श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के तहखाने से बेशुमार बेशकीमती चीजें मिलने का सिलसिला जारी है। अब तक मिली वस्तुओं की कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। मंदिर के 6 में से 5 चैंबर खोले जा चुके हैं। छठा चैंबर अभी खुलना बाकी है। पहले खुल चुके एक चैंबर की सोमवार को फिर से तलाशी ली जाएगी। हालांकि इसके बाद यह बहस शुरू हो गई है कि इस शाही संपदा को सुरक्षित कैसे रखा जाए। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सात लोगों का पैनल मंदिर के खजाने की लिस्ट बना रहा है। इसमें हाई कोर्ट के दो पूर्व जज हैं। 27 जून से चल रही यह कवायद रविवार को एक दिन के लिए रोक दी गई। मंदिर के तहखाने में ' ए ' से लेकर ' एफ ' तक छह तिजोरियां हैं। इनमें से दो पिछले 150 साल से नहीं खुली थीं। फिलहाल तिजोरी ' बी ' को खोलने के बारे में जरूरी निर्देश लेने पैनल के एक मेंबर दिल्ली आए हैं। केरल के मुख्यमंत्री ने मंदिर को सुरक्षा देने के लिए रविवार शाम को हाई लेवल मीटिंग बुलाई है। मंदिर से बड़ी मात्रा में सोने के गहने , सोने - चांदी के सिक्के , जवाहरात जड़े मुकुट , मूर्तियां वगैरह मिली हैं। कुछ नेकलेस तो नौ फुट लंबे और दस किलो वजनी हैं। यह खजाना त्रावणकोर के शाही घराने ने मंदिर में संग्रहीत कर रखा था। यहां विजयनगर साम्राज्य और यूरोपीय देशों के सिक्के भी मिले हैं , जो शायद उपहार में मिले थे। आजादी के समय इलाके के बाकी मंदिर तो त्रावणकोर देवस्थानम बोर्ड को सौंप दिए गए लेकिन राजघराने ने भारत सरकार से समझौता करके पद्मनाभस्वामी मंदिर का नियंत्रण अपने हाथ में रखा। इतिहासकारों के बीच चर्चा है कि मंदिर से इतनी दौलत मिलने से पता चलता है कि इसकी देखभाल करने वाला शाही घराना कितना ईमानदार रहा है। कई उदाहरण हैं , जहां राजघरानों ने अपने नियंत्रण वाले मंदिरों की संपत्ति को ऐशोआराम में उड़ा दिया या उसे लुटेरों ने लूट लिया। कुछ इतिहासकारों और वीएचपी जैसे संगठनों ने इस विचार का विरोध किया है कि मंदिर की दौलत को सरकार को दे दिया जाए। इन लोगों को आशंका है कि इससे मंदिर में अव्यवस्था फैल जाएगी। इसकी जगह कुछ लोगों ने मंदिर में एक म्यूजियम खोलने की बात कही है जिसमें खजाने की चुनिंदा चीजें रखी जाएं। इस दौलत का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए करने की बात कहने वाले एक तर्कशास्त्री यू . कलानाथन के घर पर कुछ लोगों ने हमला बोल दिया। मलप्पुरम में स्थानीय नेता कलानाथन के घर पर शनिवार रात हमला हुआ। उनके घर की खिड़कियां और बाइक तोड़ दी गईं। हालांकि कोई घायल नहीं हुआ। कलानाथन ने एक चैनल पर बहस में कहा था कि मंदिर की संपत्ति का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए होना चाहिए।
Monday, July 4, 2011
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