राजधानी में आए दिन होने वाली वारदातों के बाद अक्सर यह सवाल उठता है कि आखिर देश की सबसे स्मार्ट कही जाने वाली पुलिस इन अपराधों पर अंकुश लगाने में इतनी लाचार क्यों नजर आती है। अक्सर देखने में आता है कि वारदातों के सिलसिले में गिरफ्तार कई बदमाश या तो एनसीआर से ताल्लुक रखते हैं या उन्हें वहीं से पकड़ा जाता है। दिल्ली में अपराध करने वाले बदमाशों के लिए एनसीआर शरणस्थली का काम करता है। ऐसे बदमाशों को पकड़ने में कानूनी, राजनीतिक और कई दूसरी जटिलताएं अक्सर दोनों राज्यों की पुलिस के आड़े आ जाती हैं और अपराधी इसी का भरपूर फायदा उठाते हैं। बात चाहे पिछले साल लूटपाट और हत्या की ताबड़तोड़ वारदातें करके दिल्ली को दहला देने वाले ओमप्रकाश उर्फ बंटी की हो, बैंक लूट की कई वारदातों को अंजाम देने वाले सत्यप्रकाश उर्फ सत्ते की हो या दिल्ली एनसीआर के कुख्यात रावण की। इन सभी ने दिल्ली में वारदात करने बाद एनसीआर को और एनसीआर में वारदातें करने के बाद दिल्ली में शेल्टर लिया था। कई बदमाश तो दिल्ली के सीमावर्ती इलाकों में ही वारदातें करते हैं, क्योंकि उसके बाद वे फौरन यूपी या हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं। दिल्ली पुलिस लगातार पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ कोऑर्डिनेशन बढ़ाने की बात कहती है और इसके लिए लगातार मीटिंग भी होती रहती हैं, लेकिन ग्राउंड लेवल पर इसका असर कम ही देखने को मिलता है। दिल्ली पुलिस के एक अनुभवी इंस्पेक्टर की मानें, तो दिल्ली में होने वाले क्राइम में चार कैटिगरी के बदमाशों की इनवॉल्वमेंट रहती है। पहली उन बदमाशों की है, जो मूलत: दिल्ली के हैं, दिल्ली में ही रहते हैं और दिल्ली-एनसीआर में वारदातें करते हैं। दूसरी उनकी जो बिहार, यूपी, उड़ीसा, झारखंड या किसी दूसरे राज्य से आकर दिल्ली की री-सेटलमेंट कॉलोनियों में बस गए और फिर यहां क्राइम करने लगे। तीसरी कैटिगरी बांग्लादेशियों, अफगानियों, नाइजीरियाइयों जैसे उन विदेशियों की है, जो या तो दिल्ली में ही रह रहे हैं या फिर क्राइम करने के मकसद से ही दिल्ली आते हैं। चौथी कैटिगरी उन बदमाशों की है, जिनका दिल्ली के क्राइम ग्राफ को बढ़ाने में सबसे ज्यादा रोल रहता है। इसमें शामिल हैं गाजियाबाद, लोनी, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव, बहादुरगढ़, मथुरा, बुलंद शहर, मेरठ, बागपत, अलीगढ़, सोनीपत, पलवल व मेवात के बदमाश, जो दिल्ली आते हैं, वारदात करते हैं और चले जाते हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो दिल्ली में होने वाले कुल अपराध में 60 प्रतिशत रोल इन्हीं बदमाशों का होता है। ये बदमाश किराये के वाहन लेकर दिल्ली आते हैं और यहां वाहन चोरी, सेंधमारी, स्नैचिंग और लूटपाट से लेकर अपहरण और हत्या तक की वारदातों को अंजाम देकर चले जाते हैं। दरअसल, ये बदमाश अपने क्षेत्र की पुलिस द्वारा आइडेंटिफाइड होते हैं और इसीलिए वारदातें करने के लिए दिल्ली आते हैं, क्योंकि दिल्ली पुलिस के पास न तो इनका कोई क्राइम रेकॉर्ड होता है और न इनके चेहरे दिल्ली पुलिस के लिए जाने पहचाने होते हैं। इसी वजह से दिल्ली पुलिस इन पर सर्विलांस भी नहीं रख पाती। ये बदमाश इसी का फायदा उठाकर दिल्ली में फ्री मूवमेंट करते हैं और दिल्ली पुलिस की सिरदर्दी बढ़ाकर चले जाते हैं।
Sunday, December 27, 2009
इस हफ्ते रिलीज हुई 3 इडियट्स इन्हीं बातों को असरदार ढंग से उठाती हुई फिल्म है
अपने बच्चे को अपने उन अधूरे सपने को साकार करने का जरिया न बनाएं , जो आप नहीं कर पाए। हर साल देश में लगभग चार लाख युवक आत्महत्या करते है , जिनमें ज्यादा तादाद ऐसे युवकों की होती है जो बनना तो कुछ और चाहते है लेकिन घरवालों के सपनों को पूरा करने में उनके सपने चूर हो जाते हैं। इस हफ्ते रिलीज हुई 3 इडियट्स इन्हीं बातों को असरदार ढंग से उठाती हुई फिल्म है , जिस पर पूरी दुनिया को सोचने की जरूरत है। राज कुमार हिरानी की यह फिल्म पैरंट्स को यही समझाने की कोशिश है कि बच्चों की कामयाबी उनके काबिल बनने से है , चाहे उनकी चाह किसी भी फील्ड में हो। पिछले साल इसी महीने रिलीज हुई आमिर खान की गजनी ने बॉक्स ऑफिस पर ऐसा कमाल किया कि पहले हफ्ते ही फिल्म पर नोटों की जबर्दस्त बारिश हो गई। मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर सबसे ज्यादा कमाई की। इस साल के आखिर में भी आमिर ने बॉक्स ऑफिस पर दस्तक दी और थिएटरों पर अपना कब्जा कर लिया। पूरे साल नंबर वन की रेस में शामिल रही सैफ अली खान की लव आजकल और सलमान खान की वॉटेंड भी 3 इडियट्स से पिछड़ती हुईं लग रही हैं। कहानी : रैंचो यानी रणछोड़दास श्यामलदास चांवड़ ( आमिर खान ) शहर के नंबर 1 इंजीनियरिंग कॉलेज में एंट्री करता है तो हर वक्त नंबर 1 की रेस और शानदार करियर के पीछे भागते स्टूडेंट्स को लगता है कि उन्हें यह साथी खुली हवा में उड़ने का मौका देने पहुंचा है। दरअसल , कॉलेज के सख्त मिजाज प्रिसिंपल वीरु सहस्त्रबुद्धि ( बोमन ईरानी ) का मानना है कि किसी भी सूरत में स्टूडेंट को नंबर 1 की धुन में डूबे रहना जरूरी है। करियर की इस गलाकाट रेस में किसी का रुकना उन्हें पसंद नहीं। ऐसे में कॉलेज के थके और दर्द में डूबे स्टूडेंट्स को रैंचो मिलता है , जो उनके दर्द का इलाज बनना चाहता है। कॉलेज में आकर रैंचों को लगता है ज्यादातर स्टूडेंट्स तो यहां मजबूरन मां - बाप की जिद और उनके अधूरे सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपनों का गला घोंट रहे हैं। रैंचो के रूम पार्टनर फरहान कुरैशी ( आर . माधवन ) और राजू रस्तोगी ( शरमन जोशी ) का भी यही हाल है। राजू इस कॉलेज में इसलिए पहुंचा है क्योंकि लकवे के शिकार उसके पिता और जिंदगीभर परिवार का पेट पालने वाली मां का सपना है कि वह इंजीनियर बने। वहीं , फरहान के अब्बा ( परीक्षित साहनी ) ने तो उसके पैदा होने पर ही उसके इंजीनियर बनने का सपना देखना शुरू कर दिया था। उन्हें इस बात से कुछ लेना - देना नहीं कि फरहान वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर बनना चाहता है। स्क्रिप्ट : मूवी की स्क्रिप्ट और दिल को छूते डायलॉग 3 इडियट्स की जान है। कई संवाद ऐसे हैं , जो हमारी व्यवस्था पर सटीक कमेंट कसते है। वहीं , कई डायलॉग स्टूडेंट्स के लिए मेसेज हैं और पैरंट्स के लिए एक सही सोच। बेशक अभिजीत जोशी और हिरानी की स्क्रिप्ट फिल्म का बेहद मजबूत पक्ष है। एक्टिंग : इस पूरी फिल्म में आमिर छाए हुए हैं। अपने असरदार अभिनय से दर्शकों को आखिर तक बांधने में वह पूरी तरह कामयाब रहे हैं। वहीं , शरमन और माधवन का जवाब नहीं । प्रिंसिपल वीरु के रोल में बोमन ईरानी कमाल कर गए हैं। करीना के हिस्से में कुछ खास नहीं आया , लेकिन अपने सिंपल लुक में वह भी खूब जमी हैं। म्यूजिक : फिल्म का म्यूजिक कहानी की डिमांड के मुताबिक है। जुबी डुबी और ऑल इज वेल गाने रिलीज से पहले ही पॉपुलर हो चुके हैं। आमिर और करीना पर फिल्माए जुबी डुबी गाने का फिल्माकंन गजब है। डायरेक्शन : राज कुमार हिरानी ने इस मूवी में भी अपने डायरेक्शन का जलवा दिखा दिया। उन्होंने साबित कर दिया कि उनके पिटारे से हर बार कुछ अलग और नया निकलता है। कहानी पर हिरानी की शुरू से आखिर तक पकड़ है। आमिर के रहते शरमन , माधवन , बोमन से हिरानी ने बेहतरीन काम लिया और हर एक की मौजूदगी को फिल्म का अहम हिस्सा बनाया। एक पल भी कहानी की गति को उन्होंने सुस्त नहीं पड़ने दिया। क्यों देखें : अगर आप बेहतरीन फिल्मों के इंतजार में रहते हैं , तो फौरन थियेटर पर पहुंच जाएं।
Sunday, December 20, 2009
मिलने वाली सुविधाओं या लाभ (पर्क्स)पर भी कर का बोझ पड़ सकता है।
सरकार अब कर्मचारियों को मिलने वाले लाभों (पर्क्स)मसलन हाउस रेंट और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर भी इसी वित्त वर्ष से टैक्स लगाने पर विचार कर रही है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि वेतनभोगी वर्ग को अब उन्हें मिलने वाली सुविधाओं या लाभ (पर्क्स)पर भी कर का बोझ पड़ सकता है। सूत्रों ने बताया कि पर्क्स पर यह टैक्स इसी साल एक अप्रैल से लगाया जा सकता है। समझा जाता है कि सरकार जल्द ही हाउस रेंट अलाउंस और ट्रांसपोर्ट अलाउंस पर टैक्स के आकलन के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है।
गौरतलब है कि बजट 2009-10 में फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को खत्म कर दिया गया था। एफबीटी के खत्म होने के बाद अब सरकार की निगाह वेतनभोगी वर्ग को मिलने वाले पर्क्स पर टैक्स लगाने की है। एफबीटी में टैक्स का बोझ एंप्लॉयर (नियोक्ता) पर पड़ता था, लेकिन इस टैक्स का बोझ एंप्लॉयीज़ को उठाना पड़ेगा।
गौरतलब है कि बजट 2009-10 में फ्रिंज बेनिफिट टैक्स को खत्म कर दिया गया था। एफबीटी के खत्म होने के बाद अब सरकार की निगाह वेतनभोगी वर्ग को मिलने वाले पर्क्स पर टैक्स लगाने की है। एफबीटी में टैक्स का बोझ एंप्लॉयर (नियोक्ता) पर पड़ता था, लेकिन इस टैक्स का बोझ एंप्लॉयीज़ को उठाना पड़ेगा।
Wednesday, December 16, 2009
लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई।
जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के विरोध में लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के प्रश्नकाल में बाधा पहुंचाने के कारण लोकसभा की कार्यवाही बुधवार को स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही एसपी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में सांसद स्पीकर मीरा कुमार के आसन के सामने एकत्र होकर नारेबाजी करने लगे। वे 'महंगाई पर रोक लगाओ' और 'यह सरकार बदलनी है' के नारे लगा रहे थे। स्पीकर ने उनसे सदन की मर्यादा बनाए रखने को कहा। उन्होंने कहा कि बढ़ती कीमतों पर 26 नवंबर को चर्चा हो चुकी है। इसके बावजूद सांसदों ने हंगामा जारी रखा। जिस समय लेफ्ट पार्टियों और एसपी के सांसद बढ़ती महंगाई के विरोध में नारेबाजी कर रहे थे, उसी समय टीडीपी के सदस्य भी अध्यक्ष के आसन के सामने एकत्र हो गए। उन्होंने हाथों में 'संयुक्त आंध्र प्रदेश' की तख्तियां उठा रखी थीं। जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग करते हुए लेफ्ट पार्टियों और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने बुधवार को संसद भवन में धरना भी दिया। संसद के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन करने वालों में एसपी नेता मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह, सीपीएम की नेता वृंदा करात और सीपीआई के गुरदास दासगुप्ता शामिल थे। नेताओं ने कहा कि वे संसद के भीतर और बाहर विरोध जारी रखेंगे। मुलायम ने कहा, 'हम यह मुद्दा सड़कों तक ले जाएंगे। हम सरकार को उसकी नीति बदलने के लिए विवश कर देंगे, नहीं तो इस जनविरोधी सरकार को बदल डालेंगे।' प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का दायरा बढ़ाने और जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर नियंत्रण की मांग की। नेताओं ने कहा कि वे चाहते हैं कि जरूरी वस्तुओं को पीडीएस के दायरे में रियायती दामों पर उपलब्ध कराया जाए।
Sunday, December 13, 2009
युवक ने लड़की के सामने खुद को एम्स का न्यूरो सर्जन बताया था।
विदेशी एयरलाइंस की क्रू मेंबर ने प्रेम में ठोकर खाकर प्रेमी की असलियत जानने के लिए प्राइवेट जासूसों की मदद ली। युवक ने लड़की के सामने खुद को एम्स का न्यूरो सर्जन बताया था। जासूसों ने जांच की तो पता चला कि वह शादीशुदा व्यक्ति एक प्राइवेट कंपनी में मामूली नौकरी कर रहा है। लड़की अब पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। यह मामला इंटरनेट से उपजे प्रेम का है। एक महीने में बात पहली मुलाकात से पुलिस शिकायत तक जा पहुंची। पश्चिम विहार में रहने वाली 25 साल की लड़की की जानपहचान एक महीना पहले याहू चैटिंग पर एक युवक से हुई। लड़के ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताया। उसने खुद को एम्स के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो सर्जन बताया। लड़की ने एनबीटी को बताया कि बात इंटरनेट से बढ़ते-बढ़ते गहन मुलाकातों में तब्दील हो गई। उसने इसके सबूत में कई अंतरंग फोटो भी दिखाए। कुछ दिन पहले लड़की ने युवक को बताया कि ममी ने उसे चाय पर बुलाया है। उस दिन के बाद वह कन्नी काटने लगा। हालत यह हो गई कि लड़की फोन कॉल करती और वह फोन पिकअप तक नहीं करता। लड़की ने प्राइवेट जासूसों की मदद लेने का फैसला किया। उसने 'सर्टिफाइड प्राइवेट डिटेक्टिव्ज असोसिएशन' के प्रेजिडेंट संजीव देसवाल की कंपनी को हायर किया। लड़की ने फोटोग्राफ और याहू चैट का रेकॉर्ड भी दिया, जिसमें युवक ने अपना नाम डॉ. अंकुर पुरी बताते हुए खुद को न्यूरो सर्जन बताया था। उसने अपना घर न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में बताते हुए अपने पिता को सेना से रिटायर्ड कर्नल भी बताया था। जासूस युवक के फोन नंबर को ट्रेस करते हुए उसके घर जाकिर नगर तक जा पहुंचे। पता चला कि वह युवक कोई न्यूरो सर्जन नहीं, बल्कि संत नगर की एक प्राइवेट कंपनी मामूली नौकरी करता है। यह भी पता चला कि वह शादीशुदा है। जासूसों ने रिपोर्ट लड़की के हवाले कर दी। उस युवक का नाम अंकुर पुरी नहीं, बल्कि सलीम अहमद (बदला नाम) है। धोखाधड़ी के सबूत मिलने पर लड़की पुलिस में कंप्लेंट कर रही है। उसके मुताबिक अपने साथ हुए फरेब के लिए वह युवक को सजा दिलवा कर रहेगी।
ज्योतिषी का दिल बिजनेसमैन की बेटी पर आ गया।
एक बिजनेसमैन परिवार के साथ अपना भाग्य जानने के लिए एक ज्योतिषी के पास जाया करते थे। पांच संतानों का पिता होने के बावजूद ज्योतिषी का दिल बिजनेसमैन की बेटी पर आ गया। बिजनेसमैन ने पीछा छुड़ाने के लिए ज्योतिषी को ढाई लाख रुपये भी दे दिए। लड़की की शादी कर दी गई। ससुराल में भी लड़की का पीछा करने पर तंग आकर उसके पिता ने पुलिस कंप्लेंट कर दी। ज्योतिषी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। पश्चिमी दिल्ली में एक व्यापारी रहते हैं। ज्योतिषी हरगोविंद शर्मा (40) रोहिणी सेक्टर 7 के नजदीक नाहरपुर गांव का रहने वाला है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शर्मा के परिवार में पत्नी के अलावा पांच बच्चे हैं। व्यापारी भाग्य संबंधी किसी समस्या को लेकर परेशान थे। वे परिवार समेत शर्मा के पास जाने लगे। शर्मा उनकी बेटी के प्रेम में पड़ गया। जन्मपत्री का चक्कर छोड़कर व्यापारी ने बेटी का पीछा छोड़ने के एवज में ढाई लाख रुपये दिए और बेटी की शादी कर दी। उन्हें उम्मीद थी कि शर्मा अब उनकी बेटी का पीछा छोड़ देगा। लड़की के पिता की उम्मीद गलत साबित हुई। शर्मा ने फर्जी आईडी प्रूफ पर सेल फोन के कनेक्शन लेकर उसकी ससुराल में फोन करना शुरू कर दिया। धमकी देकर रकम की मांग करने के लिए उसने इन नंबरों का इस्तेमाल किया। वह लड़की के ससुराल वालों से 10 लाख रुपये की डिमांड करने लगा। लड़की के पिता ने स्पेशल सेल में कंप्लेंट कर दी। पुलिस कार्रवाई का शक होने पर शर्मा ने एक सेलफोन तोड़कर यमुना में फेंक दिया। डीसीपी (स्पेशल सेल) आलोक कुमार के मुताबिक, एसीपी एल. एन. राव की टीम ने हरगोविंद शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है। धमकी देने के काम में आए तीन सेलफोन और दो एटीएम कार्ड जब्त कर लिए गए। एटीएम कार्ड उन बैंक खातों के हैं, जिनमें लड़की के पिता से मिले ढाई लाख रुपये जमा किए गए थे। बैंक खाते सीज कर दिए गए हैं। इनमें जमा रकम को केस प्रॉपर्टी बनाया गया है।
Tuesday, December 8, 2009
बाबरी मस्जिद बीजेपी और संघ परिवार ने गिराई थी।
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि बाबरी मस्जिद बीजेपी और संघ परिवार ने षड्यंत्र करके गिराई थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव को क्लीन चिट देते हुए कहा कि यूपी की बीजेपी सरकार ने केंद्र और सुप्रीम कोर्ट से जो वादा किया था, उसे नहीं निभाया। लोकसभा में लिबरहान आयोग की रिपोर्ट पर चर्चा का जवाब देते हुए चिदंबरम ने बीजेपी और संघ को कटघरे में खड़ा किया। उनके पौन घंटे के भाषण के दौरान बीजेपी के सदस्य लगातार अध्यक्ष के आसन के सामने खड़े होकर नारे लगाते रहे। दो बार चिदंबरम की तरफ कागज के गोले भी उछाले गए। इससे उत्तेजित होकर कांग्रेस के सदस्य भी वेल की तरफ बढ़े मगर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें रोक लिया। सदन में हंगामा कांग्रेस के बेनी प्रसाद वर्मा के भाषण के दौरान हुआ। वर्मा लिबरहान की रिपोर्ट में अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के लिए लिखे 'लिटिल मेन' का पहले हिंदी और फिर भोजपुरी में अर्थ बताने लगे। विपक्ष ने इसे अपमानजनक करार देते हुए इसका भारी विरोध किया। लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने भोजपुरी अर्थ को कार्यवाही से निकाल दिया। चिदंबरम ने इसके लिए माफी मांगी। मगर वर्मा ने केवल खेद प्रकट किया। इससे विपक्ष और तैश में आ गया। मुलायम ने जब वर्मा को समझाने की कोशिश की तो वर्मा ने यह कहकर मुलायम पर हमला बोल दिया कि आपने हमें कई सालों तक बेवकूफ बनाया है। वर्मा के बयान के बाद दो बार सदन स्थगित करना पड़ा। चिदंबरम ने अपने जवाब में कोई नई बात नहीं की। ज्यादा समय उन्होंने लिब्राहन कमिटी की रिपोर्ट पढ़ने में लगाया। लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी सहित संघ परिवार के कई नेताओं को उन्होंने साजिश करके मस्जिद गिराने का जिम्मेदार तो बताया मगर सरकार क्या कार्रवाई करेगी इस बारे में कुछ नहीं कहा। चिदंबरम ने कहा कि साजिश के सबूत हैं, लेकिन अफसोस की बात है कि बीजेपी नेताओं में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे सच को स्वीकारें। अयोध्या के महंत रामदास ने स्वीकार किया है कि हां हमने विध्वंस किया। लेकिन इन लोगों में न माफी मांगने का साहस है और न ही सच स्वीकार करने का। चिदंबरम ने कहा कि जनता ने अपनी सजा सुना दी । 2004 के चुनाव के बाद 2009 में भी जनता ने देश और समाज को बांटने वालों को खारिज कर दिया। चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी ने जघन्य अपराध किया है। इसकी सजा पूरे देश को भुगतनी पड़ी। चिदंबरम ने कहा कि आरएसएस और बीजेपी अलग -अलग नहीं हैं। आरएसएस का बीजेपी पर पूरा नियंत्रण है। उस काले दिन के लिए आरएसएस पूरी तरह जिम्मेदार है। बीजेपी की सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और लिबरहान के बीच कोई डील हुई है। सरकार जस्टिस लिबरहान को इस रिपोर्ट के बदल कोई बड़ा पद देने वाली है। उन्होंने कहा कि लिबरहान ने यह रिपोर्ट खुद लिखी तो है ही नहीं , बल्कि पढ़ी भी नहीं है। शिवसेना के अनंत गीते ने कहा कि किसी में ढांचा गिराने की जिम्मेदारी लेने का साहस नहीं था। मगर हमारे नेता बाल ठाकरे ने इसकी जिम्मेदारी ली। गीते के भाषण के दौरान भारी हंगामा हुआ।
Monday, December 7, 2009
खून की एक धार निकली जो हवा में उछलकर पास ही में पड़े एक और व्यक्ति के मुंह पर पड़ी
वहां आवाजें नहीं थीं…चीखें थीं...आहें थीं...कराहटें थीं। कोई गिरा तो उसके ऊपर से भागते हुए 30-40 लोग निकल गए...किसी के जूते की नोक उसकी आंख में घुसी और वहां से खून की एक धार निकली जो हवा में उछलकर पास ही में पड़े एक और व्यक्ति के मुंह पर पड़ी...इसका सिर लगभग दो टुकड़े हो चुका था...शरीर से खून खत्म हो चुका था...लेकिन वह दर्द से नहीं प्यास से मर रहा था...मुंह पर पड़े खून को उसने पानी समझकर पीया और फौरन मर गया...सोच ही नहीं पाया कि पानी का स्वाद खून जैसा क्यों है...वहीं पास में एक और व्यक्ति हाथ में अपनी टांग लिए घिसट रहा था...घिसटते-घिसटते वह सुरक्षित जगह की तलाश में एक छोटे से टीले पर पहुंचा...उसने अपने चारों ओर देखा...दूर-दूर तक उसे अपने जैसे ही लोग मिले...आधे-अधूरे, कटे-फटे...कहीं सिर पड़े थे, ताजा खून की गर्मी से थरथराते हुए...कहीं हाथ, पांव, बाजू...कुछ लोग जो पूरे नजर आ रहे थे, उनकी आंतें बाहर निकल आई थीं और वे किसी और के पांव में उलझकर धागे की तरह दूर तक फैल गई थीं...वहां आवाजें नहीं थीं...चीखें थीं...आहें थीं...कराहटें थीं...
किसी फिल्म का सीन सरीखा लगता है...मैं सोच रहा था कि इस सीन को कई फिल्मों में डाला जा सकता है। कपड़े और थोड़े बहुत बदलाव के साथ इसका इस्तेमाल कई फिल्मों में किया जा सकता है...इन सभी फिल्मों का नाम शहरों के नाम पर होगा...कुरुक्षेत्र, रोम, जेरूसलम, मक्का-मदीना, अमृतसर...अयोध्या।
अजीब बात है ना...ये सभी शहर किसी न किसी धर्म से जुड़े हैं। किसी न किसी की आस्था का प्रतीक हैं। इन सभी शहरों में लोग श्रद्धा से सिर झुकाते हैं...लेकिन सबका अतीत खून-खराबे से भरा पड़ा है...कुछ के प्राचीन इतिहास में इन्सान का खून बहा, तो कुछ के पन्ने मॉडर्न हिस्ट्री में लाल हुए। धर्म और खून में क्या रिश्ता हो सकता है...धर्म तो इन्सान को जोड़ने के लिए है...उसकी सारी शक्ति को जमाकर एक परमशक्ति की ओर ले जाने के लिए है...क्या परमशक्ति की ओर जाने का रास्ता मारकाट से होकर गुजरता है?
अच्छा, यूं सोचिए कि मारकाट न भी हुई हो, तो भी अमरनाथ की कुछ साल पहले की वह यात्रा आपको याद होगी, जब सैकड़ों लोग मारे गए थे। मानसरोवर यात्रा से हर साल कितने ही लोग वापस नहीं लौट पाते। मंदिरों में हर साल भगदड़ की वजह से सैकड़ों जानें जाती हैं। सीरिया और जॉर्डन में मुस्लिम धार्मिक जगहों का यही हाल है। ईसाइयों को पवित्र स्थलों में कुछ सौ साल पहले तक चर्च के नाम पर कत्लेआम हो चुका है। पाकिस्तान की लाल मस्जिद का खून खराब तो आपको याद ही होगा।
मैंने तो कुछ ही मिसालें दी हैं। आप धर्म से जुड़ी दुनिया की जगहों को उठाकर देखिए...वहां कितना रक्तपात हुआ...लोग मारे गए...बच्चे, बूढ़े, औरतें कत्ल कर दिए गए...इन शहरों को याद करने के बाद सोचिए...क्या धर्म के बिना दुनिया बेहतर नहीं होती?
किसी फिल्म का सीन सरीखा लगता है...मैं सोच रहा था कि इस सीन को कई फिल्मों में डाला जा सकता है। कपड़े और थोड़े बहुत बदलाव के साथ इसका इस्तेमाल कई फिल्मों में किया जा सकता है...इन सभी फिल्मों का नाम शहरों के नाम पर होगा...कुरुक्षेत्र, रोम, जेरूसलम, मक्का-मदीना, अमृतसर...अयोध्या।
अजीब बात है ना...ये सभी शहर किसी न किसी धर्म से जुड़े हैं। किसी न किसी की आस्था का प्रतीक हैं। इन सभी शहरों में लोग श्रद्धा से सिर झुकाते हैं...लेकिन सबका अतीत खून-खराबे से भरा पड़ा है...कुछ के प्राचीन इतिहास में इन्सान का खून बहा, तो कुछ के पन्ने मॉडर्न हिस्ट्री में लाल हुए। धर्म और खून में क्या रिश्ता हो सकता है...धर्म तो इन्सान को जोड़ने के लिए है...उसकी सारी शक्ति को जमाकर एक परमशक्ति की ओर ले जाने के लिए है...क्या परमशक्ति की ओर जाने का रास्ता मारकाट से होकर गुजरता है?
अच्छा, यूं सोचिए कि मारकाट न भी हुई हो, तो भी अमरनाथ की कुछ साल पहले की वह यात्रा आपको याद होगी, जब सैकड़ों लोग मारे गए थे। मानसरोवर यात्रा से हर साल कितने ही लोग वापस नहीं लौट पाते। मंदिरों में हर साल भगदड़ की वजह से सैकड़ों जानें जाती हैं। सीरिया और जॉर्डन में मुस्लिम धार्मिक जगहों का यही हाल है। ईसाइयों को पवित्र स्थलों में कुछ सौ साल पहले तक चर्च के नाम पर कत्लेआम हो चुका है। पाकिस्तान की लाल मस्जिद का खून खराब तो आपको याद ही होगा।
मैंने तो कुछ ही मिसालें दी हैं। आप धर्म से जुड़ी दुनिया की जगहों को उठाकर देखिए...वहां कितना रक्तपात हुआ...लोग मारे गए...बच्चे, बूढ़े, औरतें कत्ल कर दिए गए...इन शहरों को याद करने के बाद सोचिए...क्या धर्म के बिना दुनिया बेहतर नहीं होती?
Friday, December 4, 2009
प्लेबॉय गर्ल जोएना क्रूपा इन दिनों आलोचकों के निशाने पर
वैसे भारत में पैदा हुईं मशूहर पद्मा लक्ष्मी छह महीने की गर्भवती हैं पर उनकी खूबसूरत जुर्रत का एक नया कारनामा सुनिए। पेज सिक्स मैगजीन के लिए उन्होंने न्यूड फोटोशूट किया है। कभी सलमान रुश्दी की पत्नी रहीं पद्मा ने यह फोटो शूट कुछ इस अंदाज में किया है कि उनके पैरो से उनके शरीर का कुछ हिस्सा ढका हुआ है। पद्मा लक्ष्मी कहती हैं, 'मुझे खुद को नग्न पाना अच्छा लगता है। जब आकपड़े पहन लेते हैं तो आप अपना एक कैरेक्टर गढ़ लेते हैं। आपके कपड़े आपके बारे में कोई न कोई संकेत जरूर करते हैं। और, जब आपने कपड़े नहीं पहने होते, तब आप केवल आप होते हैं। एकदम खालिस आप। जिसे आप छुपा नहीं सकते।' हॉलिवुड रिचर्ड गेरे पर 50 हजार डॉलर जुर्माना रिचर्ड गेरे पर भारी जुर्माना लग सकता है। अपनी प्रॉपर्टी में लगे पेड़ों को काटने की एवज में उन्हें 50 हजार डॉलर का जुर्माना भरना पड़ सकता है। सूत्रों का कहना है कि यह जुर्माना उन्हें इसलिए देना पड़ सकता है क्योंकि पेड़ काटने से पहले उन्होने संबंधित विभाग से परमिशन नहीं ली। रिचर्ड गेरे ने 200 पेड़ कटवा दिए हैं। रिचर्ड की यह प्रॉपर्टी न्यू यॉर्क में हैं। अपनी शादी करने के लिए एक कपल ने अजीब काम किया। दरअसल शादी रचाने को तैयार बैठे इस कपल के पास अपने मन मुताबिक तरीके से सेरमनी करने के लिए पैसे नहीं थे। लीजा ब्रैंड और टॉमी बार्न्स ने पैसा कमाने के लिए पॉर्न फिल्मों में काम किया। इन दोनों ने तीन पोर्न फिल्मों के जरिए 1300 पाउंड कमाए। लगता है अब यह कपल अपनी पसंद की बीच पर शादी रचा सकेगा।
ऐक्ट्रिस जोएना क्रूपा का कारनामा प्लेबॉय गर्ल जोएना क्रूपा इन दिनों आलोचकों के निशाने पर हैं। उन पर ईसाई धर्म के प्रतीक क्रॉस के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल क्रूपा ने पेटा के एक विज्ञापन के लिए नग्न फोटोशूट किया है जिसमें उन्होंने केवल धार्मिक चिन्ह क्रॉस पहना हुआ है। साथ में उनकी पीठ पर पंख भी लगे दिखाए गए हैं। उनके शरीर के प्राइवेट पार्ट्स को इसी क्रॉस से ढका गया है।
ऐक्ट्रिस जोएना क्रूपा का कारनामा प्लेबॉय गर्ल जोएना क्रूपा इन दिनों आलोचकों के निशाने पर हैं। उन पर ईसाई धर्म के प्रतीक क्रॉस के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया जा रहा है। दरअसल क्रूपा ने पेटा के एक विज्ञापन के लिए नग्न फोटोशूट किया है जिसमें उन्होंने केवल धार्मिक चिन्ह क्रॉस पहना हुआ है। साथ में उनकी पीठ पर पंख भी लगे दिखाए गए हैं। उनके शरीर के प्राइवेट पार्ट्स को इसी क्रॉस से ढका गया है।
Wednesday, December 2, 2009
एमटीएनएल अब सबसे सस्ते में सेवा प्रदान करेगा
मोबाइल के बाजार में अब सेकंड के हिसाब से मुकाबला हो रहा है। एमटीएनएल ने भी इस जंग में कूदते हुए 3जी उपभोक्ताओं के साथ-साथ प्रीपेड (ट्रम्प) और पोस्ट पेड डॉल्फिन उपभोक्ताओं के लिए स्कीम लॉन्च किया है। एमटीएनएल दिल्ली के तहत प्रीपेड (ट्रम्प) के वर्तमान उपभोक्ता जो प्रति सेकंड प्लान में जाना चाहते हैं, उन्हें अपने कनेक्शन को 45 रुपये के प्लान वाउचर से रिचार्ज करवाना होगा। इसकी वैधता एक साल की होगी। ग्राहक को 15 रुपये का टॉक टाइम भी मिलेगा। नया प्रीपेड प्लान लेने वाला उपभोक्ता 100 रुपये मूल्य की एक सिकिट तथा 49 रुपये का पहला रिचार्ज कूपन खरीदकर इस टैरिफ प्लान को ले सकते हैं। इस प्रकर 149 रुपये में एक नया उपभोक्ता प्रति सेकंड प्लान ले सकता है। इस कूपन में 12 रुपये का टॉकटाइम होगा और यह जीवन भर के लिए वैध होगा। एमटीएनएल ने पोस्ट पेड (डॉल्फिन) उपभोक्ताओं के लिए भी प्रति सेकंड प्लान शुरू किया है। इसके लिए 149 रुपये का फिक्सड मासिक शुल्क भुगतान करने होंगे। नए ग्राहक को एक बार लगने वाला 500 रुपये का एक्टिवेशन देना होगा। डॉल्फिन उपभोक्ता पे पर सेकंड प्लान में जाने के लिए नजदीक के संचार हाट अथवा कॉल सेंटर 1503 के माध्यम से अपना आवेदन देकर अपना प्लान पे पर सेकंड प्लान में बदलवा सकते हैं। एमटीएनएल के चेयरमैन आर.एस.पी. सिन्हा ने बताया कि नए प्लान अत्यंत किफायती हैं। सिन्हा के मुताबिक अब तक 1.65 लाख लोग 3 जी सेवा ले चुके हैं और आगामी 31 मार्च तक इसकी संख्या 5 से 6 लाख हो जाएंगी। नई दरें दो दिसंबर से लागू हो जाएंगी।
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