प्रधानमंत्री की
कुर्सी संभालने के बाद नरेंद्र मोदी ने सरकार के कामकाज को रफ्तार देने के लिए
सरकार का 10 सूत्री
अजेंडा तय किया और मंत्रियों को तीन मंत्र दिए। इसके साथ ही सभी मंत्रियों से कहा
गया है कि वे अपने मंत्रालय के लिए 100 दिन का अजेंडा बनाएं
और उस पर अमल करें।
मोदी कैबिनटे की दूसरी बैठक के बाद शहरी विकास और संसदीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों के सामने तीन अहम गाइडलाइंस 'सुशासन, कार्यकुशलता और क्रियान्वयन' रखते हुए इसके हिसाब से काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने मंत्रियों से कहा कि मुख्य मुद्दा सुशासन है। इसके ऊपर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बाद डिलिवरी सिस्टम पर भी ध्यान देना होगा। राज्य सरकारों से जो चिट्ठियां आती हैं, उन्हें महत्व दिया जाना चाहिए। संसद और जनता के भी सुझावों पर ध्यान देकर समाधान करने का प्रयास करना चाहिए।
पीएम ने कहा कि पहले 100 दिन में हर मंत्री अपना अजेंडा तय करें। इसके साथ ही विभाग में जो मुद्दे पेंडिंग हैं, प्राथमिकता से उनके समाधान का प्रयास करें। वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएम मोदी मंत्रियों और सचिवों के साथ अलग-अलग बैठकें भी किया करेंगे।
क्या है मोदी के इस 10 सूत्री अजेंडे में...
1-देश में नौकरशाही का मनोबल बढ़ाना होगा, जिससे अधिकारी नतीजों का सामना करने से न डरें।
2-शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली पर खास जोर दिया जाएगा।
3-सरकार के कामकाज में नए विचारों का स्वागत किया जाएगा।
मोदी कैबिनटे की दूसरी बैठक के बाद शहरी विकास और संसदीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी मंत्रियों के सामने तीन अहम गाइडलाइंस 'सुशासन, कार्यकुशलता और क्रियान्वयन' रखते हुए इसके हिसाब से काम करने को कहा है। उन्होंने कहा कि पीएम ने मंत्रियों से कहा कि मुख्य मुद्दा सुशासन है। इसके ऊपर प्राथमिकता से ध्यान दिया जाना चाहिए। इसके बाद डिलिवरी सिस्टम पर भी ध्यान देना होगा। राज्य सरकारों से जो चिट्ठियां आती हैं, उन्हें महत्व दिया जाना चाहिए। संसद और जनता के भी सुझावों पर ध्यान देकर समाधान करने का प्रयास करना चाहिए।
पीएम ने कहा कि पहले 100 दिन में हर मंत्री अपना अजेंडा तय करें। इसके साथ ही विभाग में जो मुद्दे पेंडिंग हैं, प्राथमिकता से उनके समाधान का प्रयास करें। वेंकैया नायडू ने कहा कि पीएम मोदी मंत्रियों और सचिवों के साथ अलग-अलग बैठकें भी किया करेंगे।
क्या है मोदी के इस 10 सूत्री अजेंडे में...
1-देश में नौकरशाही का मनोबल बढ़ाना होगा, जिससे अधिकारी नतीजों का सामना करने से न डरें।
2-शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली पर खास जोर दिया जाएगा।
3-सरकार के कामकाज में नए विचारों का स्वागत किया जाएगा।
4-सरकार में पारदर्शिता को बढ़ावा दिया जाएगा। ई-ऑक्शन
को बढ़ावा दिया जाएगा।
5-मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल का इंतजाम होगा।
6-जनता की उम्मीदें पूरी करने पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
7-अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जाएगा।
8-बुनियादी ढांचे को सुधारना और निवेश को बढ़ाना।
9-नीतियों पर तय समयसीमा पर अमल किया जाएगा।
10-सरकारी नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए।
प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेन्द्र मिश्र ने भी कैबिनेट बैठक से पहले मोदी के ऐक्शन पॉइंट्स का खुलासा किया। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मोदी के टारगेट्स को पूरा करने लिए पूरी सरकारी मशीनरी को चुस्त किया जाएगा। इस संकेत से समझा जा रहा है कि मंत्रियों की टीम के बाद अब मोदी ब्यूरोक्रेसी में अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि वह अपने अजेंडे को लागू कराने के लिए ब्यूरोक्रेसी पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। अगले हफ्ते कैबिनेट सेक्रेटरी से लेकर एक दर्जन अहम विभागों के सचिव बदले जाएंगे। सूत्रों के मोदी ने हर विभाग के सेक्रेटरी पद के लिए तीन संभावित नाम और उनके ट्रैक रेकॉर्ड तलब किए हैं।
मिश्रा ने बताया कि मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने के लिए एक समयसीमा तय होगी। लंबे समय से लटके अहम इनफ्रास्ट्रकचर प्रॉजेक्टस की अड़चनें दूर कर उन्हें रफ्तार देने पर फोकस किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि मोदी देश में प्रचुरता के बाद भी कोयले के आयात का मुद्दा भी उठा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी कोल इंडिया की रीस्ट्रक्चरिंग कर सकती है। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्रालय ने संकेत दिया है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश को 28.8 करोड़ टन (एमटी) कोयले की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
5-मंत्रालयों के बीच आपसी तालमेल का इंतजाम होगा।
6-जनता की उम्मीदें पूरी करने पर पूरा ध्यान दिया जाएगा।
7-अर्थव्यवस्था से जुड़ी चुनौतियों से निपटा जाएगा।
8-बुनियादी ढांचे को सुधारना और निवेश को बढ़ाना।
9-नीतियों पर तय समयसीमा पर अमल किया जाएगा।
10-सरकारी नीतियों में स्थायित्व होना चाहिए।
प्रधानमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेन्द्र मिश्र ने भी कैबिनेट बैठक से पहले मोदी के ऐक्शन पॉइंट्स का खुलासा किया। नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि मोदी के टारगेट्स को पूरा करने लिए पूरी सरकारी मशीनरी को चुस्त किया जाएगा। इस संकेत से समझा जा रहा है कि मंत्रियों की टीम के बाद अब मोदी ब्यूरोक्रेसी में अपने हिसाब से बदलाव कर सकते हैं, क्योंकि वह अपने अजेंडे को लागू कराने के लिए ब्यूरोक्रेसी पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं। अगले हफ्ते कैबिनेट सेक्रेटरी से लेकर एक दर्जन अहम विभागों के सचिव बदले जाएंगे। सूत्रों के मोदी ने हर विभाग के सेक्रेटरी पद के लिए तीन संभावित नाम और उनके ट्रैक रेकॉर्ड तलब किए हैं।
मिश्रा ने बताया कि मोदी की प्राथमिकता वाली योजनाओं को पूरा करने के लिए एक समयसीमा तय होगी। लंबे समय से लटके अहम इनफ्रास्ट्रकचर प्रॉजेक्टस की अड़चनें दूर कर उन्हें रफ्तार देने पर फोकस किया जाएगा। मिश्रा ने कहा कि मोदी देश में प्रचुरता के बाद भी कोयले के आयात का मुद्दा भी उठा चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि मोदी कोल इंडिया की रीस्ट्रक्चरिंग कर सकती है। गौरतलब है कि ऊर्जा मंत्रालय ने संकेत दिया है कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान देश को 28.8 करोड़ टन (एमटी) कोयले की कमी का सामना करना पड़ सकता है।