सीनियर बीजेपी लीडर मुरली मनोहर जोशी को 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला मामले में रिपोर्ट के मसौदे को लेकर उठे विवाद के बावजूद रविवार को फिर से संसद की लोकलेखा समिति (पीएसी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
लोकलेखा समिति के अध्यक्ष पद के लिए जोशी को उनकी पार्टी ने नामांकित किया, जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने उन्हें फिर से इस पद पर नियुक्त किया। पीएसी विभिन्न विभागों और मंत्रालयों का वित्तीय ऑडिट करती है।
पूर्व समिति का कार्यकाल शनिवार को खत्म हो गया था। जोशी की अध्यक्ष पद पर नियुक्ति रविवार से प्रभावी होगी और उनका कार्यकाल एक साल का होगा। हाल ही में 77 वर्षीय जोशी 2 जी मामले में पीएसी की रिपोर्ट के मसौदे को वितरित करने के बाद विवादों में घिर गए थे।
पीएसी में शामिल यूपीए के सदस्यों ने जोशी पर आरोप लगाया था कि रिपोर्ट सरकार को बदनाम और अस्थिर करने के इरादे से तैयार की गई है। यूपीए सदस्यों ने पीएसी की पूर्व समिति की 28 अप्रैल को हुई अंतिम बैठक में खूब हंगामा किया था।
जोशी ने यूपीए सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए शनिवार को रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को भेज दी थी। वह चाहते हैं कि अध्यक्ष इसे संसद में पेश करें। एक सवाल के जवाब में जोशी ने कहा कि वह रिपोर्ट पर लोकसभा अध्यक्ष के फैसले का इंतजार करेंगे कि इसे स्वीकार किया जाता है या नहीं।
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