Thursday, April 29, 2010

अगर हम कहें कि आईआईएम का स्टूडेंट अपनी करोड़ों की नौकरी छोड़कर सब्जी बेच रहा है तो

आईआईएम में दाखिला लेकर मोटी सैलरी वाली नौकरी पाने की हसरत हर किसी की होती है। लेकिन अगर हम कहें कि आईआईएम का स्टूडेंट अपनी करोड़ों की नौकरी छोड़कर सब्जी बेच रहा है तो ! यकीन नहीं होता, तो आइए आपको मिलाते हैं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमैंट, अहमदाबाद के छात्र कौशलेंद्र से। शहरी और ग्रामीण इलाकों के बीच बढ़ रही विकास की खाई को पाटने के लिए कौशलेंद्र ने मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़कर एक अनोखी पहल की है। वह बिहार के सब्जी उत्पादक किसानों को राजधानी पटना से सीधे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। कौशलेंद्र की इस पहल से जहां एक ओर सब्जी उगाने वाले किसान बिचौलियों से मुक्त होकर सीधे राजधानी के बाजारों से जुड़ेंगे। वहीं उन्हें अपनी सब्जियों की वाजिब कीमत भी मिल सकेगी। कौशलेंद्र ने कंकडबाग में ठेला लगाकर सब्जी बेचने का काम शुरू भी कर दिया है। पहली नजर में उनक यह ठेला आम लगता है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि यह पूरी तरह से एयर कंडीशन है। जिससे गर्मी के इस मौसम में भी अधिक समय तक सब्जियों में ताजगी बनी रहती है। कौशलेंद्र का कहना है कि किसानों की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। पूरे साल मेहनत करने के बावजूद उन्हें बड़ी मुश्किल से तीनों वक्त अनाज मिल पाता है। वह कहते हैं किसानों को उनकी पैदावार की उचित कीमत दिलाना समय की मांग है। किसानों को सीधे बाजार से जोड़े जाने की जरूरत है।

No comments: