केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत ने 2जी स्पेक्ट्रम मामले में आरोपी द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) सांसद और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी। उनके साथ कलैग्नर टीवी के प्रमुख शरद कुमार की अर्जी भी खारिज कर दी गई। दोनों को जेल भेज दिया गया। जैसे ही कोर्ट ने कनिमोड़ी की अर्जी खारिज की, कोर्ट परिसर में मौजूद डीएमके कार्यकर्ता दहाड़ मारकर रोने लगे। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद कनिमोड़ी की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। इसके पहले शुक्रवार की सुबह सीबीआई जज ओ. पी. सैनी ने कहा था कि मैं फैसला सुना दूंगा, लेकिन इसमें कुछ समय लगेगा, उम्मीद है कि यह फैसला दोपहर 1 बजे के बाद सुनाया जाएगा। उसी वक्त यह माना जाने लगा था कि कनिमोड़ी की जमानत याचिका खारिज कर दी जाएगी। इसके पहले कनिमोड़ी की जमानत पर सुनवाई के बाद अदालत ने 7 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कनिमोड़ी के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की है, जिसके बाद उन्हें अदालत ने समन जारी किया था। कनिमोड़ी ने अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा था कि यदि हम यह मान भी लें कि राजा ने कलैग्नर टीवी के जरिए डायनेमिक्स समूह से 214 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त की थी तब भी मेरे खिलाफ अपराध सिद्ध नहीं होता, क्योंकि इस बारे में मैंने किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर नहीं किए। दूसरी ओर, सीबीआई ने अपने चार्जशीट में कहा है कि कनिमोड़ी राजा को दोबारा टेलिकॉम मिनिस्टर बनाने के लिए सक्रिय रूप से मध्यस्थ की भूमिका निभा रही थीं। गौरतलब है कि डीएमके प्रमुख एम. करुणानिधि की बेटी कनिमोड़ी और शरद कुमार का नाम सीबीआई द्वारा 25 अप्रैल को दायर किए गए चार्जशीट में शामिल किया गया था। सीबीआई ने यह चार्जशीट घोटाले से संबंधित 214 करोड़ रुपये के अवैध हस्तांतरण का पता लगने के बाद दायर किया था। इस मामले के मुख्य आरोपी और पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर ए. राजा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और तिहाड़ जेल में बंद हैं।
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