वीएचपी ने मंगलवार को कहा कि अगर बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने 1989 में रथयात्रा नहीं निकाली होती तो अब तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो चुका होता। वीएचपी ने कहा है कि आडवाणी ने राम मंदिर आंदोलन का काफी नुकसान पहुंचाया है। वीएचपी प्रमुख अशोक सिंघल ने हरिद्वार में कहा कि आडवाणी ने उस समय रथयात्रा निकाल कर एक गलत कदम उठाया था। यह रथयात्रा उन्होंने वोट बैंक की खातिर निकाली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने केंद्र की तत्कालीन वी.पी.सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने का रास्ता तैयार करने के मकसद से रथयात्रा निकाली थी। सिंघल ने कहा कि आडवाणी अगर उस समय रथयात्रा नहीं निकालते तो सभी राजनीतिक दलों को बातचीत के जरिए इस मुद्दे पर मनाया जा सकता था। ऐसी स्थिति में अभी तक राम मंदिर का निर्माण हो गया होता। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी द्वारा अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिमों से सहयोग लेने के सुझाव के बारे में उन्होंने कहा, 'बीजेपी का इस मुद्दे से कोई लेना-देना नहीं है। बीजेपी राम मंदिर के मुद्दे पर अपनी राजनीति नहीं करे। राम मंदिर आंदोलन साधु-संतों ने चलाया है और वही इस मामले में फैसला करेंगे।'
Tuesday, April 6, 2010
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment