कॉमनवेल्थ गेम्स प्रोजेक्टों में घपला मामले में तिहाड़ की जेल नंबर-4 में बंद सुरेश कलमाड़ी और नीतिश कटारा हत्याकांड के दोषी विशाल एवं विकास यादव को जेल में विशेष सुविधा दिए जाने के आरोपों पर विजिलेंस रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर जेल नंबर-4 के तीन अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। इनमें दो असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट और एक हेड वार्डर हैं। जांच में इस बात की भी पुष्टि हो गई है कि कलमाड़ी ने जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के साथ उनके रूम में चाय पी थी। तिहाड़ जेल के डीआईजी आर. एन. शर्मा ने बताया कि सस्पेंड किए गए अफसरों में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार और जितेंद्र पाल व हेड वार्डर सतबीर सिंह शामिल हैं। तीनों की तैनाती जेल नंबर-4 में है। शर्मा के मुताबिक, जेल प्रशासन की ओर से दिल्ली सरकार को जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा गया था, लेकिन दिल्ली सरकार के पास यह अधिकार नहीं है कि वह दानिक्स कैडर के अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई कर सके। इसलिए सरकार ने मामला गृह मंत्रालय के सुपुर्द कर दिया है। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के बाद ही पता लगेगा कि उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी। डीआईजी शर्मा ने बताया कि 30 जून को ट्रायल कोर्ट के एक जज द्वारा जेल नंबर-4 का दौरा करने पर पाया गया कि उस वक्त कलमाड़ी जेल सुपरिंटेंडेंट एस. सी. भारद्वाज के ऑफिस में बैठकर उनके साथ चाय पी रहे थे। साथ ही, विशाल और विकास यादव उस वक्त जेल से बाहर घूमते देखे गए थे, जबकि जेल बंद थी। विजिलेंस जांच में कलमाड़ी ने कबूला है कि उन्होंने जेल सुपरिंटेंडेंट के साथ चाय पी थी। मामले में असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट कृष्ण कुमार को इसलिए सस्पेंड किया गया है, क्योंकि जेल के कायदे-कानूनों का उल्लंघन करते हुए असमय वार्ड और सेल खोले गए थे। असिस्टेंट सुपरिंटेंडेंट जितेंद्र पाल के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई, क्योंकि उन्होंने विशाल और विकास यादव को जुल से बाहर घूमने की अनुमति दी थी। जबकि उस वक्त जेल के सभी वार्ड, बैरक और सेल बंद थे। हेड वार्डर सतबीर सिंह पर भी दोनों को जेल बंद होने के बावजूद बाहर घूमने की इजाजत देने का आरोप है। जज के दौरे के दौरान, विशाल यादव जेल बंद होने के बावजूद मंदिर के बाहर पाया गया था, जबकि विकास यादव भी बाहर घूम रहा था। हालांकि विकास यादव के बारे में कहा जा रहा है कि वह फोन करने बाहर आया था और दोपहर 12:10 बजे वापस अपने वार्ड में जा रहा था। उस दिन 27 कैदियों को अपने-अपने परिचितों से जेल के अंदर लगे फोन से बात करनी थी। इसमें एक नाम विकास यादव का भी था।
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