प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी समेत पार्टी के वरिष्ठ नेता योगगुरु बाबा रामदेव की चार जून से काले धन के मुद्दे पर अनशन पर बैठने की योजना से बने हालात पर आज यानी गुरुवार को चर्चा कर सकते हैं। बाबा रामदेव के मुद्दे पर पार्टी और सरकार के बीच झलके मतभेदों की पृष्ठभूमि में शाम को सोनिया की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर समूह की बैठक होने वाली है। कोर समूह की बैठक आमतौर पर शुक्रवार को होती है लेकिन एक दिन पहले होने से इस बात का संकेत मिल रहा है कि रामदेव की अनशन की योजना पर पार्टी और सरकार में चिंता कायम है। बड़े नीतिगत मुद्दों पर फैसला करने वाले पार्टी के कोर समूह में प्रणव मुखर्जी, ए.के. एंटनी, पी. चिदंबरम और कांग्रेस अध्यक्ष के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल समेत कांग्रेस के आला नेता और सरकार के मंत्री शामिल हैं। कुछ दिन पहले राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में भी रामदेव के अनशन की योजना पर चर्चा की गयी थी और प्रधानमंत्री सिंह ने रामदेव को पत्र लिखकर उनसे अनशन पर नहीं जाने का आग्रह किया था। सिंह ने उन्हें भ्रष्टाचार के मुद्दे से निपटने के लिए व्यावहारिक समाधान तलाशने का वादा भी किया था। सरकार की ओर से बुधवार को यहां हवाईअड्डे पर बाबा रामदेव की अगवानी के लिए चार वरिष्ठ मंत्रियों को भेजे जाने के अभूतपूर्व कदम से कांग्रेस ने दूरी बनाई है और कहा कि यह 'अनावश्यक' था और पार्टी का इससे कुछ लेना- देना नहीं है। दरअसल, सरकार ने गुरुवार को रामदेव को मनाने के लिए मध्य प्रदेश से उनके यहां हवाईअड्डे पर पहुंचने के समय से पहले ही अपने आला मंत्रियों को भेज दिया था। कांग्रेस में टॉप सूत्रों के अनुसार, ''यहां से हवाईअड्डे तक जाने की पूरी कवायद से पार्टी का किसी भी तरह का संबंध नहीं है।'' सरकार चाहती है कि फिर से उस तरह की स्थिति पैदा न हो जो अप्रैल में लोकपाल विधेयक के मुद्दे पर अन्ना हजारे के आंदोलन से पैदा हुई थी। सरकार के उस समय के आश्वासन का तत्काल कोई परिणाम निकलता प्रतीत नहीं हो रहा। बाबा रामदेव विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के मुद्दे पर ''आश्वासनों'' की बजाय ''कार्रवाई'' की बात पर अड़े हैं। उधर अन्ना हजारे ने कहा है कि प्रत्येक पदाधिकारी को लोकपाल विधेयक के दायरे में आना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार तभी हरकत में आई है जब रामदेव ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह चार जून से अपना आंदोलन शुरू करेंगे। हजारे ने कहा, ''इतने दिन से हम मांग कर रहे हैं, सरकार ने हमारी क्यों नहीं सुनी। अब सरकार सिर्फ इस वजह से दौड़ रही है कि अनशन पर बैठने का समय आ गया है।'' उन्होंने कहा, ''बाबा रामदेव काफी दिन से काले धन को वापस लाने की मांग उठा रहे हैं। सरकार ने इस मुद्दे पर कुछ करने की क्यों नहीं सोची। लोग अब यह जानना चाहते हैं कि सरकार के क्या इरादे हैं।'' गांधीवादी कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक कि उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं। हजारे ने कहा, ''अब हम और खोखले आश्वासन या मौखिक वायदे नहीं चाहते। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई चाहते हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ देशभर में तब तक लड़ाई जारी रहेगी जब तक कि हमें वह नहीं मिल जाता जो हम चाहते हैं।''
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