनवरी 2014

किसी को भी केजरीवाल से उनके पांच बेडरूम वाले आवास को लेकर शिकायत नहीं होगी, बल्कि शिकायत तब होगी जब वह गरीबों से किए अपने चुनावी वादे पूरे नहीं करेंगे। इसलिए उन्हें उनका काम करने दें और सरकार चलाने दें।
04 जनवरी 201

मेरी भी केजरीवाल से प्रार्थना है कि कश्मीर के नाम पर हिंदुओं के नाश का बीज न बोएँ ।

संपादक 

आम आदमी पार्टी के कौशांबी वाले ऑफिस में हँगामा

आम आदमी पार्टी के कौशांबी वाले ऑफिस में कुछ लोगों ने तोड़फोड़ करते हुए हंगामा किया है। बताया जा रहा है कि इस हंगामे के पीछे हिंदू रक्षा दल नाम के संगठन के कार्यकर्ताओं का हाथ है। हाथ में बैनर, पोस्टर और लाठियां लेकर आए इन लोगों ने नारेबाजी की और जमकर तोड़फोड़ मचाई।
उत्तर प्रदेश के कौशांबी में आम आदमी पार्टी के दफ्तर पर बुधवार सुबह 11 बजे के करीब 30 से 40 लोग पहुंचे और उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। तोड़फोड़ करने वाले लोग 'आप' के नेता प्रशांत भूषण द्वारा कश्मीर पर दिए बयान से नाराज थे। गौरतलब है कि प्रशांत भूषण ने एक टीवी प्रोग्राम में कहा था कि कश्मीर से सेना हटाए जाने को लेकर जनमत संग्रह कराना चाहिए।
 
जिस वक्त यह घटना हुई, 'आप' के ऑफिस में 4-5 लोग ही मौजूद थे। ऐसे में हंगामा कर रहे इन लोगों ने कुछ ही देर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इन लोगों ने दफ्तर के शीशे और गमले तोड़ दिए। मौके पर मौजूद आम आदमी पार्टी के वॉलंटियर्स ने बताया कि हंगामा करने वाले लोगों ने ईंटों से भी हमला किया। कुछ देर तक तोड़फोड़ करने के बाद वे लोग फरार हो गए।
 
घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस आम आदमी पार्टी के ऑफिस के बाहर पहुंच गई है और हमलावरों को तलाश कर रही है।

Tuesday, January 7, 2014

मल्टिनैशनल कंपनी की मैनेजर ने कंपनी के डायरेक्टर पर रेप का आरोप लगाया

एक बड़ी मल्टिनैशनल कंपनी की मैनेजर ने कंपनी के डायरेक्टर पर रेप का आरोप लगाया है। पीड़िता ने दिल्ली के आरकेपुरम थाने में इसकी शिकायत दी है। पुलिस ने वहां जीरो एफआईआर दर्ज कर मामला गुड़गांव पुलिस के पास भेज दिया है। गुड़गांव पुलिस ने एचआर डिपार्टमेंट के अधिकारियों समेत 7 लोगों के खिलाफ छेड़छाड़ और रेप का मामला दर्ज किया है। आरोपियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। उन पर आरोपियों का साथ देने का आरोप है।
गाजियाबाद की रहने वाली 30 वर्षीय पीड़िता नोएडा स्थित नामी कंपनी में मैनेजर है। वह इस कंपनी की गुड़गांव यूनिट में भी काम कर चुकी हैं। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि एचआर हेड डायरेक्टर उसे अपनी केबिन में बुला लेते थे और ऐसी हरकतें करते थे जिन्हें नए कानून के मुताबिक रेप माना जाता है। महिला ने अन्य सीनियर साथियों पर केबिन में बुलाकर पॉर्न कंटेंट दिखाने और उसके साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि गुड़गांव में गोल्फ कोर्स रोड स्थित ऑफिस में बहाने से बुलाया गया था। यहां एचआर डिपार्टमेंट के हेड समेत 5 अधिकारियों ने पहले उससे छेड़छाड़ की और फिर रेप किया।
आरोपियों में राहुल सिंह, पवन भल्ला, रजत तिवारी, पूजा खन्ना, नितिन, वर्षा सिंह, गैरी जोसेफ शामिल हैं। ये सभी कंपनी की गुड़गांव, नोएडा और गाजियाबाद स्थित ब्रांच में काम करते हैं। गुड़गांव पुलिस ने मामला सुशांत लोक थाने में भेजकर आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है।

Friday, January 3, 2014

जो ईमानदार है वह आम आदमी है और जो बेईमान है वह खास

दिल्ली में 5 दिन पुरानी अरविंद केजरीवाल सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत पेश कर दिया है। सरकार की ओर से शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और शहरी विकास मंत्री मनीष सिसोदिया ने विश्वास मत पेश किया। इस पर बहस जारी है। अरविंद केजरीवाल के भाषण के बाद कुछ ही देर में वोटिंग होगी। अपने भाषण में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो ईमानदार है वह आम आदमी है और जो बेईमान है वह खास। कांग्रेस के 8 विधायकों के समर्थन की बदौलत यह तय है कि आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार आसानी से बहुमत हासिल कर लेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा कि लोगों को 'आप' पर भरोसा है और हमें सरकार गिरने का डर नहीं है।
विश्वास मत पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली की जनता ने हमें नैतिक बहुमत दिया है, लेकिन पूर्ण बहुमत नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पार्टी के सारे वादों का जिक्र करते हुए विश्वास मत को सदन में रखा। उन्होंने पार्टी और विचारधारा से ऊपर उठकर विधायकों से विश्वास मत के पक्ष में वोट करने की अपील की। सदन में चर्चा के दौरान बीजेपी के नेता हर्षवर्धन ने विश्वास मत का विरोध किया है, जबकि कांग्रेस के नेता अरविंदर सिंह लवली ने समर्थन किया।
सरकार की ओर से पेश विश्वास मत का विरोध करते हुए विपक्ष के नेता हर्षवर्धन ने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कसम खाई थी कि भ्रष्ट कांग्रेस से न तो समर्थन लेंगे और न देंगे, लेकिन उन्होंने यह कसम तोड़ दी। बीजेपी के नेता ने कहा कि देश जानना चाहता है कि केजरीवाल ने किस मजबूरी में कांग्रेस से हाथ मिलाया। इसके बाद उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि 29 दिसंबर को रामलीला मैदान में जनलोकपाल पास कराएंगे, जबकि आप जानते हैं कि यह संभव नहीं है। केंद्र की मंजरी के बिना लोकपाल कानून पास नहीं कराया जा सकता है, इसके बवजूद आप ने झूठा वादा किया।
 
उन्होंने मुख्यमंत्री को घेरते हुए कहा कि आप ने कहा था कि आप सुरक्षा या घर नहीं लेंगे। लेकिन हकीकत यह है कि आपको तीन स्तरीय सुरक्षा मिल रही है और हमारे पास आधिकारिक जानकारी है कि तिलक मार्ग पर आपके लिए दो फ्लैट्स रिजर्व रखे गए हैं। उन्होंने शपथ ग्रहण के दिन केजरीवाल के मेट्रो सफर पर भी सवाल उठाया और कहा कि कई विधायक प्रतिदिन मेट्रो में सफर करते हैं, लेकिन इसका प्रचार नहीं करते हैं। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के एनजीओ के फोर्ड फाउंडेशन से फंडिंग पर भी हर्षवर्धन ने सवाल उठाए।
कांग्रेस के विधायक मतीन अहमद प्रोटेम स्पीकर हैं और ऐसे में सदन की कुल संख्या 69 है। इस स्थिति में केजरीवाल को 35 का आंकड़ा चाहिए। इसमें आम आदमी पार्टी के 28, कांग्रेस के 7 और जेडी(यू) के शोएब इकबाल मिलकर होते हैं 36। बीजेपी और अकाली दल को मिलाकर 32 विधायक हैं। आंकड़ों के लिहाज से आप की सरकार सुरक्षित दिख रही है। समीकरण से साफ है कि केजरीवाल की सरकार कांग्रेस पर टिकी है यानी सरकार को गिराने और बचाने का दारोमदार भी उसी पर है।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने दर्शक दीर्घा में 'आम आदमी पार्टी' की टोपी पहनकर पहुंचे लोगों पर आपत्ति जताई। हालांकि, प्रोटेम स्पीकर ने इसे खारिज कर दिया। इससे पहले बीजेपी ने कल भी 'आप' के विधायकों के आम आदमी पार्टी लिखी टोपी पहनकर आने पर आपत्ति जताई थी और इसे सदन के नियम के खिलाफ बताया था। इसे देखते हुए 'आप' के विधायक आज बिना टोपी पहने सदन में पहुंचे थे।

Wednesday, January 1, 2014

शुभकामनायें

साथियों,

जो बीत गया , उसे भूल जाने में सकून मिलता है , इसलिए 2013 को भूल जाओ ।

2014 का अभिनंदन , सभी पाठकों को हमारी ओर से  परिवार सहित नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें ।