वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान
परिषद (सीएसआईआर) ने टाइप 2 डायबिटीज
के लिए वैज्ञानिक
पुष्टि के साथ आयुर्वेदिक दवा (बीजीआर-34)
लॉन्च की है। यह दवा ब्लड ग्लूकोस रेग्यूलेटर-34 सीएसआईआर की दो
अनुसंधान इकाइयों नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) और द सेंट्रल इंस्टीट्यूट
फोर मेडिसिनल
एंड एरोमेटिक प्लांट्स ने विकसित की है।
यह दवा छह जड़ी
बूटियों के अर्क से बनी है जिसमें दारूहरिद्रा,
गिलोय,
विजयासर,
गुडमार,
मजीठ,
मेथिका शामिल हैं।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के वरिष्ठ प्रधान
वैज्ञानिक डॉ. एके एस रावत ने कहा कि भारत 6 करोड़
मधुमेह रोगियों का घर है। वे कहते हैं 'बीजीआर-34 ब्लड शुगर को
नियंत्रित कर
और अन्य दवाओं के हानिकारक प्रभाव को सीमित करते हुए काम करता है।'
सीएसआईआर-एनबीआरआई के प्रमुख वैज्ञानिक
डॉ. सीएच वी राव ने कहा कि महत्वपूर्ण अवयव डीपीपी-4 को रोकता है और
इंसूलिन स्त्राव को बढ़ाता है। वे कहते हैं 'उत्पाद ने
परीक्षण की एक श्रृंखला पार की है और
प्रयोगात्मक विषयों में हाय्पोग्ल्यसमिक (रक्त में शर्करा का सबसे कम स्तर)
गतिविधि को दर्शाया है।'
एईमिल फार्मास्यूटिकल्स के उपाध्यक्ष डॉ.
अनिल शर्मा ने बताया कि इस दवा की कीमत 5 रूपये प्रति
टैबलेट है। यह राज्य के सभी प्रमुख
केमिस्ट काउंटर्स पर उपलब्ध है।
उनके मुताबिक उन्होंने
दवा को लॉन्च करने के लिए कालीकट चुना क्योंकि शहर में ग्लोबल आयुर्वेद फेस्ट
हो रहा था।
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