पिछले 28 दिनों से पुट्टपर्थी के अस्पताल में मौत से जूझ रहे सत्य साईं बाबा का निधन हो गया है। श्री सत्य साईं इंस्टिट्यूट ऑफ हायर मेडिकल साइंसेज के मुताबिक बाबा ने श्वसन तंत्र निष्क्रिय होने के बाद सुबह 7.40 बजे अंतिम सांस ली।
साईं बाबा के पार्थिव शरीर को दर्शन के लिए शाम छह बजे से पुट्टपर्थी के साईं कुलवंत हॉल में रखा जाएगा। भक्त उनके शरीर का दो दिन तक दर्शन कर सकेंगे। उनका अंतिम संस्कार बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। आंध्र प्रदेश सरकार ने चार दिन के शोक की घोषणा की है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और कई अन्य ने उनके निधन पर शोक जताया है।
बाबा के निधन के खबर से उनके भक्तों में शोक की लहर लौड़ गई है। भक्त बड़ी तादाद में पुट्टपर्थी में आश्रम के बाहर जमा हो रहे हैं। पुलिस ने वहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी कर दिए हैं। देश-विदेश से साईं के भक्तों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है।
साईं बाबा के भक्तों में देश के कई बड़े राजनेता , सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्टों के जज , सेना के अधिकारियों के अलावा व्यापार , खेल और फिल्म जगत की कई बड़ी हस्तियां शामिल हैं।
86 वर्षीय साईं बाबा को हृदय और सांस संबंधी तकलीफों के बाद 28 मार्च को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद से उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। हालत नाजुक होने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। लो ब्लड प्रेशर और लिवर बेकार होने से उनकी हालत और चिंताजनक हो गई थी। इसके बाद उनके शरीर के लगभग सभी अंगों पर दवाइयां बेअसर साबित हो रही थीं।
बाबा के निधन के बाद उनके जन्मस्थान पुट्टपर्थी की सभी दुकानों को बंद करवा दिया गया है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। लगभग 6 हजार सुरक्षाकर्मियों को पुट्टपर्थी में तैनात किया गया है। स्थिति बेकाबू होने के डर से शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है।
बाबा का जन्म सन् 1926 में पुट्टपर्थी में हुआ था। यह तब आंध्र प्रदेश के पिछड़े माने जाने वाले अनंतपुर जिले का एक छोड़ा सा कस्बा हुआ करता था। साईं बाबा का असली नाम सत्यनारायण राजू था। 14 साल की उम्र में खुद को भगवान का अवतार घोषित करने और अपने चमत्कारिक कारनामों से लोगों का उनमें विश्वास बढ़ता चला गया। लेकिन जब उन पर जब जादू के जरिए यह सब करने के आरोप लगे , तो उन्होंने चमत्कार दिखाने बंद कर दिए। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा ध्यान सामाजिक कार्यों पर फोकस कर दिया।
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